आज हम लेकर आए हैं फेसबुक से राजपुरोहित समाज के मास्टर साहब /गीतकार और भी कुछ कह सके वह है श्रीमान अरुण सिंह राजपुरोहित की वालों से यह पोस्ट चुरा कर लेकर आए हैं आपके लिए कुछ टिप्स दिए हैं उन्होंने उम्मीद करता हूं आप को पढ़कर आनंद जरूर आएगा और उनको तहे दिल से धन्यवाद इतना शानदार देखने के लिए
👍👍👍👍👍
लाइक इट
♠♠♠♠♠
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"यार इतनी मेहनत कर रहे हम, फिर भी इतना कम लाइक/कमेंट? बहुत बुरा लगता है यार"
"हम तो ज्यादे कुछ कभी लिखते ही नहीं तो लइकवा का कोनो टेंसन है ही नहीं, समझे न, काहे इतनी मेहनत करते हैं ?"
"यार लेकिन हम कोई पैसा थोड़े न मांग रहे , एक अंगूठा तक नहीं दबा सकते वो कहाँ के दोस्त, कैसे फॉलोवर्स, 5000 लिस्ट में हैं, 4500 फॉलोवर्स लेकिन लाइक तो देखो, साला बहुत गुस्सा आ जाता है यार, खुद पर भी और उन सब पर भी जो हमको मित्र बोलते हैं, अरे यार जब पढ़ना नहीं तो हमको क्यों चने के झाड़ पर चढ़ाया कि कुछ सार्थक लिखो, अब जब लिख रहे हैं तो कोई अता पता हैं उन सब का कि कहाँ गए। "
"अच्छा आप लोग अगर ध्यान से सुने तो मैं कुछ बोलूँ ?"
"अरे बोलिए न मास्साब, गुरुकुल में ये फॉर्मेलिटी कब से होने लगी?"
"यार इसे थोड़ा सिलसिलेवार समझते हैं, पहली बात इकलौते लाइक/कमेंट को अपनी रचना की कसौटी मत मानिए, इसके लिए थोड़ा मनोविज्ञान में भी घुसिए, मेरी इस आईडी से पहले जो आईडी थी उसमें केवल कन्याएँ एडेड थी, साला कुछ भी ऊल जलूल लिख दो वो आ जाती फिर उन्हें देख कर और भी ढेर सारे लोग, वो भी जो हमारी लिस्ट में नहीं थे। फिर एक दिन मौज आई और हम वो आईडी ही डिलीट कर आए। हीहीहीही "
"अरे मास्साब आप अपना पोथा खोल कर बैठ गए, मुद्दे की बात कीजिए न"
"वही कर रहा हूँ भाई, अच्छा तो सुनो किसी पोस्ट पर लाइक की संख्या पोस्ट की गुणवत्ता+सायकोलोजीकल अप्रोच के अनुक्रमानुपती होती है।"
"हैं..." "मतलब" "पहेलियां मत बुझाओ बे"
"यार आपकी पोस्ट पर लाइक बढ़ाने है तो ये 7 सूत्री कार्यक्रम अपनाओ :
1. लड़की बन जाओ, वो नहीं बन सकते तो लड़की के नाम से आईडी चलाओ, पुराना है पर प्रयोग द्वारा सिद्ध किया हुआ हिट फार्मूला है प्यारे केमिकल लोचे के चक्कर में गुणवत्तापूर्ण पोस्ट तो छोड़ो 'मैं कैछी लग रही हूँ' टाइप करके कोई फेक फोटो भी डाली तो लाइक का ढेर लग जाएगा।
2. फन्नी यूँ कि लल्लू बन जाओ, सभ्य रह कर छिछोरापंती करो, जोकर सबको पसन्द आते हैं, कन्याओं को हँसने हंसाने वाले लड़के बहुत पसंद आते हैं, तो कन्याएँ तुमसे भी आकर्षित होंगी ही और उन्हें देखकर और भी बहुत सारे लोग, नतीजा लाइक में बढोतरी।
3. फेसबुक सभी लिस्ट वाले मित्रों और फॉलोवर्स तक आपकी पोस्ट सीधे नहीं जाने देता, इसके अल्गोरिदम को समझो आपकी लिस्ट के एक बहुत थोड़े प्रतिशत लोग ही तुरन्त आपकी पोस्ट देख पाते हैं, उससे निजात पाना है तो कोशिश करो कि ज्यादा से ज्यादा लोग आपको "सी फर्स्ट" करें।
4.फेसबुकिए पाठकों में धैर्य का नितांत अभाव होता है, बहुत सारे लोग लम्बी पोस्ट या कहानी को उछाल कर स्क्रोल कर जाते हैं , अपने पाठकों को बांधे रखो, छोटी छोटी चटपटी पोस्ट से।
5. यहाँ गुटनिरपेक्ष लोगों को कोई नहीं पूछता, किसी घोर वामी या राष्ट्रवादी ग्रुप में घुस जाओ, वहाँ से इंस्टंट गालियों का क्रेश कोर्स करो, हो सके तो अपने फोन में ढेर सारी गालियां सेव करके रखो, जरूरत पड़ते ही हिंदू या मुस्लिम या जिसे भी परोसना चाहो, उसके काम आएंगी। गुंडा दल बहुत शानदार होते हैं, फॉलोवर्स की तो लाइन लग जाएगी यार।
6. लगातार एक जैसी पोस्ट करने से बचो, वरना जल्दी ही अघोषित रूप से 'बोर' का ठप्पा लग जाएगा , एकरसता से बचने के लिए पोस्ट में वेरिएशन रखो, कभी ज्ञानचंद बनो तो कभी ध्यानचंद, कभी कालिदास बन जाओ तो कभी तुलसीदास, समझ रहे हो न?
7. ऐसा भी नहीं है कि सारे लोग लड़कियों के चक्कर मे घूम रहे यहाँ, ऐसे बहुत सारे उदाहरण मिल जाएंगे जो बिना किसी ट्रिक के भी बहुत लोकप्रिय हैं। गुणवत्ता पर ध्यान दो, यूँ कि काबिल बनो कामयाबी तो झक मार कर मिलेगी ही मिलेगी। "
"वाह मास्साब की जय हो"
"ये जय वीरू छोड़ो प्यारे, अपन को इस लाइक कमेंट से कभी कुछ खास फर्क नहीं पड़ता, संख्या के हिसाब से देखें तो 100 से 200 के बीच लाइक रह जाते हैं मेरी पोस्ट पर, वॉल पर टहल आओ साल डेढ़ साल पहले की बिना लाइक वाली पोस्ट भी मिल जाएंगी, अपन तब भी वही थे अब भी वही हैं, जीवन मे झमेले और भी बहुत हैं, कम से कम यहाँ तो आनन्द लो यार हर पल का"
"वाह मास्साब के शोले, हाहाहा"
"हाहाहा..."
#जयश्रीकृष्ण
(1 साल पहले मजाक मजाक में गहरी रिसर्च लिख मारे थे हम 😝😛)
अरुण राजपुरोहित
https://www.facebook.com/rajpurohiit.arun
)
👍👍👍👍👍
लाइक इट
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"यार इतनी मेहनत कर रहे हम, फिर भी इतना कम लाइक/कमेंट? बहुत बुरा लगता है यार"
"हम तो ज्यादे कुछ कभी लिखते ही नहीं तो लइकवा का कोनो टेंसन है ही नहीं, समझे न, काहे इतनी मेहनत करते हैं ?"
"यार लेकिन हम कोई पैसा थोड़े न मांग रहे , एक अंगूठा तक नहीं दबा सकते वो कहाँ के दोस्त, कैसे फॉलोवर्स, 5000 लिस्ट में हैं, 4500 फॉलोवर्स लेकिन लाइक तो देखो, साला बहुत गुस्सा आ जाता है यार, खुद पर भी और उन सब पर भी जो हमको मित्र बोलते हैं, अरे यार जब पढ़ना नहीं तो हमको क्यों चने के झाड़ पर चढ़ाया कि कुछ सार्थक लिखो, अब जब लिख रहे हैं तो कोई अता पता हैं उन सब का कि कहाँ गए। "
"अच्छा आप लोग अगर ध्यान से सुने तो मैं कुछ बोलूँ ?"
"अरे बोलिए न मास्साब, गुरुकुल में ये फॉर्मेलिटी कब से होने लगी?"
"यार इसे थोड़ा सिलसिलेवार समझते हैं, पहली बात इकलौते लाइक/कमेंट को अपनी रचना की कसौटी मत मानिए, इसके लिए थोड़ा मनोविज्ञान में भी घुसिए, मेरी इस आईडी से पहले जो आईडी थी उसमें केवल कन्याएँ एडेड थी, साला कुछ भी ऊल जलूल लिख दो वो आ जाती फिर उन्हें देख कर और भी ढेर सारे लोग, वो भी जो हमारी लिस्ट में नहीं थे। फिर एक दिन मौज आई और हम वो आईडी ही डिलीट कर आए। हीहीहीही "
"अरे मास्साब आप अपना पोथा खोल कर बैठ गए, मुद्दे की बात कीजिए न"
"वही कर रहा हूँ भाई, अच्छा तो सुनो किसी पोस्ट पर लाइक की संख्या पोस्ट की गुणवत्ता+सायकोलोजीकल अप्रोच के अनुक्रमानुपती होती है।"
"हैं..." "मतलब" "पहेलियां मत बुझाओ बे"
"यार आपकी पोस्ट पर लाइक बढ़ाने है तो ये 7 सूत्री कार्यक्रम अपनाओ :
1. लड़की बन जाओ, वो नहीं बन सकते तो लड़की के नाम से आईडी चलाओ, पुराना है पर प्रयोग द्वारा सिद्ध किया हुआ हिट फार्मूला है प्यारे केमिकल लोचे के चक्कर में गुणवत्तापूर्ण पोस्ट तो छोड़ो 'मैं कैछी लग रही हूँ' टाइप करके कोई फेक फोटो भी डाली तो लाइक का ढेर लग जाएगा।
2. फन्नी यूँ कि लल्लू बन जाओ, सभ्य रह कर छिछोरापंती करो, जोकर सबको पसन्द आते हैं, कन्याओं को हँसने हंसाने वाले लड़के बहुत पसंद आते हैं, तो कन्याएँ तुमसे भी आकर्षित होंगी ही और उन्हें देखकर और भी बहुत सारे लोग, नतीजा लाइक में बढोतरी।
3. फेसबुक सभी लिस्ट वाले मित्रों और फॉलोवर्स तक आपकी पोस्ट सीधे नहीं जाने देता, इसके अल्गोरिदम को समझो आपकी लिस्ट के एक बहुत थोड़े प्रतिशत लोग ही तुरन्त आपकी पोस्ट देख पाते हैं, उससे निजात पाना है तो कोशिश करो कि ज्यादा से ज्यादा लोग आपको "सी फर्स्ट" करें।
4.फेसबुकिए पाठकों में धैर्य का नितांत अभाव होता है, बहुत सारे लोग लम्बी पोस्ट या कहानी को उछाल कर स्क्रोल कर जाते हैं , अपने पाठकों को बांधे रखो, छोटी छोटी चटपटी पोस्ट से।
5. यहाँ गुटनिरपेक्ष लोगों को कोई नहीं पूछता, किसी घोर वामी या राष्ट्रवादी ग्रुप में घुस जाओ, वहाँ से इंस्टंट गालियों का क्रेश कोर्स करो, हो सके तो अपने फोन में ढेर सारी गालियां सेव करके रखो, जरूरत पड़ते ही हिंदू या मुस्लिम या जिसे भी परोसना चाहो, उसके काम आएंगी। गुंडा दल बहुत शानदार होते हैं, फॉलोवर्स की तो लाइन लग जाएगी यार।
6. लगातार एक जैसी पोस्ट करने से बचो, वरना जल्दी ही अघोषित रूप से 'बोर' का ठप्पा लग जाएगा , एकरसता से बचने के लिए पोस्ट में वेरिएशन रखो, कभी ज्ञानचंद बनो तो कभी ध्यानचंद, कभी कालिदास बन जाओ तो कभी तुलसीदास, समझ रहे हो न?
7. ऐसा भी नहीं है कि सारे लोग लड़कियों के चक्कर मे घूम रहे यहाँ, ऐसे बहुत सारे उदाहरण मिल जाएंगे जो बिना किसी ट्रिक के भी बहुत लोकप्रिय हैं। गुणवत्ता पर ध्यान दो, यूँ कि काबिल बनो कामयाबी तो झक मार कर मिलेगी ही मिलेगी। "
"वाह मास्साब की जय हो"
"ये जय वीरू छोड़ो प्यारे, अपन को इस लाइक कमेंट से कभी कुछ खास फर्क नहीं पड़ता, संख्या के हिसाब से देखें तो 100 से 200 के बीच लाइक रह जाते हैं मेरी पोस्ट पर, वॉल पर टहल आओ साल डेढ़ साल पहले की बिना लाइक वाली पोस्ट भी मिल जाएंगी, अपन तब भी वही थे अब भी वही हैं, जीवन मे झमेले और भी बहुत हैं, कम से कम यहाँ तो आनन्द लो यार हर पल का"
"वाह मास्साब के शोले, हाहाहा"
"हाहाहा..."
#जयश्रीकृष्ण
(1 साल पहले मजाक मजाक में गहरी रिसर्च लिख मारे थे हम 😝😛)
अरुण राजपुरोहित
https://www.facebook.com/rajpurohiit.arun
)