15.9.13

ब्रह्मधाम गादीपति का चातुर्मास समापन 19 को, कई धार्मिक आयोजन होंगे!

ब्रह्मधाम गादीपति श्री तुलसारामजी महाराज का चातुर्मास समापन 19 को, कई धार्मिक आयोजन होंगे, तीर्थ पर तैयारियां जोरों पर 

'ईश्वर प्राप्ति का सुगम मार्ग भक्ति' वेदांताचार्य
 श्री ध्यानाराम जी महाराज के श्रीमुख से
 श्री खेतेश्वर तीर्थ पर पीठाधीश्वर तुलछाराम महाराज का दो माह से चल रहा 33वां चातुर्मास तप व्रत का समापन 19 सितंबर को धूमधाम से होगा। इस दिन वेदांताचार्य ध्यानाराम महाराज की ओर से श्रीमद्भागवत कथा का समापन किया जाएगा। 

तीर्थ एवं ट्रस्ट महामंत्री भंवरसिंह कनाना ने बताया कि 16 सितंबर से चातुर्मास संपन्न के अवसर पर तीन दिवसीय गायत्री महायज्ञ प्रारंभ होगा। महायज्ञ में मुख्य यजमान पीठाधीश्वर श्री तुलछाराम महाराज का दस विधि स्नान कर यज्ञोपवित धारण कर गणपति पूजन वरणी बंधन कर पीठ पूजा की जाएगी तथा अरणी मंथन कर यज्ञ प्रारंभ किया जाएगा, जिसकी पूर्णाहुति 18 सितंबर को अनन्त चतुर्दशी के दिन होगी। इसी दिन शाम को 1100 दीपक प्रज्जवलित कर विधिविधान से पीठाधीश्वर तुलछाराम महाराज का 61वां जन्म दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। अनन्त चतुर्दशी को वेदांताचार्य ध्यानारामजी महाराज एवं अखाराम महाराज का अनन्त चतुर्दशी व्रत उद्यापन किया जाएगा, जिसमें अन्तियों के साथ हजारों भक्त-भाविक भाग लेंगे। 17 सितंबर को रात्रि जागरण का आयोजन होगा। महाराज के चातुर्मास समापन पर स्थानीय सहित दूर-दराज के हजारों भक्तगण भाग लेंगे। इस आयोजन को लेकर पूरे ब्रह्मधाम प्रांगण को रंग-बिरंगी रोशनी व फूलों से सजाया जाएगा। 

ब्रह्मसरोवर पर रोजाना धार्मिक आयोजन- 

अनंत श्री विभूषित ब्रह्म सावित्री सिद्ध पीठाधीश्वर तुलछाराम महाराज मौन व्रत के साथ श्री ब्रह्मसरोवर पर अपने 33 वें चातुर्मास तप में तपस्यारत है। रोजाना बड़ी संख्या में भक्त-भाविक श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम दर्शनार्थ आ रहे हैं। इधर चातुर्मास व्रतोत्सव के दौरान गत दो माह से अनेक धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है। ट्रस्ट के महामंत्री भंवरसिंह कनाना ने बताया कि चातुर्मास व्रतोत्सव के दौरान रक्षाबंधन, श्री कृष्ण जन्माष्टमी व गणेश चतुर्थी का आयोजन आस्था व श्रद्धा से आयोजित हुए। भाद्रपद शुल्क दशमी रामदेव जयंती के अवसर पर श्री ब्रह्मा सावित्री सिद्ध पीठाधीश्वर तुलछाराम महाराज लोक देवता बाबा रामदेव मंदिर पहुंचे। वेदांताचार्य ध्यानाराम महाराज ने श्री ब्रह्मधाम स्थित बाबा रामदेव मंदिर का ध्वजारोहण किया। वेदांताचार्य ध्यानाराम महाराज एवं अखाराम महाराज ने बाबा रामदेवजी की महाआरती की। ब्रह्मधाम गादीपति ने लोक देवता बाबा रामदेव से सर्वे भवंतु सुखिन सर्वे संतु निरामया की कामना की। 
बाबा के मंदिर पर ध्वजा चढ़ाने जाते श्रद्धालु व ब्रह्मसरोवर
पर कथा का वाचन करते ध्यानाराम महाराज। 
 अनंत श्री विभूषित ब्रह्मा सावित्री सिद्ध पीठाधीश्वर तुलछाराम महाराज के 33वें चातुर्मास व्रतोत्सव में सवेरे-शाम वेदांताचार्य ध्यानाराम महाराज के श्रीमुख से श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण कर हजारों भाविक भक्तिरस से डूब रहे हैं। श्रीमद्भागवत कथा में श्री कपिलदेव ने माता श्री को ईश्वर प्राप्ति का जो मार्ग बताया, उसका वर्णन करते हुए वेदांताचार्य ने कहा कि ईश्वर प्राप्ति का सुगम मार्ग भक्ति मार्ग है। मनुष्यों का कल्याण आत्मा और अनात्मा के विचार से ही होता है। इससे सुख-दुख दोनों की निवृत्ति हो जाने पर जीव को परम शांति प्राप्त हो जाती है। जब चित्त विषयों में आसक्त रहता है, तब जीव का बंधन होता है और चित्त ईश्वर में लग जाता है। तब उसका मोक्ष ही जाता है। जब मनुष्य का मन कामादि दोषों से रहित हो शुद्ध हो जाता है, तब उसे न तो सुख होता है और न ही दुख। ऐसी अवस्था में वह आत्मा को प्रकृति के परे देखता है और उसका देहाभिमान नष्ट हो जाता है। अत: भगवत् प्राप्ति के लिए भक्ति से बढ़कर और कोई मार्ग नहीं है। भक्त भी तीन प्रकार के होते हैं, जो भगवान को मंदिर की मूर्ति तक सीमित रखते हैं वे प्राकृत या साधारण भक्त है, दूसरे जो भगवान को मूर्ति एवं चलने फिरने संतों में देखते हैं। वे मध्यम एवं जो जीव माप्र में भगवान का दर्शन करते हंै। वे सर्वश्रेष्ठ भक्त है। अत: जीवमात्र में भगवान का निवास है एवं जो भगवान की बनाई इन मूर्तियों याति जीवों क अनादर करता है या उन्हें दुख पहुंचाता है वह अधर्मी है। चाहे वह यज्ञ, हवन या कितना ही दान पुण्य करें, तभी वह इस महापाप से मुक्ति नहीं पा सकता। अत: हमें जीवमात्र से प्रेम करना चाहिए। जीव मात्र से प्रेम हमें प्राप्त होगा। 
साभार :- भास्कर न्यूज. बालोतरा

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