19.9.13

श्री तुलछारामजी महाराज के चातुर्मास व्रतोत्सव समापन पर आसोतरा में निकली शोभायात्रा

 श्री ब्रह्मधाम गादीपति श्री तुलछारामजी महाराज सवेरे 10.15 बजे रथ पर विराजमान होकर शोभायात्रा के साथ वैकुण्ठधाम गए और जहां गुरु महाराज ब्रह्मशंत्वार ब्रह्मर्षि श्री 1008 श्री खेताराम जी महाराज की पूजा-अर्चना कर और श्री ब्रह्माजी के मंदिर में जगतपितामह ब्रह्माजी की पूजा-अर्चना की और बाद में पांडाल में भक्त-भाविकों को आशीर्वाद एवं आशीर्वचन प्रदान किया ! 
श्री ब्रह्मा सावित्रीसिद्ध पीठाधीश्वर श्रीतुलछारामजी महाराज का चातुर्मास समापन कार्यक्रम समापन न्यूज़ ....और फोटो..... 

ब्रह्माजी मंदिर में महाराज ने जगतपितामह ब्रह्माजी की पूजा-अर्चना कर वंदन किया गया। शिव धुणे, लक्ष्मीनारायण मंदिर, शिव मंदिर में भी पूजा-अर्चना की। पूजा-अर्चना के बाद परिसर के पांडाल में आसन पर बैठकर भाविकों को आशीर्वाद प्रदान किया। पांडाल में भाविकों को आशीर्वचन प्रदान करते हुए कहा कि जहां प्रेम भावना है, उसके ह्रदय में भगवंत बसते हैं। जीवमात्र के प्रति प्रेम की भावना रखों। इससे भगवान तुरंत प्रसन्न होंगे।

कल्पवृक्ष से श्रेष्ठ है श्रीमद् भागवत' : 

गुरूवार को महाआरती के साथ श्रीमद् भागवत कथा का समापन हुआ। श्रीमद् भागवत कथा के समापन पर वेदांताचार्य ध्यानाराम महाराज ने कहा कि सूतजी ने शोतक को संपूर्ण सिद्धांतों का निष्कर्ष बताते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा जीवमात्र के लिए कल्पवृक्ष से बढ़कर है, जो उसे जन्म-मृत्यु के भय से मुक्त कराती है। चिंतामणि केवल लौकिक सुख प्रदान कर सकती है। कल्प वृक्ष अधिक से अधिक स्वर्गीय संपति दे सकता है, परंतु श्रीमद् भागवत कथा के निर्मलचिन से श्रवण-स्मरण करने से योगिदुर्लभ नित्य बैंकुण्ठ धाम प्राप्त कर सकता है।
News & Photo By 
Shri Kishor Raj Asada 




3 comments:

  1. जय दाँता री सा आदँरणीय कर्मवीर श्री सवाईसीहँजी आपकी हर एक पोस्ट दील मे शीतलता प्रदान करती है दाँता आपको सफलता प्रदान करे ऐसी कामनाँए करते है

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    1. आदरणीयश्री श्याम जी आपका दिल से धन्यवाद ओर गुरु महाराज की असीम कृपा आप ओर आपके परिवार पर बनी रहे ऐसी प्रर्थना श्री दाता श्री से

      ओर आप से एक बार फिर से निवेदन है कि आप मुझे से बहुत बडे है मेरे लिए इतने बडे शब्दो का प्रयोग नही करे ये मेरी प्रर्थना है आप से.....

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  2. जय दाँता री सा हमारे आदँरणीय पूरोहितजी आपके समाज उपयोगी कार्यो की हम सराहना करते है ओर रही बात जी और श्री की तो वो हक आप हमसे नही छीन सकते आप आप हो आपके बारे मे बहूत कोशीश के बाद भी हमारी कलम चल पङती है माफ करना मजबूर है अच्छे कामो की सराहना करने के जय हो मरुधँर के महाराज हमारे सरताज दाँता श्री की

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