पातलिसर पुरोहितान के पंचों का ऐतिहासिक फैसला-
सवाई बड़ी के बागुड़ी बास की राह पर चलते हुये पातलिसर के पंचों ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुये समाज सुधार हेतु कदम बढ़ा दिये है। दो दिन पहले हुई न्यात में अम्ल पर 10 दिनों तक पूर्ण प्रतिबंद रहा। वही आंशिक रूप से ग्यारवे दिन(डांगडी रात)दोपहर 12:30 बजे से बारवे दिन(न्यात)को 12:30 तक ही अमल की सूक्ष्म मनुहार की गई। अमल की मनुहार भी सिर्फ एक ही व्यक्ति द्वारा की गई। बुजुर्ग व्यक्ति द्वारा मनुहार होने के कारण किसी प्रकार की जोर जबरदस्ती नही हुई।शोक भंजाई रश्म में अमल पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहा। इस अवसर पर उपस्थित समाज बंधुओं ने पातलिसर के पंचों की भूरी भूरी प्रशंसा की। आशा है समाज से नशा मुक्त हेतु युवा पीढ़ि को सन्देस देने के लिये पातलिसर के पंचों से अन्य गांवों के पंच भी कुछ सीखकर आये होंगे...........
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