मलूकपीठाधीश्वर राजेन्द्रदास महाराज एवं निम्बार्काचार्य गोपालशरण देवाचार्य महाराज ने पथमेडा ,गोलासन नंदीषाला ,नंदगांव और बिजरोल खेडा हवाई मार्ग से पहुंचे!
संतवृदों ने गो चिकत्सालय में बीमार गोवंष के दर्षन कर आपदा में गोलोकवास हुए गोवंष को दी श्रद्धांजली!
गोऋशि स्वामीजी कोलकत्ता से मौसम के कारण नहीं पहुंच पाये ,उनके मार्मिक संदेष ने किया सबको भाव विहल!
सांचोर, 09 अगस्त। श्रीपथमेडा गोधाम महातीर्थ में अतिवृष्टि व बाढ पीडित गोवंश के दर्शनार्थ जगद्गुरू द्वाराचार्य मलूकपीठाधीश्वर राजेन्द्रदासजी महाराज-श्रीधाम वृंदावन एवं परम पूज्य निम्बार्काचार्य गोपालशरण देवाचार्य महाराज-गोलोकधाम दिल्ली हवाई मार्ग से पथमेडा पहुंचे। वरिश्ठ संतों की हेलीपैड पर पथमेडा संरक्षक संत गोविन्द बल्लभदास महाराज,नंददास महाराज, रामरतन महाराज एवं कथाकार विटठल कृश्ण महाराज ने आगवानी की ।
सभी संतों ने सीधे अतिवृश्टि व बाढ प्रभावित बीमार गोवंष के दर्षन कर पूरी गोशाला का अवलोकन किया। इस आपदा में गोलोकवास हुए गोवंष को सामूहिक समाधि स्थल पर जाकर श्रद्धांजली दी। तदपष्चात पथमेडा मुख्य द्वार के बहार विषाल पंडाल में आयोजित गोभक्त सभा में हजारों गोभक्त नर-नारी एवं बच्चों ने संतों का आषीवर्चन श्रवण किया। पथमेडा गोशाला से संतवृंद हेलीकाप्टर से गोलासन नंदीशाला,बिजरोल खेडा तथा नंदगाँव पधारे। सभी जगहों पर संतों ने उतरकर गोवंष के दर्षन किए। बिजरोल खेडा में उतरकर यहां चातुर्मास कर रहे परम पूज्य श्रीतुलछारामजी महाराज से मिलकर धार्मिक-अध्यात्मिक गोहितार्थ मंत्रणा की।
उपरोक्त जानकारी देते हुए श्रीपथमेडा गोधाम महातीर्थ के राष्ट्रीय प्रवक्ता पूनम राजपुरोहित ‘‘मानवताधर्मी’’ ने बताया कि कोलकत्ता से मौसम व उडान संबधी कारणों से परम श्रद्धेय गोऋशि स्वामी श्रीदत्तषरणानंदजी महाराज नहीं पहुंच पाने से उनके दर्षन को आतुर हजारों गोसेवकों में मायूसी रही। परन्तु जैसे ही मंच से गोऋशि स्वामीजी महाराज का भेजा गया मार्मिक संदेष सुनाया गया तो पूरी सभा भाव विहल हो उठी। गोभक्त सभा मे सभी संतों ने अपने-2 संक्षिप्त उदबोधन में कहा कि इस बाढ की आपदा में गोवंष ने पूरी मानव जाति की पीडा अपने उपर लेकर अपना बलिदान देकर हम सबको बचाया है। संतों ने पथमेडा को पूरे भारत के गोसेवा-गोरक्षा आन्दोलन एवं जन जागृति की आधारषिला बताते हुए गोसेवक जनमानस से अब पहले से दस गुणा अधिक एकजुटता से जुटकर पथमेडा की सेवा में लगने की अपील की।
गोभक्त सभा में महंत श्री दिनेषगिरि महाराज-फतेहपुर षेखावाटी,रघुनाथ भारती महाराज-सिणधरी,युवाचार्य श्रीषुभमजी महाराज-वीरायतन राजगीर,नारायणपुरी महाराज,सुभाश महाराज,गोगाजी धाम झोटडा के पुजारी,पं पुखराज दिवेद्धी,डा.ललित दिवेद्धी आदि की उपस्थिति रही। इस अवसर पर गोषाला कार्यकारिणी के राव मोहनसिंह चितलवाना,केसाराम सुथार,रघुनाथसिंह षिवतलाव,धन्नराज चैधरी, केवलाराम पालडी ,पूनम राजपुरोहित ‘‘मानवताधर्मी’’, प्रवीणकुमार पुरोहित, आलोक सिंघल,भाखराराम विष्नोई,दिनेषकुमार धुडवा,चंदनसिंह चैहान,हिन्दुसिंह दुढवा, मेघराज मोदी ,अमराराम माली, दिनेषकुमार दांतिया,घुडाराम चैधरी ,जानकीप्रसाद गुप्ता,दामोदर प्रसाद आदि सैंकडों वरिश्ठ गोसेवक उपस्थित थे।
गोमाता का बलिदान व्यर्थ नहीं जाकर गोभक्तों को राश्ट्रव्यापी मजबूती देगा: गोऋशि स्वामी श्री दत्तषरणानंद महाराज पथमेडा संस्थापक एवं प्रधान संरक्षक परम श्रद्धेय गोऋशि स्वामी श्रीदत्तषरणानंदजी महाराज कोलकत्ता से मौसम व उडान संबधी समस्या के कारण पथमेडा नहीं पहुंच पाये थे । परन्तु जब गोऋशि स्वामीजी महाराज का गोसेवक जनमानस के नाम भेजा गया मार्मिक संदेष सभा में जगद्गुरू द्वाराचार्य मलूकपीठाधीश्वर राजेन्द्रदासजी महाराज-श्रीधाम वृंदावन ने पढकर सुनाया तो हजारों नर-नारी भाव विहल हो उठे।
गोऋशि स्वामीजी महाराज ने अपने संदेष में प्रलंयकारी बाढ व अतिवृश्टि से पथमेडा,गोलासन व नंदगांव में गोवंष पर आये संकट व पीडा से उनके मन में पैदा मर्माहंत करने वाली व्याकुलता व पीडा को रखते हुए इस विपदा घडी में अथक सेवा में जुटे रहने वाले गोसेवकों,गवालों एवं गो भामाषाहों को हार्दिक साधुवाद दिया। उन्होंने अपने संदेष में इस दुःखद घडी में लाख चाहकर भी गोवंष के मध्य नहीं पहुंच पाने से गहरी आत्मिक पीडा व्यक्त करते हुये पथमेडा-गोलासन-नंदगांव के गोवंष तथा पथमेडा से जुडे देष भर गोसेवकों से क्षमा याचना की।
गोऋशि स्वामीजी महाराज ने कहा है कि यह पूरे भारतवर्श एवं पूरी मानवता पर आने वाली विपदा थी ,जिसे गाय ने अपने ऊपर लेकर हम सबको बचाने के लिए बलिदान दिया है। यह गोमाता का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा तथा आने वाले समय में गोभक्तों की एकजुटता से संपूर्ण देष में गोमाता को वैदिक गौरव मिलने का मार्ग प्रषस्त होगा।
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प्रस्तुतिः- श्रीकामधेनु गौ-अधिकार न्यूज एंड फीचर्स!
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