15.12.18

असाडा में गाजे बाजे के साथ हुआ महासती की प्रतिमा का जीर्णोद्धार

     बालोतरा निकटवर्ती गाव असाडा में राजपुरोहितो का वास  में वर्षों पुरानी महासती की प्रतिमा का विधिवत रूप से जीर्णोद्धार  किया गया।  असाडा गाव के राजपुरोहित समाज के डावीयाल गोत्र  के  असाडा की स्थापना  स्वत 1562 से  लेकर गाव के इतिहास को दोहराते हुए ।


   युवा किशोर सिंह  राजपुरोहित असाडा ने बताया कि सवंत 1849  में श्री मति जिंवा देवी  मथर  धर्मपत्नी श्री फतेहसिंहजी डावीयाल  ने विशेष कारण को लेकर  सतीप्रथा को निभाते हुए अपनी देह को सतीत्व की ज्वाला में समर्पित कर दिया   पूर्व इतिहासकारों ने   देवीसती के सती होने के विशेष कारण को ध्यान में रखकर सती  को महासती  मथर मॉ  का दर्जा दिया।

      हाल ही में  उनकी प्रतिमा का नव निर्माण कर विधिवत रूप से रात्रि जागरण रखकर सुबह  शुभ मुहूर्त में  मूर्ति  की स्थापना  हवन की पूर्णाहुति  देकर ढोल नगाड़ो के धमाकों के साथ गगन चुम्बी जयकरों के  बीच  साधु संतों की उपस्थिति में विशेष पूजाअर्चना कर मंत्रोच्चार  से कि गयी इसी कार्यक्रम में  भव्य महाप्रसादी का आयोजन किया गया जिसमें सभी भाविकों ने बढ़ चढ़ कर लाभ लिया  समाज के संघठन  श्री खेतश्वर युवा फोर्स के सभी कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम की कमान को संभालते हुए  कार्यक्रम सुदृढ़ और सफलतापूर्वक अंतिम रूप दिया ।

      इसी दौरान गाव में समाज के  वरिष्ठ धुकसीह जी , माधुसिंह जी,  कोजराजसिंह जी , गीगासिंहजी ,  मंगलसिंह,  खीमसिंह,  राजूसिंह , मंगलसिंह ,  हंसराज , मलसिंह, नरपतसिंह, सुजानसिंह, मोहनसिंह, मुकनसिंह , अर्जुनसिंह  विजयसिंह , पुंजराज, मांगीलाल , भिखसिंह , पुखराज ,घेवरसिंह  आदि कई लोग मौजूद रहे.।

यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर (Join this site) अवश्य बने. साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ. यहां तक आने के लिये सधन्यवाद.... आपका सवाई सिंह राजपुरोहित

No comments:

Post a Comment

यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर(Join this site)अवश्य बने. साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ. यहां तक आने के लिये सधन्यवाद.... आपका सवाई सिंह 9286464911