28.5.20

मोटो गाँव तालकिया ने बड़ला वाली छाह

🚩जलम  भोम  री  बात 🚩
मोटो गाँव तालकिया ने बड़ला वाली छाह ।
तीन हथाई वालो  बास हैं 
 वाह तालकिया वाह।।
जल गहरो गहरी समझ 
गहरो ज्ञान अथाह ।
मोत्याॅ मुहंगा नर अठे 
वाह तालकिया वाह।।
अन्न घणा मिरचो निपजे 
बरसे मेह  घणाॅय ।
तो बिन घड़ी न आवडे 
वाह तालकिया वाह। 
कॅवरा भॅवरा ठाकराॅ 
सोहे शुभराजाॅह ।
"'नेन्यो" कुल कीरत कथे
वाह तालकिया वाह ।।
पुरूष जठे पुरषारथी 
पूगे  पर  देसाॅह ।
सैठ बण धन संचणा
वाह तालकिया वाह।।
इण खाण्या हीरा  निपेह 
लाखीणी लालाॅह ।
दंग देख  जग जौहरी
वाह तालकिया वाह।।
धिन धिन गाँव तालकिया धिन तालकिया री शान ।
भोजराज जेडा सूरवीर हुआ 
पायो   अनूथो  मान ।।
धन्य  धन्य  भोजराज 
धन्य कुल उदा राठौड ।

धन्य  धरा  मरूधरा 
जन्मे शूरा सिरमौड ।।

चौदहवीं वर्ष गाँठ पर राजस्थानी दोहे 
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वीर शिरोमणि दादोसा भोजराजसिंहजी, ठिकाना तालकिया 
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आडो रहयो उदा रे  दिल ' सुध ' भोजराज ।
जीवण भर रण जूझियो अमर हुआ महाराज ।।
कूपसिंघ रो वंश कहिजे 
शूर वीरों री खान ।
तिंवरी ज्यो रो गढ कहिजे 
जग चावी  ओलखाण ।।
उदावत सिंधल घमासान मे 
पिण्ड तज दिया प्राण ।
अगवानी  री  अम्रता 
जाहर हुयी जोधांण ।।
जैतारण मुक्ति तन तज्यो 
रिपुआॅ  कीन  ख्लाॅह ।
जग अॅजसे भोजराज ने 
वाह तालकिया वाह।।
कियो अणूथो काम 
मालिक री मनसा मुजब ।
आखिर पाय ईनाम 
सेवा कारण शिरोमणि ।।
सम्वत् पन्द्रह सौ पिचतर 
जेठ मास वद दूज ।
उदो शासन सोपियो 
भोजराज पग पूज ।।
धन्य गाँव तालकिया 
जिणरो नाम गूँजे सब ओर ।
भोजराज  जेडा सूरवीर हुआ 
मिरचो लिये मशहूर ।।
तालकिया गौरव  लिखियो
कवि आज किशोराय ।
बुध तेरस वैशाख वद 
वाह तालकिया वाह ।।
🙏✍🙏
किशोरसिंह राजपुरोहित तालकिया

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