30.8.23

समाज के हितार्थ "श्री राजपुरोहित कल्याण बोर्ड" का गठन क्यों आवश्यक है आईए जानते हैं।

श्री राजपुरोहित कल्याण बोर्ड का गठन समाज को आज इसकी आवश्यकता क्यों है हम इस पोस्ट के माध्यम से जानने का प्रयास करेंगे पिछले कुछ महीनो से सोशल मीडिया अन्य प्लेटफार्म के माध्यम से हम लोगों ने बहुत से समाज के राजस्थान गवर्नमेंट द्वारा बोर्ड बनाए जाने का सुना होगा इसके लिए हम सभी ने भी पिछले दो-तीन महीने तक हम सक्रिय रहे चाहे सोशल मीडिया हो या चाहे नेता नगरी हो हमने हर तरीके से प्रयास किया लेकिन सफलता अभी भी हमसे काफी दूर है हम लोगों को एक बार फिर से इस मुहिम को शुरू करना चाहिए ताकि अन्य समाज की तरह हमारे समाज का भी एक बोर्ड बन सके। इस मुहिम से कहीं सांसद, कई विधायकों ने, पंचायत सदस्यों ने आदि ने अपने स्तर पर प्रयास किए हैं और माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र के माध्यम से अवगत भी करवाया साथी 31 जुलाई 2023 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर भी काफी ट्वीट किया गया।

हम राजपुरोहित समाज माननीय राजस्थान सरकार से पुरजोर और संगठित तरीके से यह मांग करते है की हमारे समाज के हितों की रक्षार्थ तथा निम्न उद्देश्यों की पूर्ति हेतु "श्री राजपुरोहित कल्याण बोर्ड" का गठन करे । जिससे राज्य में रह रही ४० से ४५ लाख राजपुरोहित आबादी को लाभ पहुंच सके!

इस बोर्ड के गठन उपरांत हम सभी राजपुरोहित राजस्थान राज्य सरकार का आभार समझेंगे। 

1:-ब्रह्मावतार खेताराम जी महाराज की परोपकारी और कल्याणकारी शिक्षाओं का प्रचार प्रसार करना।

2:-राजस्थान के शोर्यशाली वैभवशाली इतिहास में राजपुरोहितों की भूमिका हेतु शोध संस्थान की स्थापना।

3:- राजस्थान के इतिहास में सूचीबद्ध लोक देवता "वीर फतेह सिंह साथू गजानी" का पुरा नाम लोकदेवता "वीर फतेह सिंह जी गजानी राजपुरोहित" नाम रखवाना।

4:- राजपुरोहितों के पूर्वजों ने जिन ऐतिहासिक मंदिरों का निर्माण करवाया वहा उनके नाम योगदान और तस्वीरों को लगाना।

5:- वीरांगना सुजा बाईसा लाडनूं के नाम से लाडनूं में किसी राजकीय विद्यालय का नामकरण करना तथा वीरांगना सूजा बाईसा की अश्वरुढ प्रतिमा स्थापित करवाना। 

6:- हमारे वीर वीरांगनाए जुंझार सतियो को गांवो के हिसाब से सूचीबद्ध करना, उनके थान, छतरियो का पुर्ननिर्माण और सरंक्षण करवाना
तथा प्रत्येक राजपुरोहित गांव में जहां कही जुंझार और शूरमाओ योद्धाओं की प्रतिमाएं खंडित अवस्था मे है उनकी सार संभाल करना।

7:-EWS में आयु सीमा में छूट का प्रावधान।

8. पंचायती राज व अन्य चुनावो मे EWS आरक्षण।

9.- राज्य सरकार द्वारा गौ संवर्धन और खाद्य पदार्थों हेतु चलाए जाने वाले कार्यक्रमों और बोर्डो में राजपुरोहितो की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित कराना।

10:-ऐतिहासिक महापुरुषों योद्धाओं की प्रतिमाएं बनवाना व खेतेश्वर पेनोरमा बनवाना

अन्य सभी समाजों के बोर्ड सरकार ने बना रखे है तो राजपुरोहित समाज के साथ भी भेदभाव की स्थिति पैदा किए बिना तुरंत प्रभाव से इस बोर्ड के गठन का आदेश दिलावे।

राजपुरोहित अनादि काल से राष्ट्र उत्थान और विकास में सदा अग्रणी रहे है 
मातृभूमि और स्त्री रक्षा हेतु बलिदान देने भी सदैव आगे है 
यह शांतिप्रिय समाज नशा मुक्त तथा पाखंड मुक्त समाज है!

ब्रह्मावतार गुरुहाराज खेताराम जी के जनकल्याण-कारी प्रवचनों पर चल कर सामाजिक समरसता की नीव मजबूत करने में महती भूमिका अदा कर रहा है

ऐसे जन परोपकारी समाज के हितार्थ "श्री राजपुरोहित कल्याण बोर्ड" का गठन आवश्यक है।

निवेदक:-अखिल भारतीय राजपुरोहित समाज एवम समस्त राजपुरोहित संगठन!

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