7.4.13

श्री ब्रह्मधाम आसोतरा में असामाजिक तत्वों ने मंदिर में की तोड़फोड़


आज श्री ब्रह्मधाम आसोतरा में असामाजिक तत्वों ने मंदिर के चोकीदार के सर पर जानलेवा वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया और मंदिर परिसर में अभद्र भासा का प्रयोग करते हुए तोड़फोड़ की , जिसके विरोध मैं अभी हजारो ब्राह्मण बंधू मंदिर मैं विरोध प्रदर्शन कर रहे है!


मारपीट की घटना ने पकड़ा तूल,स्टेट हाईवे दो घंटे रहा बंद
ब्रह्मधाम के चौकीदार के साथ यात्रियों ने की मारपीट,हालात काबू में,जाब्ता तैनात
बालोतरा।
राजपुरोहित समाज के प्रमुख धर्मिक स्थल ब्रह्मधाम आसोतरा में दर्शन के लिए मध्यप्रदेश के जाबुआ से आए जैन तीर्थ यात्रा संघ के यात्रियों ने मंदिर के चौकीदार के साथ मारपीट की ओर मंदिर का मुख्य दरवाजा तोड़ दिया। आसोतरा ब्रह्मधाम मंदिर में हुई इस घटना के विरोध में आक्रोशित राजपुरोहित समाज के लोग इकठ्ठा हो गये ओर स्टेट हाईवे को जाम कर दिया जिससे माहौल बिगड् गया ओर मारपीट की घटना के आरोपियो को गिरफ्तार करने की मांग पर देर शाम तक अड़े रहे। मध्यप्रदेश से दर्शन के लिए यात्रियों के संघ ने दर्शन करने के लिए अंदर जाते वक्त किसी बात को लेकर चौकीदार से कहासुनी हो गई जिससे चौकीदार से मारपीट करनी शुरू कर दी। इस घटना की खबर आस पास के समाज के लोगो तक आग की तरह फैल गई ओर वे मंदिर के जमा हो गये आक्रोशित लोगो ने मंदिर के बाहर स्टेट हाईवे को जाम कर विरोध जताया। पुलिस घटना के डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची जिसमें राजपुरोहित समाज व ट्रस्टीयों में रोष व्याप्त था। मामले की गंभीर स्थिति को देखकर पुलिस थाना बालोतरा,समदड़ी,सिवाना,पचपदरा,क­ल्याणपुर,बायतू,मंडली से जाब्ते को बुलाकर मौके पर तैनात कर स्थिति को काबू में किया। देर शाम तक समझाईश का दौर चलता रहा मामले में समझाईश करने के लिए उपखंड़ अधिकारी कमलेश आबूसरिया, अपर पुलिस अधिक्षक नरेन्द्रसिंह मीणा,पुलिस उपअधिक्षक रामेश्वरलाल मीणा,पुलिस थानाधिकारी कैलाशचंद मीणा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संघ पति,व दो अन्य लोगो को हिरासत में लिया। देर शाम दूसरे पक्ष के जैन समाज के लोग भी मामले को सुलझाने की समझाईश को लेकर हुल्लास बाफन,महेन्द्र चौपड़ा,चंद्रशेखर,उत्तम मेहता सहित समाज के कई लोग ब्रह्मधाम पहुंचे। राजपुरोहित समाज के महामंत्री भंवरसिंह कनाना,गिरधारीसिंह राजपुरोहित,शंकर­ङ्क्षसह बिस्सु,राधाकिशन राजपुरोहित,प्रभुङ्क्षसह पीलवा,बाबूसिंह पटवारी,घनश्यामङ­्क्षसह बरना,उत्तमङ्क्षसह राजपुरोहित माजीवाला सरंपच कुंपाराम पंवार,सहित कई ट्रस्टी व समाज के लोग समझाईश के लिए देर शाम तक मंदिर परिसर के बाहर जमा थे। इस मामले को देर रात तक समझार्दश का दौर जारी था।

स्टेट हाईवे पर लगा लंबा जाम--
घटना के बाद आक्रोशित लोगो ने हार्सवे पर जाम लगा दिया जिससे दोनो तरफ लंबा जाम हो गया,ओर लोग अपनी मांगो को लेकर अड़े रहे।
उपद्रवी युवकों ने कार को लगाई आग-
उपद्रवीयो ने एक कार को आग के हवाले कर दिया ओर प्रशासन व ट्रस्ट के पदाधिकारियों की अपील के बाद भी मामला देर रात तक तनाव
पूर्ण स्थिति में प्रशासन द्वारा लोागो को संयम बरतने की अपील की

श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा में ये हंगामा पार्किंग को लेकर हुआ था ये असामाजिक तत्त्व मध्य प्रदेश के किसी उची पोस्ट वाले नेता के आदमी है और पुलिस पर दबाव दे रहे है! मारपीट की घटना ने पकड़ा तूल,स्टेट हाईवे दो घंटे रहा बंद ,हालात काबू में,जाब्ता तैनात बालोतरा।

ये जानकारी श्री किशोर सिंह जी असाडा ने दी 

यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर(Join this site)अवश्य बने. साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ. यहां तक आने के लिये सधन्यवाद.... आपका सवाई सिंह राजपुरोहित

7 comments:

  1. कौन है ? हमारे से टकराने वाला वो जानता नही हम परशुराम जी के वंशम है

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  2. जय दाता री सा
    कौन है हमसे टकराने वाला

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  3. दोनो पक्ष संयम से काम लें, दोषियों को उचित दंड मिले।

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  4. न्यूज़ पेपर के मुताबिक ये बात सही हे की MP के जैन यात्रियो ने ये दुव्र्यवहार किया हे.. इस तरह की हरकत ओर हंगामा किसी भी धर्म-स्थान पर किसी के भी खिलाफ नही करना चाहिए .. जिन्होने भी किया मे उसके खिलाफ हू...

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  5. संयम बरते। गलती कोई भी कर सकता है।उग्रता वीरता नहीं होती। दूरदर्शिता से काम लेवे। राजपुरोहित अपनी पहचान बनाये रखने की बजाय दूसरे वर्ग में मर्ज हो अपनी स्वंतत्र पहचान मिटाने की और बढ़ रहा है।राजपुरोहित मात्र राजपुरोहित के रूप में पहचान बनाये रखे।ब्राह्मणों से अलग पहचान हे आपकी।क्या पाने के लिए इन दिनों आपको ब्राह्मणत्व याद आ रहा है?
    जय रघुनाथ जी री सा को भूल के परशु राम जी की ज्यादा भक्ति हो रही है।कुछ भी सामाजिक और राजनितिक फायदा नहीं मिलेगा उलटे पहचान ही ख़त्म हो जायेगी।नाराज हो तो माफ़ करना।

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  6. संयम बरते। गलती कोई भी कर सकता है।उग्रता वीरता नहीं होती। दूरदर्शिता से काम लेवे। राजपुरोहित अपनी पहचान बनाये रखने की बजाय दूसरे वर्ग में मर्ज हो अपनी स्वंतत्र पहचान मिटाने की और बढ़ रहा है।राजपुरोहित मात्र राजपुरोहित के रूप में पहचान बनाये रखे।ब्राह्मणों से अलग पहचान हे आपकी।क्या पाने के लिए इन दिनों आपको ब्राह्मणत्व याद आ रहा है?
    जय रघुनाथ जी री सा को भूल के परशु राम जी की ज्यादा भक्ति हो रही है।कुछ भी सामाजिक और राजनितिक फायदा नहीं मिलेगा उलटे पहचान ही ख़त्म हो जायेगी।नाराज हो तो माफ़ करना।

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