8.11.13

नंदगांव में गो-नवरात्रि महानुष्ठान के तहत हुआ संत समागम


श्रीमनोरमा गोलोकतीर्थ नंदगांव में गोनवरात्रि महामहोत्सव एवं सुरभि महामंत्र जप अनुष्ठान के चौथे दिन विराट गोसेवा संत समागम हुआ। देश एवं राजस्थान के वरिष्ठ संतवृंदों की उपस्थिति में राजस्थान के विभिन्न जिलों से आए संतों एवं गोभक्तों ने गोरक्षा-गोसेवा की संपूर्ण क्रांति को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर कथा मंच से सुरभि प्राकट्य महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। सुरभि महामंत्र जप अनुष्ठान एवं महायज्ञ जारी है तथा कई जापक वैदिक आचार्यों के नेतृत्व में निरंतर सुबह 6 से 9.30 तथा सांय साढ़े 3 से 7 बजे तक आहुतियां दे रहे हैं। आगंतुक रमणरेती मरूपर्वत पर स्थिति विशालतम व मनोरम यज्ञशाला की परिक्रमा गोमहिमा के साथ कर रहे है। रात्रिकालीन नानी बाई का मायरा धूमधाम से आयोजित किया जा रहा है।

पथमेड़ा भावांजलि लोकार्पण-इस अवसर पर सूरत के गोभक्त योगेंद्र शर्मा की संगीतमय भजनों का सेट पथमेड़ा भावांजलि के रूप में व्यासपीठ से लोकार्पण किया गया। सुरभि प्राकट्य महोत्सव दिव्य भाव से भक्तों ने झूमते हुए मनाया। गोभक्त संत समागम से पूर्व व्यासपीठ से राजेंद्र दास महाराज ने गोभक्तमाल कथा में सुरभि मैया के प्राकट्य तथा गाय और प्रकृति के एक ही होने के विषय पर अनेक शास्त्रीय आधारों पर प्रकाश डाला। कथा के दौरान संगीत सम्राट राधाकृष्ण महाराज के नेतृत्व में सुरभि प्रकाट्य उत्सव मनाया गया। गोपाल एवं ग्वालों-गोपिकाओं की परंपरागत वेशभूषा में गोभक्त नर-नारियों ने भक्तिभाव से विभिन्न धार्मिक-आध्यात्मिक झांकियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

गोभक्त संत सम्मेलन का समापन-गोनवरात्रि महामहोत्सव के चौथे दिन गोभक्तमाल कथा के मंच से दो सत्रों में विराट गोभक्त संत सम्मेलन का प्रथम सत्र 12 से 2 बजे तक परम श्रद्धेय गोऋ षि स्वामी दत्तशरणानन्द महाराज के पावन सानिध्य, परम पूज्य व्यास पीठाधीश राजेन्द्रदास महाराज की निश्रा, परम पूज्य ब्रह्मसावित्रि पीठाधीश्वर तुलछाराम महाराज की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। राजस्थान गोसेवा समिति के संयोजक राधाकृष्ण महाराज, प्रदेश अध्यक्ष दिनेशगिरि महाराज, उपाध्यक्ष रघुनाथभारती महाराज सहित कई संतों के संचालन में कार्यक्रम का समापन हुआ। सम्मेलन में पूरे प्रदेश के विभिन्न गोभक्त-गोसेवक एवं गोशाला संचालक पहुंचे। राजस्थान गोसेवा समिति के प्रदेश महामंत्री पूनम राजपुरोहित ने सम्मेलन की प्रस्तावना रखी, महंत दिनेशगिरि महाराज ने समिति के उद्देश्यों एवं लक्ष्यों पर प्रकाश डाला। गोऋ षि स्वामी दत्तशरणानन्द महाराज ने संपूर्ण गोसेवा-गोरक्षा हेतु शास्त्रीय, परंपरागत, व्यावहारिक उपायों पर अत्यंत सारगर्भित आशीर्वचन दिया।


 संतों ने गोभक्त सम्मेलन को किया संबोधित- श्रीपथमेड़ा गोधाम महातीर्थ के राष्ट्रीय प्रवक्ता पूनम राजपुरोहित ने बताया कि गोभक्त संत समागम में मलूकपीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज-श्रीधाम वृंदावन, गोऋषि स्वामी दत्तशरणानन्द महाराज-श्रीपथमेड़ा, ब्रह्मसावित्रिपीठाधीश तुलछाराम महाराज-ब्रह्मधाम आसोतरा, परम हंस प्रज्ञानन्द महाराज-जगन्नाथपुरी, सवित् सोहमगिरि महाराज, बीकानेर, स्वामी सुमेधानन्द महाराज-पीपराली सीकर, महंत रमैयादास महाराज-देवरीधाम, देवानंद सरस्वती महाराज-कालंद्री, श्रीबुद्धगिरी मढ़ी के महंत दिनेशगिरी महाराज- फतेहपुर शेखावाटी, रघुनाथभारति महाराज- सिणधरी बाड़मेर, ब्रह्माधाम आसोतरा के युवाचार्य ध्यानाराम महाराज, मरूधरपीठाधीश रामकिशोराचार्य महाराज-गुढ़ामलानी, महंत रावतभारति महाराज-गोलमठ, ब्रह्मचारी ब्रह्मस्वरूप महाराज-झुंझुनूं, आचार्य भागीरथदास महाराज-जाजिवला धोरा, महंत धर्मगिरि महाराज-बहरोड़, महंत तीर्थगिरि महाराज-मंडवारिया, संत सुजनदास महाराज- पाली आदि संतों ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।


गो पक्ष सभी स्तरों पर मजबूत करना होगा : गोभक्तमाल कथा में चौथे दिन महान विद्वत कथाकार मलूकपीठाधीश्वर द्वाराचार्य राजेंद्रदासजी महाराज ने सुरभि जन्मोत्सव के दौरान व्यासपीठ से आह्वान कियाकि भारतीय समाज गो हितों की रक्षा करने वाले सामाजिक तथा शासकीय पक्षों को ही अपना समर्थन देने का आह्वान किया। उन्होंने गाय को साक्षात प्रकृति, ब्रह्मांड, चराचर जगत की जननी एवं पोषक कहते हुए गाय को मात्र प्राणी मानने वालों को नासमझ बताया। 


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