बीकानेर के राजपुरोहितो का इतिहास जोधपुर मै रहने वाले दमोजी राजपुरोहित से आरंभ होता है।
दमोजी जी राजपुरोहित पुरोहितो मे बहुत नामी पुरोहित हुवे है और उनकी औलाद भी बहुत फैली।इतनी की वो एक लाख दमानी कहे जाते है। यानी एक लाख मर्द औरत बीकानेर इडर किशनगढ़ और रतलाम वगैरह राठौर रियासतों मै सन 1891 तक थे ।
दमोजी के 6 बेटे थे ।
उन मे से विक्रमसि भी एक थे। वो उनके पांचवे पुत्र थे। विक्रमसि ही राव जोधा जी के कँवर राव बिका जी के साथ बीकानेर जीतने के अभियान में साथ आये थे।सन 1468 में वो जोधपुर से बीकानेर के लिए रवाना हुवे।विक्रमसि के पुत्र हुवे देविदास जी थे। वो सिंध के नवाब के साथ युद्ध करते हुवे 29 जून 1526 को जैसलमेर के पास वीरगति को प्राप्त हुवे। इनको इस वीरता और जैसलमेर पर अधिकार करने के लिए गाव तोलियासर एवं 12 अन्य गाव उनके पुत्र लक्ष्मीदास जी को पट्टे में मिले एवं पुरोहिताई की पदवी मिली। लक्ष्मीदासजी जोधपुर के राव मालदेव के साथ बीकानेर के हुवे युद्ध में सन 12 मार्च1542 वीरगति को प्राप्त हुवे। उनके पुत्र किशनदास को गाव थोरी खेडा जागीरी मे मिला जो किशनदास के पोते मनोहरदास जी ने गाव का नाम बदल कर किशनासर रख दिया। किशनदास के बेटे हुवे हरिदास जी। उन्होंने ने हियांदेसर गाव बसाया था। हरिदास के बेटे हुवे थे लिखिमिदास जी और उन के बेटे हुवे गोपालदास जी। और उनके बेटे थे परशुराम जी। और परशुराम जी के बेटे हुवे थे कान सिंह जी। वो ही सारे कनौत राज्पुरोहितो के पित्रपुरुष हे।
कान सिंह जी को 8 गाव बीकानेर दरबार की और पट्टे में मिले ।वो गाव है
1)सवाई बड़ी,
2)कलयाणपुरा,
3)आडसर,
4)धीरदेसर ,
5)कोटडी ,
6)रासीसर ,
7)देसलसर और
8)साजनसर।
कान सिंह जी के सात बेटे के वंसज आज भी इन गावो में निवास करते हे।वैसे दोस्तों में देसलसर गाव से तालुक रखता हूँ। मैंने मेरा पूरा वंश वृक्ष बनाया है जो दामो जी से शुरू होता है।इस से ये पता चलता है की मेरे पूर्वज विक्रमसि जी के बीकानेर पहुँचने के बाद मैं बीसवी पीढ़ी से हूँ।1468 में मेरे पूर्वज बीकानेर आ गए थे और तब से अब तक 526 साल व्यतीत हो गए है और सिर्फ 20 पीढ़ी ही तब से अब तक आई है।
मेरा पूरा वंश वृक्ष जो जोधपुर के दामो जी से शुरू होता है ।
1)दामो जी
2)विक्रमसि
3)देवीदास जी
4)लक्ष्मी दास जी
5)किशनदास जी
6)हरिदास जी
7)गोपाल दास जी
8)लिखमी दास जी
9)परशुराम दास जी
10)कान सिंह जी
11)हरनाथ सिंह जी
12)रुघनाथ सिंह जी
13)रूप सिंह जी
14)कल्याण सिंह जी
15)जैत सिंह जी
16)राधा किशन जी
17)छोग सिंह जी
18)हजारी सिंह जी
19)मेघराज सिंह जी
20)ओम प्रकाश जी
21)और मैं स्वयं मोहित ।
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