6.10.17

राजस्थानी कथाकार रामपाळसिंहजी राजपुरोहित नीं रैया!

साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली सूं पुरस्कृत राजस्थानी रा बडेरा कहाणीकार रामपाळसिंहजी राजपुरोहित रौ निधन राजस्थानी साहित्य जगत सारू नीं पूरीजण जोग क्षति। ‘बिखरता चित्राम’, ‘परण्यां री पेढी’, ‘सुन्दर नैण सुधा’ (साहित्य अकादेमी सूं पुरस्कृत कृति) अर ‘बिना छाजा वाळौ घर’ सरीखा च्यार महताऊ राजस्थानी कथा संग्रह देवणिया रामपाळसिंह राजपुरोहित ग्राम्य अंचळ रा चितेरा कथाकार हा। पुरस्कार अर सम्मान री भूख सूं खासी भांय अळघा रैवणिया रामपाळसिंहजी राजस्थानी संस्कृति, परम्परावां अर रीत-रिवाजां सूं गहरौ जुड़ाव राखता। आप सामंतशाही रै खिलाफ अर खिंडता गढ-कांगरां माथै मोकळी कहाणियां लिखी। ‘बिखरता चित्राम’ उणरी अेक बानगी। दलित-विमर्श ई वांरी कहाणियां रौ अेक लूंठौ विसय रैयौ। निवण, राजस्थानी रै अैड़ा सूपत रचनाकार नैं।

(फोटौ: साहित्य अकादेमी सूं सम्मान रौ।)
   न्यूज by श्री शंकरसिंह राजपुरोहित आऊवा


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