आखरी रेल इंजन जोधपुर कार्यशाला द्वारा तैयार किया गया
उत्तर पश्चिम रेलवे कार्यशाला हमारा
जोधपुर नाम है जिसका प्यारा
यह कर्म भूमि है हम सबकी प्यारी
जहां काम करते सभी रेल कर्मचारी
हमारे यहां रिपेयर का सारा कार्य होता
बारीकी से है इसका ध्यान रखा जाता
कारीगरी में यह बेमिसाल है
यहां एमएम तक का ख्याल है
डब्बा और डीजल के व्हील होते है यहां तैयार
सरपट चक्के दौड़ते हैं यहां के राकेट की धार
इस कार्यशाला का गौरवमई इतिहास
दीया इसने युद्ध में सेना का साथ
बनाए इसने गोला बारूद यहां
दौड़ाया दुश्मनों को दोनों जहां
यहां विशेष शॉप है 20
जो काम करते हैं हमेशा 21
मेडल है जो हमने खूब पाये
काम में जो हमने धाक जमाये
मौलिक स्वरचित लिखित
महेश सिंह राजपुरोहित बावड़ी
रेल कवि जोधपुर राजस्थान
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