राजपुरोहित समाज का संविधान श्री खेतेश्वरजी महाराज ने लिखा है।
राजधानी आसोतरा है
संसद ब्रह्मधाम है
सांसद समाज के ट्रस्टी है
प्रधानमंत्री गुरु महाराज है।
जो भी प्रस्ताव ब्रह्मधाम से मंजुर होता है वो पत्थर की लकीर है।
न कोई रिट लगेगी न अपील होगी
कुछ सीखो विधर्मीयो से अपने धर्म अपने ब्रह्मोधर्म के प्रति कट्टर हो जाओ
नोट-हमारे लिए तो ब्रह्मधाम का आदेश स्वयं ब्रह्माजी का आदेश है
🔱ज्यादा से ज्यादा share कर के हर राजपुरोहित के जहन में यह विचार फिक्स्ड करलो।!
🆎⛳ अभय सिंह जसोल
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