तिलवाड़ा मेले में गुरुदेव श्री खेतारामजी महाराज के प्रत्यक्ष अन्नपूर्णा देवी का साक्षात्कार करवाना व्रतांत🙏
बात है 1972 की श्री खेतारामजी महाराज चैत्री मेले मल्लिनाथ तिलवाड़ा पधारे हुए थे। वही बापजी ने अपना तम्बू डाला हुआ था बाहर बापजी का घोड़ा घास के ठान पर खड़ा ओर भक्त गण बावजी से मिलने आते जाते रहते। इसी समय मेले में चिकित्सा अधिकारी अफसर के पद पर समाज बन्धु थे। जिनमें से एक थे डॉ देवी सिह जी लाम्बिया दोनों ने बावजी का आशीर्वाद लिया।
बावजी के सानिध्य में शाम हो जाती मालूम ही नही पड़ता। तभी देवी सिह जी निकलने लगे कि ड्यूटी पर जाके पुनः वापस आता हूं।
तभी बावजी के मेले के भोजन सहयोगी श्री घेवर जी राजपुरोहित गाव सिलोर बापजी के पास परात में आता लेकर आये और कहा दाता कतरो ऑटो तैयार करू। तब बापजी ने कहा " पीपा अटेलाव" ओर बापजी ने अपने हाथो से कुछ आटा ओर परात में डाला और घेवरजी सिलोर को कहा कि ओ ऑटो ढाकेन राखजो ओर दूसरे सेवादार को एक बण्डी लेकर मेले की दुकान से घी लाने हेतु भेजा।
सेवादार घी लेकर आया और घेवरजी को देदिया। भोजन मुश्किल से 14, 15 जनों का बना होगा। शाम होते होते मेले में भक्त भाविक दाता के तम्बू की तरफ आने लगे। मंडी में आये अन्यलोग भी वहां आगये। ओर सबने भोजन ग्रहण किया।
डॉक्टर देवीसिंह जी बताते है कि उनकी आंखों के सामने 50, 60 लोगो ने भोजन ग्रहण किया लेकिन आटा ओर घी में कोई कमी नही आई। यह देख उन्हें गुरुमहाराज श्री खेतारामजी महाराज की दिव्य शक्तियो का आभास हुआ कि ये कोई साधारण व्यक्ति नही है। ये किन्ही उद्देश्य की पूर्ति हेतु अवतरित हुए है।
जय गुरुदेव
पोस्ट लेखन
महेंद्र सिंह राजपुरोहित भीनमाल
Mo 8094469293
No comments:
Post a Comment
यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर(Join this site)अवश्य बने. साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ. यहां तक आने के लिये सधन्यवाद.... आपका सवाई सिंह 9286464911