न्यूज़ हेडलाइंस Post

सभी बंधुओं को जय श्री रघुनाथजी री सा, जय श्री खेतेश्वर दाता री सा.. अगर आप भी समाज से जुड़ी कोई न्यूज़ हम तक पहुंचाना चाहता है तो हमारे व्हाट्सएप नंबर पर हमसे संपर्क कर सकते हैं हमारा व्हाट्सएप नंबर है 9286464911 सवाई सिंह राजपुरोहित मीडिया प्रभारी सुगना फाउंडेशन मेघलासिया

Followers

यह ब्लॉग समर्पित है!






"संत श्री 1008 श्री खेतेश्वर महाराज" एवं " दुनिया भर में रहने वाले राजपुरोहित समाज को यह वेबसाइट समर्पित है" इसमें आपका स्वागत है और साथ ही इस वेबसाइट में राजपुरोहित समाज की धार्मिक, सांस्‍क्रतिक और सामाजिक न्‍यूज या प्रोग्राम की फोटो और विडियो को यहाँ प्रकाशित की जाएगी ! और मैने सभी राजपुरोहित समाज के लोगो को एकीकृत करने का ऐसा विचार किया है ताकि आप सभी को राजपुरोहित समाज के लोगो को खोजने में सुविधा हो सके!

आप भी इसमें शामिल हो सकते हैं तो फिर तैयार हो जाईये!

"हमारे किसी भी वेबसाइट पर आपका हमेशा स्वागत है!"

वेबसाइट व्यवस्थापक
सवाई सिंह राजपुरोहित-आगरा{मिडिया प्रभारी }
सुगना फाऊंडेशन-मेघलासिया जोधपुर & आरोग्यश्री मेला समिति
09286464911

मेरे साथ फेसबुक से जुडिए

16.3.12

ब्रह्मवतार संत श्री श्री 1008 श्री खेतेश्वर महाराज का संक्षिप परिचय


राजपुरोहित समाज के सूरज श्री 1008 श्री खेतेश्वर महाराज
ब्रह्मवतार संत श्री श्री 1008 श्री खेतेश्वर महाराज जन्म दिनांक: 22 अप्रैल 1912 (विक्रम सम्वत 1969 वैशाख सुदी पंचम, सोमवार) पिता का नाम: श्री शेर सिंह जी राजपुरोहित (उदेश) माँ का नाम: श्रीमती श्रगांरी देवी जी   जन्म स्थान: गांव खेड़ा तहसील: सांचौर, जिला - जालोर (राज्य) जन्म नाम: खेतारामजी वैराग्य: 12 साल की उम्र में. गुरु का नाम: श्री श्री 1008 श्री गणेशा नन्‍द जी महाराज स्थान: आसोतरा में ब्रम्हाजी मंदिर जिला बाडमेर राजस्थान  20 मई 1961 - मुख्य (विक्रम सम्वत 2018 वैशाख सुदी पंचम शनिवार) द्वार का भूमि पूजन नीव 28 अप्रैल, 1965 - है ब्रम्हाजी मंदिर का भूमि पूजन नीव (विक्रम सम्वत 2020 वैशाख सुदी पंचम) 6 मई, 1984 - मंदिर (विक्रम सम्वत 2041 वैशाख सुदी पंचम रविवार) की प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 7 मई, 1984 - सोमवार दोपहर 12:36 ब्रम्हाद्हम (विक्रम सम्वत 2041 वैशाख 6सुदी) आसोतरा पर ब्रम्लीन हुए!
        श्री खेतेश्वर महाराज का संक्षिप परिचय महर्षि "उलक" के गौत्र प्रवर्तक '' उदेश'' कुल में आवरण भारतीय इतिहास में ऐसे अगिणत जीवन भरे पडे हैं। जिनके सम्मुख आदि शक्ति ने अपनी सम्पूर्ण शक्ति से भरपूर दिव्य तथा तेजस्वी आत्माओं का आवतर्ण आद्यात्मिक पवित्र भूमि गौरव से अभिमण्डित रत्न गर्भा भारत भूमि आदि अलंकारों से जडित व पवित्र भूमि पर होता रहा हैं। परमेश्वर की चमत्कारिक दैविक शक्ति तथा पवित्र तेजस्वी आत्माओं का आवरण होने का श्रेय भारत भूमि को अनेको बार मिलता रहा हैं। संदर्भ में यहा की संस्कृति आज भी पुकार रही हैं। इतना ही नही समय-समय पर हमारे समाज को सुसंस्कृति, पवित्र और प्रेममय बनाने की अद्भुत क्षमता तथा सामर्थ रखने वाली आदि-शक्ति के प्रकाश-पुंज प्रतिनिधयों के रुप में आवतरित हुए हैं।
          समाज में जिन्हौने निराशमय जीवन को आशामय बनाया, नास्तिक व्यक्तियों में पवित्र आस्तिकता का ज्ञान कराया, अन्धकारमय जीवन में ज्योति जगाकर प्रकाशित किया । पावन धरती दिव्य आत्माओं से कभी रिक्त नही रही। इन्हीं पवित्र आत्माओं में से एक थे युग प्रेरक श्री श्री 1008 खेतेश्वर महाराज जिनकी अद्भभुत चमत्कारी दैविकशक्ति, सामाजिक चैतन्य शक्ति, ब्रह्म की साकार शक्ति, ब्रह्म आनन्द का साकार दर्शन जीवन दान की अद्भुत जीवन संजीवनी शक्ति आदि असीम शक्तियों को संजोग स्वरुप राजपुरोहित समाज में गौतम वंशीय महर्षि उलक की गौत्र प्रवर्तक वंशावली के 'उदेश' कुल में अवतरण हुआ। श्री खेतेश्वर महाराज ने जाति धर्म से उपर उठकर प्रत्येक वर्ग में स्नेह के पुजारी रहे। संदर्भ में आज भी उनके प्रति सभी संप्रदायो के संतो, महन्तो व जन साधारण आदि की अटूट आस्था देखने को मिलती है। दिनों के प्रति अति व्याकुलता एंव जन साधारण के प्रति उनके जीवन का मुख्य गुण सामने आता हैं।
              राजस्थान के बाडमेर जिले में शहर बालोतरा से लगभग दस किलोमीटर दूर गढ सिवाडा रोड पर दिनांक 20 अप्रेल 1961 को गांव आसोतरा के पास वर्तमान ब्रह्म धाम आसोतरा के ब्रह्म मन्दिर की नीव दिन को ठीक 12 बजे अपने कर कमलो से रखी। जिसका शुभ मुहूत स्वंम आधारित था। ब्रह्म की प्रतिमा के स्नान का पवित्र जल भूमि के उपर नही बिखरे जिसके संदर्भ में उन्होने प्रतिमा से पाताल तक जल विर्सजन के लिए स्वंयं की तकनिक से लम्बी पाईप लाईन लगावाई। 23 वर्ष तक चले निर्वहन इस मन्दिर निमार्ण में राजस्थान की सूर्य नगरी जोधपुर के छीतर पत्थर को तलाश कर स्वंयं के कठोर परिश्रम से बिना किसी नक्शा तथा नक्शानवेश के 44 खम्भों पर आधारित दो विशाल गुम्बजों में एक विशालकाय शिखर गुम्बज तथा उत्तर-दक्षिण में पांच-पांच, कुल दस छोटी गुम्बज नुमा शिखाएं, हाथ की सुन्दर कारीगरी की अनेक कला कृतियां जिनकी तलाश की सफाई व अनोखे आकारो में मंडित प्रतिमायें जिसमें महर्षि वशिष्ठ, महर्षि कश्यप, महर्षि गौतम, महर्षि पराशर और महर्षि भारद्वाज सहित विभिन्न वैदिक ऋषियों की प्रतिमाओ से जुडा पवित्र व शान्त वातावरण इस विशाल काय ब्रह्म मन्दिर के एक दृढ संकंल्पी चिरतामृत का समर्पण दर्शनार्थी को आकिर्षत किए बिना नही रहता। ब्रम्हाधाम आसोतरा के ब्रह्म मन्दिर का निर्माण कार्य पूर्णकर श्री 1008 श्री खेतेश्वर महाराज ने दिनांक 6 मई, 1984 (विक्रम सम्वत 2041 वैशाख सुदी पंचम रविवार) को सृष्टि रचता जगत पिता भगवान ब्रम्हाजी की भव्य मूर्ती को अपने कर कमलो से विधि वत प्रतिष्ठत किया। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दिन महाशान्ति यज्ञादि कार्यक्रम करवाये गये। इसी पुनीत अवसर पर लगभग ढाई हजार से भी ज्यादा संत महात्माओं ने भाग लिया। तथा लगभग 3 लाख से भी ज्यादा श्रद्वालु भक्तजनों ने इस विराट पर्व का दर्शन लाभ उठाकर भोजन प्रसाद ग्रहण किया भोजन प्रसाद कार्यक्रम तो उस दिन से नि:शुल्क चालु हैं। तथा भविष्य में भी देता रहेगा। ऐसे नियम(विग्न) की घोषणा का स्वरुप युग प्रेरक श्री 1008 खेतेश्वर महाराज ने ही बनाया था। जो आज भी पूर्ण रुप से चल रहा हैं। आम बस्ती से मीलों दुर जंगल की सन-सत्राजी हवाओं तथा मखमली रेत के गुलाबी टीबों के बीच प्रतिष्ठा दिवस की वह मनमोहनी रात्री का समय क्रित्रम बिजली की जग मगाहट को फूदक-फूदक कर नृत्य करती रोशनी से ऐसे सलग रही थी जैसे धरती पर देव राज्य स्वर्ग उतर आया हों। प्रात:काल की सुन्दरीयां भोंर में पक्षियों की चहचहाट की मधुर वाद्य वेला दर्शनार्थीं श्रद्वालुओं के हदय कमलों को मन्त्र मुग्ध सा कर देती हैं। श्री खेतेश्वर महाराज ने प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दूसरे दिन 7 मई 1984 (विक्रम सम्वत 2041 वैशाख 6सुदी) को लाखों दर्शनार्थियों के बीच मूर्ति प्रतिष्ठा के 24 घन्टे पशचात दिन को ठीक 12:36  बजे साधारण जन के लिए एक प्रकार से वज्रपात सा लगा।
              अब श्री खेतेश्वर सृष्टि कर्ता ब्रम्हाजी के सम्मुख जगत कल्याण की मंगल कामना करते हुए अपना अवलोकिक नश्वर शरीर त्याग कर ब्र्ह्मलीन हो गए। आदि शिक्त के विधान की विडम्बना इस विलक्षण्यी दृश्य से वहा उपस्थित श्रद्वालु भाव विभोर होकर श्री खेतेश्वर भगवान की जय जयकार के उद्घोषों से आकाशीय वातावरण को गूंजायमान करने लगे। तत्पशचात उनका पवित्र नाश्वान शरीर सनातन धर्म की हिन्दु संस्क्रति के अनुसार तीर तलवार, भालो, ढालो, की सुरक्षा तथा साष्टांग प्रमाण नौपत व नंगारों व मृदंगन के साथ मोक्ष प्रिप्त राम नाम धून से सारा वातावरण एक मसिणए वैराग्य का स्वरुप धारण करके अग्नि को समर्पित किया गया। चन्दन, काष्ठ, श्रीफल, नरियल, तथा घृत आदि की अन्तिम संस्कारिक आहुतिया के मंन्त्रों से वैराग्य वातावरण ने तत्वों से जुड़ित देहिक पुतले को अग्नि में, जल में, वायु में, आकाश में व पृथ्वी में पृथक-पृथक विलय का वोध कराया। जो एक ईश्वरीय शक्ति स्वरुप पवित्र आत्मा विश्व शान्ति की साधना में अमृत को प्राप्त हुई। ऐसी महान आत्मा को सत् सत् वन्दन! प्रित वर्ष युग प्रेरक श्री 1008 खेतेश्वर महाराज की पुण्य तिथी ब्रहाधाम आसोतरा में विशाल समारोह पूर्वक मनाई जाती हैं। वैशाख शुक्ला छठवी को ब्रम्ह धाम पर हर जाति, सम्प्रदाय तथा वर्ग के लोग हजारो की संख्या में आकर उनकी बैकुठ धाम समाधि पर पुंष्पांजंली अर्पित करते हैं। श्रद्वालु ऐसा करके अपने को धन्य सा समझते हैं। दो तीन दिन का यह 'आध्यात्मिक मेला' प्रत्येक जाति तथा वर्ग को अनादिकाल की संस्क्रति की प्रतिमाओ को बटोरे वर्तमान युग निर्माण की प्रेरणाओं से ओत-प्रोत दर्शन कराता है।                इस सम्पुर्ण कार्यक्रम का संचालन भारतीय संस्क्रति की एतिहासिक जाति का वर्ग श्री राजपुरोहित समाज एक 'न्यास' रुपी संस्था द्वारा कराता है। राजपुरोहित समाज के भारतिय संस्क्रति के अन्तर्गत महत्पूर्ण योगदान के प्रित जगत स्वामी विवेकानन्दजी ने लिखा है-भारत के पुरोहितों को महान बोद्विक और मानसिक शक्ति प्राप्त थी। भारत वर्ष की आद्यत्मिक उन्न्ति का प्रारम्भ करने वाले वे ही थे और उन्हौने आश्चर्यजनक कार्य भी संपन किया। वर्तमान में इस आश्चर्य जनक दर्शन का जीता जागता दर्शन ब्रह्म धाम आसोतरा हैं। जहॉं ब्रह्म सावित्री को संग-संग विराजमान करके ब्रम्हाजी के परिवार की प्रतिमाए प्रतिष्ठ की गयी। जिनके आपस के श्रापो का विधान तोडकर फिर से नए प्रेरणा का मार्ग दर्शन कराया । जिनको वर्तमान में हम कोटि-कोटि शत वन्दन् करते।    

20 comments:

  1. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  2. एक छोटा सा निवेदन

    RAJPUROHIT(सामूहिक ब्लॉग) से खुद भी जुड़ें और अपने मित्रों को भी जोड़ें... शुक्रिया

    आपका सवाई सिंह

    ReplyDelete
  3. moolywan post ...hardik abhar sir

    ReplyDelete
  4. आभार इस जानकारी का.

    ReplyDelete
  5. This comment has been removed by a blog administrator.

    ReplyDelete
  6. Rajpurohitam ko bot abhar sa

    ReplyDelete
  7. जानकारी के लिए आभार

    ReplyDelete
  8. आप सभी का दिल से बहुत बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी!
    हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!

    ReplyDelete
  9. Well its was great to Read This article, but i would like to suggest one thing as aj ke time me ya jankari humare sabhi bado ke pass ha but agar is jankari se koi chut reha ha to vo ha humari aj ki young generation. or us young generation ko ya upar likha va phadne ma itna interest nahi aya ga, so hume is jankari ko thora sa easy language ma likhna chaya..

    ReplyDelete
  10. Sawaisingji jai ragunathji ri sa jai data ri sa .....me Padamsingh udesh rajpurohit gav Otwala jila jalore rajasthan se hu mene rajpurohit etihas pdha usme aapne likha hai ki " udesh kul ki kuldevi mumbai mata likha hai sayd vo galt hai "qki hmare gav me krib 200-250 ghar udesho ke hai or vo sb hmari kul devi ..hinglaj mata btate esliye me aapke es etihas se thoda canftion me usko clearing krvaye ...hmare sri kheteswar data jo ki hum udesh hai or hmari or unki kuldevi ek hi hai to aap thoda gor kiji ki data ki kuldevi kon hai plz galt mt manna

    ReplyDelete
  11. Sawaisingji jai ragunathji ri sa jai data ri sa .....me Padamsingh udesh rajpurohit gav Otwala jila jalore rajasthan se hu mene rajpurohit etihas pdha usme aapne likha hai ki " udesh kul ki kuldevi mumbai mata likha hai sayd vo galt hai "qki hmare gav me krib 200-250 ghar udesho ke hai or vo sb hmari kul devi ..hinglaj mata btate esliye me aapke es etihas se thoda canftion me usko clearing krvaye ...hmare sri kheteswar data jo ki hum udesh hai or hmari or unki kuldevi ek hi hai to aap thoda gor kiji ki data ki kuldevi kon hai plz galt mt manna

    ReplyDelete
  12. Sawaisingji jai ragunathji ri sa jai data ri sa .....me Padamsingh udesh rajpurohit gav Otwala jila jalore rajasthan se hu mene rajpurohit etihas pdha usme aapne likha hai ki " udesh kul ki kuldevi mumbai mata likha hai sayd vo galt hai "qki hmare gav me krib 200-250 ghar udesho ke hai or vo sb hmari kul devi ..hinglaj mata btate esliye me aapke es etihas se thoda canftion me usko clearing krvaye ...hmare sri kheteswar data jo ki hum udesh hai or hmari or unki kuldevi ek hi hai to aap thoda gor kiji ki data ki kuldevi kon hai plz galt mt manna

    ReplyDelete
  13. बहुत ही बढ़िया

    ReplyDelete
  14. जानकारी के लिए धन्यवाद हुकम जयश्रीरघुनाथ जी कि सा

    ReplyDelete
  15. बहुत बढीया सा

    ReplyDelete
  16. उस भाग्यशाली महिला का नाम बताओ जो श्री खेताराम जी महाराज के लिए असोत्तरा के रसोई में खेताराम जी महाराज के लिए खाना बनाती थी ?

    ReplyDelete
  17. Data ki कुलदेवी का कोन थी

    ReplyDelete

यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर(Join this site)अवश्य बने. साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ. यहां तक आने के लिये सधन्यवाद.... आपका सवाई सिंह 9286464911

Labels

"खेतेश्वर महिमा (3) About Me (2) Acupressure (11) Ajit Rajpurohit (1) Akash Rajpurohit (5) Amar Singh Rajpurohit (9) Anita Rajpurohit (2) Anmol vachan (2) ARKYSS (59) Babu Singh (6) Balwant RajGuru (2) Balwant Singh (3) Biram singh (7) Blood (15) Brahma Temple (34) Communiy (60) dd Rajasthan (1) Dev Kishan Singh (3) Dr APJ Abdul Kalam (1) Dr M p Singh (101) Dr Shivalika Sharma (9) durag singh (7) Facbook page (177) facebook (83) Gajendra Singh (2) Garima Singh (7) Gopal Singh (3) Gotras (4) Govind Singh (14) Hams Institute (38) Harish Singh (1) Hems Institute (8) Jalam Singh (6) Jankari (88) Janmdin (21) Jay Singh (2) JNVU (3) Jorawar Singh (1) Kishor Singh (44) MLA Rajpurohit (27) MLA Shankar Singh (11) Mohan Singh (1) Mukesh Dudawat (1) Narpat Singh (43) News (186) Pahal (65) pathmeda (11) PM Narendra Modi (23) Poonam Singh (5) Pravasi Sandesh (1) Priti Rajpurohit (2) R K Purohit (11) R p प्रमुख स्थल एव संस्थान (1) Rajpurohit News (524) Rajpurohit History (23) Rajpurohit News (1108) Rajpurohit Samaj (229) Rajpurohit Yuva Shakti (4) Ramesh Singh (3) RJ Narendra (1) S P Singh (68) Sant Atmanand Ji Maharaj (7) Sant Khetaramji Maharaj (87) Sant Shri Aatmanand Ji Maharaj (26) Sant Shri Tulacharam Ji Maharaj (123) Santosh (6) Satender Singh (2) SAVE GIRL CHILD (9) sawai singh (127) Sawai Singh Rajpurohit (48) Share kare (54) Shishupal Singh (5) Shri NirmalDas Ji Maharaj (44) Shyam singh (4) Suja Kanwar Rajpurohit (1) Surat (7) Suresh Rajpurohit Jugnu (5) Swachh Bharat (4) video (11) Vijay Singh (2) Vikram (Viksa) (9) virus post (16) website (35) WhatsApp (93) www.bhaskar.com (32) www.skbdtirth.org (3) Yogendra Singh (7) YouTube (64) अब लिखिए अपनी भाषा में (1) अमर शहीद श्री हरि सिंह (1) अरविन्द राजपुरोहित (2) अशोक सिंह (3) एक बड़ा चबूतरा (1) एस.पी.सिंह (20) ओम प्रकाश (4) कमेन्ट बाक्स (1) कविता (22) किशोर सिंह (13) कृष्ण जन्माष्टमी (5) गरीमा राजपुरोहित (4) गायत्री महायज्ञ (5) गांव की जानकारी (8) गुरु पूर्णिमा (9) गो माता (57) गोविन्द (2) गौरक्षा कमांडो फाेर्स (1) चातुर्मास (42) जन्मोत्सव (38) जयंती (4) जयंती विशेष (44) जानकारी (46) जीवन परिचय (23) जीवनरक्षक सोसाइटी (2) जीवराजसिंह (3) ज्ञान (5) डॉ.M.P सिंह राजपुरोहित (10) डॉ.भवरलाल जी (2) तीन दिवसीय नि:शुल्क एक्यूप्रेशर (2) दक्ष प्रताप (2) दहेज (2) दिनेश सिंह (4) देवकिशन राजपुरोहित (1) नरपत सिंह (21) न्यूज़ (165) परमेश्वर सिंह (12) परिचय (4) पूनम राजपुरोहित (1) प्रताप सिहं राजपुरोहित (2) प्रथम मुकुंद पर सवार प्रतिमा (1) प्रवीण सिंह (4) प्रेरणा शिविर (6) फोटो (13) बगसिँह बागरा (33) बलवंत सिहं (1) बाबा रामदेव जी (2) बालू सिंह (3) ब्रम्हाजी मंदिर (16) ब्रह्मपुत्र सेना (31) ब्रह्मास्त्र सेवादल (1) भैरोसिंह राजपुरोहित (3) रघुवीर सिंह (3) राजपुरोहित का परिचय (5) राजपुरोहित समाज (47) राजपुरोहित समाज और जाति (4) राजस्थान मिष्ठान भंडार (1) रामदेवजी (4) रासीसर गाँव (1) विजिटर डायरी (2) विडियो (9) विनम्र श्रधांजलि (82) विशेष (253) शत शत नमन (18) शुभकामनाएँ (91) शेयर/बँटना (304) श्री अमरा राम जी (2) श्री आत्मानन्दजी (11) श्री खेतेश्वर महाराज (132) श्री तुलछारामजी महाराज (192) श्री दत्तशरणनन्द जी (15) श्री ध्यानरामजी (62) श्री ध्यानारामजी (98) श्री निर्मलदासजी (23) श्री बालकदास जी (21) श्री मोहनपुरी जी महाराज (1) श्री शांतिनाथ जी महाराज (2) श्री शान्तिनाथजी महाराज (1) श्रीखेतेश्वर महाराज (29) श्रीखेतेश्वर युवा सेवा संघ (10) श्रीशक्तिनाथनाथजी महाराज (1) संत गुरु ज्ञान गंगा प्रतियोगिता (2) सन्देश (27) सवाई सिंह (107) सुगना फाऊंडेशन (365) सूचना (296) सूरज दीदी (1) हमारे मार्गदर्शक (1) हार्दिक शुभकामनायें (41) हैम्स ओसिया इन्स्टिट्यूट (13)

Search This Blog

आपका लोकप्रिय ब्लॉग अब फेसबुक पर अभी लाइक करे .



Like & Share

Share us

Contact Form

Name

Email *

Message *

ट्विटर पर फ़ॉलो करें!



Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

एक सुचना

एक सुचना