न्यूज़ हेडलाइंस Post

सभी बंधुओं को जय श्री रघुनाथजी री सा, जय श्री खेतेश्वर दाता री सा.. अगर आप भी समाज से जुड़ी कोई न्यूज़ हम तक पहुंचाना चाहता है तो हमारे व्हाट्सएप नंबर पर हमसे संपर्क कर सकते हैं हमारा व्हाट्सएप नंबर है 9286464911 सवाई सिंह राजपुरोहित मीडिया प्रभारी सुगना फाउंडेशन मेघलासिया

Followers

यह ब्लॉग समर्पित है!






"संत श्री 1008 श्री खेतेश्वर महाराज" एवं " दुनिया भर में रहने वाले राजपुरोहित समाज को यह वेबसाइट समर्पित है" इसमें आपका स्वागत है और साथ ही इस वेबसाइट में राजपुरोहित समाज की धार्मिक, सांस्‍क्रतिक और सामाजिक न्‍यूज या प्रोग्राम की फोटो और विडियो को यहाँ प्रकाशित की जाएगी ! और मैने सभी राजपुरोहित समाज के लोगो को एकीकृत करने का ऐसा विचार किया है ताकि आप सभी को राजपुरोहित समाज के लोगो को खोजने में सुविधा हो सके!

आप भी इसमें शामिल हो सकते हैं तो फिर तैयार हो जाईये!

"हमारे किसी भी वेबसाइट पर आपका हमेशा स्वागत है!"

वेबसाइट व्यवस्थापक
सवाई सिंह राजपुरोहित-आगरा{मिडिया प्रभारी }
सुगना फाऊंडेशन-मेघलासिया जोधपुर & आरोग्यश्री मेला समिति
09286464911

मेरे साथ फेसबुक से जुडिए

Showing posts with label जीवन परिचय. Show all posts
Showing posts with label जीवन परिचय. Show all posts

21.5.24

मर्दानगी सुजा कंवर राजपुरोहित जन्मदिवस पर विशेष

मर्दानगी सुजा कंवर राजपुरोहित 

जन्म - लाडनूं ठिकाना नागोर 
 पिता - हड़वतसिहजी राजगुरु 

ससुराल - बित्ती किसनगढ़ ठिकाना 
पत्ती- बेघनाथसिंहजी सेवड़ 

लाडनूं ठिकाना ठाकुर बहादुरसिंह जी का राज था 

अंग्रेजों का आतंक जबरदस्त , अंग्रेज लाडनूं पर कब्जा करना चाहते थे लाडनूं को घेर लिया । बहादुरसिंहजी के गढ़ के आगे शेरनी की आवाज गुंज उठी। ठाकुर साहब आपकी बेटी ज़िन्दा है ठाकुर साहब ने देखा ।

मर्दाना कपड़े पहने हुए हाथ मे तलवार एवं लम्बछड़ बंदूक घोड़े पर सवार सुजा कंवर राजपुरोहित टूट पड़ी अंग्रेजों कि फोज पर रणचंडी विकराल रूप धारण कर अंग्रेज फोज को मौत के घाट उतारा लाडनूं ठिकाना जीत गया ।

ज्यो ही संदेश गया ठाकुर बहादुरसिंहजी के पास ठाकुर साहब ने सुजा कंवर के स्वागत के लिए ढोल नगाड़े बजने लगे ।

ठाकुर साहब ने कहा बहादुर सुजा कंवर आज से सुरजनसिंह के नाम से पुकारा जाएगा ।

ठाकुर साहब ने बड़ा मान सम्मान किया रियासत की आधी संपत्ति कि हकदार सुजा कंवर होगी लेकिन सुजा कंवर ने मना कर दिया 

मर्यादा वेषभूषा तलवार बंदूक सांकल ये सुजा कंवर के हथियार 

ठाकुर साहब के आदेशानुसार सुजा कंवर के बराबर कोई नहीं 
बैठता सुजा कंवर के मान सम्मान 
मे सब आतुर थे 

सुजा कंवर एक बार आ रही थी 
बचाओ बचाओ की आवाज आई 
देखा तो खुखांर भाऊ डाकू एक औरत कि इज्जत पर हाथ डाल रहा था 

शुरवीर सुजा कंवर के आख्या सूं अंगारा बरसण लाग्या झपट गई 
तलवार से भाऊ डाकू का धड़ अलग ऐसी सुरमा थी सुजा कंवर 
ठाकुर साहब बहुत खुश हुए एवं 
सम्मान समारोह रखा 

18 साल की उम्र मे सुजा कंवर का विवाह बित्ती के बेघनाथसिंहजी सेवड़ के साथ हुआ 

बित्ती जागीरदार बेघनाथजी अपनी पत्नी सुजा कंवर को ऊंट पर लेकर आ रहे थे शाम का समय था 

उस समय डाकुओं का बोलबाला था तीन चार डाकुओं ने घेर लिया 

डाकुओं ने कहा सभी माल दे दो 
बेघनाथजी ने दे दिया डाकु बोले 
बिनणी का आभुषण निकाल कर दो सुजा कंवर देख रही थी एवं 
पती परमेश्वर कांप रहे थे 

सुजा कंवर ने पती के कमर से तलवार खिंच कर जय भवानी 
का नाम पुकारती ऊंट से कूद पड़ी 

डाकुओं से लोहा लिया एक डाकू की धड़ अलग एक का सिर अलग 
एक डाकू भाग गया 

फिर सुजा बोली हे पत्ती परमेश्वर मेरा कवारपणा उतर गया 
आप बिती पधारो 

डाकुओं का ऊंट लेकर वापस घर आ गई 

राजगुरुओं की बेटी सुजा कंवर 
हरिद्वार गई वहां पर अखंड ब्रह्मचारी रहने का संकल्प लिया 

फिर लाडनूं की कमांड सम्भाली 
नव विवाहित डोली को अपने स्थान पर पहुंचाना 

सुजा कंवर के भंय से लाडनूं ठिकाना मे डाकू एवं अंग्रेज गायब हो गये  

सुजा कंवर समाज सेवा एवं परोपकार एवं मानव सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया 

1901 मे बहादुर शेरनी रणचंडी वीरांगना लाडनूं ठिकाना रियासत सुनी कर गई स्वर्ग सिधार गई 

बाईसा सुजा कंवर उर्फ सुरजनसिंह अमर नाम कर दिया ।

27.1.24

वरिष्ठ पत्रकार ओमसिंह राजपुरोहित सम्मानित।

बिलाड़ा।
पत्रकारिता क्षेत्र में उत्कृष्ठ योगदान के लिए बिलाड़ा के वरिष्ठ पत्रकार श्री ओमसिंह राजपुरोहित को गणतंत्र दिवस के अवसर पर उपखण्ड मजिस्ट्रेट, पुलिस प्रशासन, नगर पालिका प्रशासन एवं राजस्व विभाग की ओर से प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। 
इस दौरान उपखंड मजिस्ट्रेट तथा नगर पालिका प्रशासन ने श्री ओमसिंह राजपुरोहित द्वारा अयोध्या में 1992 की कारसेवा में उनके योगदान तथा विशिष्ठ पत्रकारिता की भी सराहना की।
टीम सुगना फाउंडेशन और राजपुरोहित समाज इंडिया की ओर बहुत-बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं शौर्य प्रताप (सवाई) सिंह राजपुरोहित
***____ ___** 
वरिष्ठ पत्रकार और समाज रत्न श्री ओम सिंह राजपुरोहित का जीवन परिचय Best Youth Face Of Rajpurohit ब्लॉग पर पढ़िए नीचे दिए गए लिंक पर



10.8.23

श्री 1008 श्री महंत श्री हीरानंद जी सरस्वती जी महाराज का संक्षिप्त जीवन परिचय

।।श्री गणेशाय नमः।। ।। श्री जोगेश्वर नमः।।
श्री 1008 श्री महंत श्री हीरानंद जी सरस्वती जी महाराज की जीवनी.... 

 राजस्थान में जालौर जिले के गौमडी गांव में राजपुरोहित जागरण गोत्र में पिताजी सोनाराम जी माताजी श्री रूपा देवी जी की कोख से विक्रम संवत 2013 भादवा सुदी तेरस ब्रह्म मुहूर्त में हरिराम का जन्म हुआ।

 बाल्यकाल में ही अपने पिताजी के भक्ति मय जीवन का प्रभाव पड़ा वह मन आध्यात्मिक की तरह दिनों दिन बढ़ता गया प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपने पिताजी के कृषि कार्य में जब मन होता तो हाथ बताते अन्यथा ध्यान व सत्संग में मगन रहते सत्संग के बल से परिवार को रोग मुक्त किया साथ ही साथ जन हितार्थ भी कईयों के साधना के द्वारा दुखों को दूर किया इनकी चर्चाएं दूर दरार तक फैल गई जिस वजह से स्थान पर भक्त भाविको का दुखी दर्जियों का तांता लगा रहता था 1 दिन श्री 1008 श्री शिवानंद जी महाराज गौमडी गाम पधारे और भक्त भावीको को मिलने के बाद हरिराम के तपस्या स्थान को देखा और कहा संसार में दो रास्ते हैं एक तो सांसारिक जीवन बिताना और दूसरा जीवन सफल बनाना तुम्हें कौन सा रास्ता चुनना है तब हरिराम ने सोचा कि अब लक्ष्य की और पहुंचने का समय समीप आ गया है इसे खोना नहीं चाहिए तब श्री हरिराम ने निवेदन के रूप में प्रार्थना की कि मैं सांसारिक प्रपंच में नहीं पड़ना चाहता तब श्री शिवानंद जी महाराज ने कहा कि चलो हमारे साथ तत्काल उसी क्षण हरिराम ने संकल्प कर मन ही मन श्री शिवानंद जी महाराज को गुरु धारण कर गुरु महाराज की जोली और डंडा उठाकर गुरु महाराज के साथ रवाना हो गए अपने परिजनों व माता श्री ने कहा अगर सन्यास ही लेना है तो जाओ मेरे दूध की लाज रखना और प्राणी मात्र की सेवा करना यह आशीर्वाद दिया पिता श्री से आज्ञा प्राप्त कर चिलचिलाती धूप में घर से रवाना होते समय लोगों ने बताया काबर नाम की चिड़ियों ने इन संतो के ऊपर छतरी बनाकर छाया करके धूप से बचाव किया शिष्य बनने पर कई कसौटी ओं से गुजरना पड़ता है और पूर्ण रूप से परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लगभग 10 वर्ष पश्चात विक्रम संवत 2042 भादवा सुदी 12 को रात्रि जागरण मननना वास जसोल जहां श्री 1008 श्री जोगानंद जी महाराज का धूना है गुरु चेला और कई भक्तों के साथ वहां पधारे इन्हें अपने गुरु भाइयों वह दादा गुरु श्री 1008 श्री पूर्णानंद जी महाराज गांव गादेसरा के सानिध्य में विधिवत दीक्षा ली नामकरण श्री हीरानंद जी सरस्वती जी महाराज से संबोधित कर आशीर्वाद दिया।  4 वर्ष लगातार गुरु के आज्ञा अनुसार साथ रहे यात्राएं की जिनमें कोलायत से अबु तक श्री शिवानंद जी महाराज दंडवत करते हुए। आबू पहुंचे रास्ते में भक्त भावी को व श्रद्धालुओं द्वारा जगह-जगह स्वागत होता रहा अबू पहुंचकर परिक्रमा की फिर वास्थान जी पर शेषनाग की गुफा का निर्माण करवाकर मेलों का आयोजन किया शिवानंद जी महाराज हीरा नंद जी को कुटुंब यात्रा करवा कर दादाल चले आए वहां से गुरु आज्ञा द्वारा श्री हीरानंद जी महाराज ने मननावास में श्री 1008 श्री जोगानंद जी महाराज के धुने पर व्यवस्था संभाली तब श्री हीरानंद जी ने या आकर पॉल कोर्ट कमरे पानी का टांका श्री जोगानंद जी महाराज के धुना पर अखंड ज्योत संकट मोचन हनुमान जी का मंदिर अखंड ज्योत. श्री दूधेश्वर महादेव शिवलिंग के पास अखंड ज्योत मनना कुल की कुलदेवी चामुंडा माता के अखंड ज्योत इस प्रकार 4 अखंड ज्योत की शुरुआत की जो वर्तमान में जारी है गुरु आज्ञा से इस आश्रम की सेवा को मानना वास बस्ती को सौंप कर अपना तपस्या स्थान बनवाया सरस्वती नगर याहाआकर श्री नागेश्वर महादेव जी की स्थापना कीआश्रम में वर्तमान में गायत्री माता के अखंड ज्योत नागेश्वर मंदिर में अखंड ज्योत संकट मोचन हनुमान जी मंदिर में अखंड ज्योत श्री दत्त गुरु जी धुना में अखंड ज्योत श्रद्धालुओं भक्तों के रसोड़ा भोजन प्रसाद और गौ माता के चारा पानी नियमित रूप से व्यवस्था संत श्री के सानिध्य में दुखी दर्जियों का दुख निवारण इस युक्ति को चरितार्थ कर रही है तरुवर सरोवर संत जन चौथा बरसे मेघ परमार्थ के कारण चारों धारी देह अपने स्वाध्याय के साथ-साथ प्राणी मात्र जो आश्रम तक पहुंच जाएं संत श्री के आराध्य देव की शीतल छाया में तो उसके दुखों की स्वत निवृत्ति हो जाती है और संत श्री ने गुरु महाराज की कृपा से चंदा टिप्पणी ओली ऊगराना का त्याग कर जगत भगत श्रद्धालु प्रेम से श्रद्धा से भेट पूजा रखी हुई को आदर सम्मान के साथ स्वीकार करते हुए भजन सत्संग सत्कर्म सेवा में लगाने तथा राखड़ी डोरा धागा मादलिया ताबीज से भक्तों श्रद्धालुओं को मुक्त करने का संकल्प लिया माताजी रूपा देवी जी की तपस्या ग्रहस्त जीवन में भी नियमित रही जिसमें अनाज भोजन नहीं लेते थे। ओर  24 घंटों में केवल एक गिलास दूध या पानी लेते थे संत श्री का कहना है कि शिक्षा का बड़ा महत्व है शिक्षा के बिना मनुष्य जीवन व्यर्थ है शिक्षा से ही मनुष्य के उत्थान का श्रीगणेश होता है संत श्री का कहना है कि संस्कारों व संस्कृति से दूर नहीं जाना चाहिए अगर संस्कार और संस्कृति से दूर रहे तो तुम्हारा पतन भी नीचय है अन्यथा इसके पथ पर चलते रहे तो गुरु कृपा से बहुमुखी विकास ही होगा भला ही होगा संत श्री भी अनाज भोजन नहीं करते हैं केवल फलाहार भजन सुमिरन में सदा मस्त है और गुरु महाराज की क्या मैं उपमा कर सकूं जितनी उपमा करो उतनी कम है। सारी धरती का कागज करूं कलम करू वरना राय सात समंदर की सही भरू तो भी गुरु गुण लिखा न जाए। 

परम पूज्य गुरुदेव आज ब्रह्मलीन हो गए हैं 1008 संत शिरोमणि श्री हीरानंद जी महाराज के देवलोक गमन पर मैं बहुत दुख व्यक्त करता हूं और प्रभु श्री के चरणों में नमन करता हूं महाराज श्री ने हमारे समाज का बहुत नाम रोशन किया है और भगवान के चरणों में उनको स्थान मिले ऐसी में, ईश्वर से प्रार्थना करता हूं .... शौर्य प्रताप सिंह राजपुरोहित टीम सुगना फाउंडेशन और राजपुरोहित समाज इंडिया 🙏🙏🚩🚩
इसमें अगर कोई भी गलती हो तो मुझे छोटा बच्चा समझकर मुझे क्षमा कर देना मुझे माफ करना हरि ओम हरि ओम हरि ओम...

जीवन परिचय के लिए आभार श्री जगदीश सिंह जी राजपुरोहित सूरत

14.9.21

समाजसेवी डॉ राजपुरोहित के जन्मदिन के उपलक्ष पर समाचार पत्रों द्वारा उनके जीवन परिचय को प्रकाशित किया गया

सुगना फाउंडेशन संयोजक समाजसेवी युवाओं के मार्गदर्शक डॉ मदन प्रताप सिंह राजपुरोहित के जन्मदिन के उपलक्ष पर समाचार पत्रों द्वारा उनके जीवन परिचय को प्रकाशित किया गया ।
 सुगना भवन में मनाया अपना जन्म दिवस
परिवार के सदस्यों के साथ मनाया जन्मदिन

 जैन शिल्प समाचार 

 समाज का लोकप्रिय मासिक न्यूज़पेपर

सामाजिक कार्यकर्ता, समाजसेवी और बड़े भाई व मेरे मार्गदर्शन डॉ एम.पी सिंह राजपुरोहित का जीवन परिचय आइए पढ़ते हैं उनकी जीवन पर यह विशेष पोस्ट
👇🏻👇🏻👇🏻

10.8.20

Sant Shri Ramanand Ji Maharaj Karodiya Aashram




Sant Shri Ramanand Ji Maharaj Karodiya Aashram

Birth DateApril 10, 1946 (Vikram Samavat 2003 Caitra Suklapaksa Navami - Wednesday)
FatherShri Padmasingh Ji Rajpurohit (Pallival)
MotherShrimati. Kunku Devi
Birth PlacePichava Village 
TehsilSumerpur, Pali (Rajasthan State)
Birth NameRawat Singh
VairagyaSince Childhood
GuruSant Shri Atmanand Ji Maharaj
Specialty
Devotee of Hanumanji
Importance to Cow's serve, Also provision of Gaoshala in his Ashram
For awake of Social work Guidance of Good things to youth with together.
Fearless, Justice lover and enlightened Saint..


जुड़े रहिए राजपुरोहित इंडिया के साथ. 
 राजपुरोहित समाज इंडिया फेसबुक पेज/ ब्लॉग आप किसी भी प्रकार की न्यूज़ है तो भेज सकते है तो हमारे व्हाट्सएप नंबर पर हमसे संपर्क कर सकते हैं हमारा व्हाट्सएप नंबर है 92864 64911 सवाई सिंह राजपुरोहित मीडिया प्रभारी सुगना फाउंडेशन - मेघलासिया व आरोग्यश्री समिति 
अब राजपुरोहित समाज इण्डिया को फॉलो करें सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म फ़ेसबुक, ट्विटर, Instagram , YouTube पर सभी के लिंक क्लिक करके फॉलो करें और जुड़ जाइए समाज के सबसे बड़े नेटवर्क के साथ  
 न्यूज़ देखें https://www.youtube.com/sawairajpurohit 
विजित करे Facebook Join us Page http://www.facebook.com/sawai.agra
 News स्पॉन्सर बाय(By):- 
 हेम्स एजुकेशन बोर्ड राजस्थान & सुगना फाउण्डेशन मेघलासियां 

9.8.20

"Sant Shri Sadanand ji Maharaj

Example HTML page
"Sant Shri Sadanandji Maharaj"
 
FatherShri Himmat Ji Rajpurohit (Gundecha)
MotherShrimati. Mangu Devi
Birth PlaceBarwa Village
TehsilBali, District- Pali, Rajasthan State.
GuruSant Shri Aatmanand Ji Maharaj
Specialty
Param Gurubhakta
Truth Prevailing and soft spoken saint
Dedicated towards human upliftment and towards animal welfare
Principal Motto "Worship and regard parents first"


31.7.19

गायिका प्रीति राजपुरोहित समाज की गौरव और संगीत के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम बन चुकी

राजपुरोहित समाज की गौरव और संगीत के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम बन चुकी है इंदौर की गायिका प्रीति राजपुरोहित सुप्रसिद्ध गायिका है जिन्होंने अपनी दिलकश आवाज से श्रोताओं के दिल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी।

प्रीति राजपुरोहित
जन्म दिन : 2 फरवरी 1983
आयु : 36 

यह सही है कि संगीत एक साधना है और जो उस साधना में राम जाता है निश्चिती व संगीत के क्षेत्र में एक मुकाम हासिल कर लेता है बरसों से संगीत को अपना लक्ष्य मान चुकी प्रीति राजपुरोहित मध्य-प्रदेश इंदौर की रहने वाली आज संगीत में एक जाना पहचाना नाम बन चुका है  जिनके गीतों को सुनकर श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो जाते हैं पिछले कई सालों से इंदौर, हैदराबाद, चेन्नई, गुजरात, राजस्थान ओर महाराष्ट्र आदि स्थानों पर प्रोग्राम के माध्यम से अपने गीतों का लोहा मनवा चुकी है प्रीति राजपुरोहित ने हमें एक इंटरव्यू में बताया कि इसके लिए वह कड़ी मेहनत करती हैं  गीत संगीत अब सांसे बन कर दिलों में धड़कता है !

अपनी सफलता के लिए अपने माता-पिता के बाद लता मंगेशकर को श्रेय देती हैं। लता मंगेशकर को अपना आदर्श मानने वाली सिंगर श्रीमती प्रीति राजपुरोहित हर एक गीत के साथ पूरा इंसाफ करते हुए संजीदा ढंग से प्रस्तुति देती हैं प्ले बैक सिंगर मधुश्री तथा अन्य सिंगरों के साथ मंच साझा कर चुकी प्रीति राजपुरोहित अब बॉलीवुड की धड़कन बनना चाहती हैं वह दिन दूर नहीं की संगीत के प्रति उनकी रूचि और मेहनत उन्हें एक दिन उस मुकाम तक पहुंचा देगी| फिल्मी गीतों की प्रस्तुति के साथ भजनों की प्रस्तुति मैं भी प्रीति राजपुरोहित को महारत हासिल है

संघर्ष 
सफलता की राह कभी भी आसान नहीं होती है।  प्रीति जी को भी अपना स्थान बनाने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पडा़।

हम प्रीति जी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते है........ सुगना फाउंडेशन मेघलासिया परिवार



विशेष आग्रह : अपने आस पास बहुत से ऐसे लोगों को देखा होगा, बहुत से ऐसे लोगों के बारें में सुना या पढ़ा होगा जो निस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद करते हैं, गरीबों की सेवा करते हैं, धर्म की दीवार को तोड़कर सभी धर्मों की एकता की बात करते हैं, गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं, अनाथ बच्चों की पढ़ाई या खाने पीने का खर्च उठाते हैं, जानवरों की सुरक्षा या देखभाल करते हैं, बहुत ही गरीबी या मुश्किल स्थिति से गुजरते हुए भी हार नहीं मान रहे हैं, कोई सुविधा न होने के बावजूद भी पढना नहीं छोड़ रहें हैं, सामाजिक सन्देश देने के लिए कोई नया काम कर रहे हैं, आदि आदि।  इस पहल में उन सभी लोगों की जिंदगी से जुडी और प्रेरणादायक कहानी प्रस्तुत की जाएगी जो समाज के लिए एक प्रेरणा हैं या एक मिसाल हैं।

      सुगना फाउंडेशन मेघलासिया क़ी इस शुरुआत का मकसद सिर्फ लोगों को दूसरों की मदद करने के लिये, मुश्किलों और निराशाओं से बाहर निकलने के लिए, अपनी और दूसरों की जिंदगी में बदलाव लाने के लिए प्रेरित करना हैं। और मुझे विश्वास हैं कि मेरा ये प्रयास अपने मकसद में जरुर सफल होगा

अगर आपके आसपास भी ऐसा कोई शख्स है, ऐसा कोई उदाहरण है, जो किसी भी तरह से अपनी और दूसरों की जिंदगी में बदलाव ला रहा है और दूसरों के लिए एक प्रेरणा है और आप उस शख्स की प्रेरणादायक कहानी लोगो को बताना चाहते हैं तो अपनी एक फोटो और अपने बारे में थोड़ी जानकारी जैसे- आपका नाम, जगह, क्या करते हैं? आदि के साथ उस शख्स की कहानी और सम्बंधित Image हमें WhatsApp no 9286464911 पर या  sawaisinghraj007@gmail.com पर भेज सकते हैं। पसंद आने पर उस शख्स की कहानी आपके नाम और फोटो के साथ पोस्ट की जाएगी  

"आप की कहानी, आप की ज़ुबानी। अपनी आपबीती हमें बताएँ, हम दुनिया को बताएँगे।"
 सवाई सिंह राजपुरोहित मीडिया प्रभारी  सुगना फाउंडेशन मेघलासिया 

18.6.19

समेरपुर के लोहापुरुष श्री बाबूलाल जी राजगुरु स्वतंत्रता सेनानी की 57वी पुण्यतिथि के उपलक्ष में


स्वतंत्रता सेनानी को सुमेरपुर की जनता ने निर्विरोध चुना था पहला बाबूलाल राजगुरु 1949 मे -पुण्यतिथि पर विशेष

     समेरपुर के लोहा पुरुष श्री बाबूलाल जी राजगुरु प्रथम सरपंच एवं स्वतंत्रता सेनानी की 57वी पुण्यतिथि के उपलक्ष में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है इस उपलक्ष में आप सभी सादर आमंत्रित हैं कार्यक्रम स्थल राजगुरु सर्किल समेरपुर पाली 
दिनांक 19 जून 2019 सुबह 9:30  बजे 

आइए जानते हैं उनके जीवन पर कुछ विशेष जानकारी और उपलब्धियां




     पावटा क्षेत्र के पलासिया खुर्द गाँव के स्वतंत्रता सेनानी व प्रथम सरपंच बाबूलाल राजगुरु की पुण्यतिथि बुधवार को मनाई जाएगी। सुमेरपुर के पहले सरपंच बाबूलाल राजगुरु, 1949 में ग्रामीणों ने निर्विरोध चुना था। 

     जानकारी के अनुसार स्वतंत्रता सेनानी राजगुरु सुमेरपुर ग्राम पंचायत बनने के बाद लगातार  चार बार सरपंच पद पर रहे। उनका जन्म सन 1911 में पावटा क्षेत्र के  ग्राम पलासियाखुर्द गाँव के मोतीसिंह राजपुरोहित के घर में जन्म  हुआ था। साधारण पढ़ाई-लिखाई के बाद उन्होंने पुस्तकों और स्टेशनरी की एक दुकान खोल ली। इससे उनका संपर्क शिक्षा विदो के साथ बढ़ने के साथ ही विविध विषयों का ज्ञान भी बढ़ता गया। उन्होंने सन 1941 में सुमेरपुर साहित्य कुल की स्थापना की। सन 1955 में पाली जिला पत्रकार संघ के उपाध्यक्ष पद पर चुने गए थे। एवं सन 1948 में उन्होंने प्रौढ़ शिक्षा संघ सुमेरपुर की स्थापना की और संघ के प्रथम मंत्री चुने गए। उन्होंने 1949 में सर्वोदय वाचनालय की स्थापना की थी। सन् 1958 में राजगुरु दी सुमेरपुर को.ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी लिमिटेड के अध्यक्ष पद पर चुने गए। वे जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ता रहे एवं उपाध्यक्ष, मंत्री सहित कई पदों पर वर्षों तक रहे।

        जवाई बांध रोड पर  है राजगुरु का स्मारक


           स्वतंत्रता सेनानी बाबूलाल राजगुरु के नाम से जवाई बांध रोड पर राजगुरु सर्कल निर्मित है। जोधपुर संभाग के स्वतंत्रता सेनानियों ने उनके पुत्र मंगलसिंह राजगुरु को उस समय कहा कि पूरा सुमेरपुर राजगुरु के स्मारक के रूप में पहचाना जाता है।
        सुमेरपुर ग्राम पंचायत के प्रथम सरपंच रहे राजगुरु सुमेरपुर ग्राम पंचायत बनने पर सन 1949 में पहले ग्राम पंचायत चुनावों में ग्रामीणों ने सरपंच चुना था। ग्रामीणों ने हाथ खड़े कर मतदान किया था, क्योंकि उस समय वोटर लिस्ट नहीं थी। ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से राजगुरु को सुमेरपुर ग्राम पंचायत के प्रथम सरपंच चुना था। इसके बाद वे लगातार चार बार सरपंच पद पर काबिज रहे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सुमेरपुर में कई सरपंच सम्मेलन करवाते हुए एक आदर्श गांव के रूप में सुमेरपुर की पहचान राजस्थान में बनवाई।

सुमेरपुर के लोहा पुरुष व स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्री बाबूलाल राजगुरु जी को सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता हैै सुगना फाउण्डेशन मेघलासियां परिवार 

28.4.19

आइए जानते हैं पूज्य गुरु महाराज संत खेतेश्वर महाराज के बारे में कुछ विशेष जानकारी

 पूज्य गुरु महाराज संत खेतेश्वर महाराज की जय हो 


        राजपुरोहित समाज के लोग श्री खेताराम जी महाराज के बताए हुए मार्ग पर चलकर आज गौसेवा और सनातनधर्म की ध्वजा को धारण करके सतमार्ग पर चलने की प्रेरणा दे रहे हैं। हालांकि ये भी मैं महसूस कर रहे हैं कि राजपुरोहित समाज की नौजवान पीढ़ी जानकारी के अभाव में धर्म के नाम पर कट्टर सोच रखने लगी है, उन्हें खेताराम जी महाराज की सोच का सही मायने में पता ही नहीं है।



        ऐसे युवाओं के लिए आजकल श्री ध्यानाराम जी महाराज संस्कार शिविर लगा रहे हैं। नौजवानों को संस्कार शिविर में जरुर जाना चाहिए। खेताराम जी महाराज आसोतरा के समीप रहने वाले मुस्लिम धर्मगुरु सांईजी बावजी से बहुत प्रभावित थे। उन्होंने लंबे समय तक सांईजी महाराज के सानिध्य में भक्ति की। बाद में सांई जी के आदेश पर गणेश राम जी महाराज को अपना गुरु बनाया। श्री खेताराम जी महाराज ने अपनी भक्ति की बदौलत इस श्राप और धारणा को झूठलाते हुए ब्रह्मा जी मंदिर बाड़मेर के आसोतरा में बनाया। खेताराम जी महाराज असल में राजपुरोहित समाज के समाज सुधारक थे।

     उन्होने समाज के युवाओं को देशावर जाकर व्यवसाय करने का आदेश दिया। खेताराम जी महाराज ने ही समाज के लोंगों को मिठाई और बारदाने का व्यवसाय की सलाह दी। बावजी की ये सलाह आज वरदान बन चुकी है। देशभर में आज राजपुरोहित समाज के लोगों का जोधपुर स्वीट होम समेत विभिन्न नामों से मिठाई व्यवसाय हैं। इस समाज के लोगों को मिठाई के व्यवसाय में महारत हासिल है। 

      राजपुरोहित समाज के लोग आज साधन संपन्न गुरु महाराज के आशीर्वाद से ही है। वे साम्प्रदायिक सद्भाव के भी मिसाल थे। सही मायने में खेताराम जी का जीवन सामाजिक सद्भाव रखने की प्रेरणा देने वाला और हिंदू मुस्लिम से ऊपर उठकर इंसान बनने की राह दिखलाता है। ऐसे समाज सुधारक के चरणों में को कोटि कोटि नमन है । ब्रह्मधाम आसोतरा के ब्रह्मलीन संत श्री १००८ खेतेश्वरजी महाराज के 107वें जन्मशताब्दी अवसर हार्दिक बधाई।

       अगर आपको पूजा गुरु महाराज संत से खेताराम जी महाराज का जीवन परिचय पढ़ना हो तो ब्लॉग पर सर्च करें खेतेश्वर महाराज का परिचय आपको मिल जाएगा गुरु महाराज का परिचय

       आप भी जुड़िए समाज के सबसे बड़े मीडिया नेटवर्क के साथ और कीजिए फ्री प्रचार अपने कार्यक्रमों के और इतना ही नहीं साथ ही आप कर सकते हैं अपने व्यापार का प्रचार हमारे नेटवर्क के साथ साथी आप जीत सकते हैं आकर्षण इनाम पेटीएम कैशबैक और साथ में आप जीत सकते हैं ऑनलाइन वेबसाइट के साथ परचेसिंग करने के गिफ्ट कूपंस बिल्कुल मुफ्त जल्दी आ रहा है हमारा न्यू अपडेट वर्जन तब तक जुड़े रहिए राजपुरोहित इंडिया के साथ......



         अगर आप भी समाज से जुड़ी कोई न्यूज़ हम तक पहुंचाना चाहता है तो हमारे व्हाट्सएप नंबर पर हमसे संपर्क कर सकते हैं हमारा व्हाट्सएप नंबर है 92864 64911 सवाई सिंह राजपुरोहित मीडिया प्रभारी सुगना फाउंडेशन

20.4.19

ब्रह्मपुत्र परमेश्वर राजपुरोहित आइए जानते हैं इन के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारी

आज हम आपके लिए लेकर आए परिचय की सूची में एक और नाम जो सबके लिए जाना पहचाना है जी हां हम बात कर रहे हैं समाजसेवी और रक्तदाता परमेश्वर सिंह राजपुरोहित जो आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है आप समय-समय पर सामाजिक सेवा कार्यों के लिए सदैव आगे रहते हैं आपके संगठन ब्रह्मपुत्र सेना द्वारा पूरे भारतवर्ष में ब्लड की उचित व्यवस्था की जा रही है आपने एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से पूरे भारतवर्ष के ब्लड और रक्त दाताओं को जोड़ रखा है जहां पर सिर्फ एक मैसेज पहुंचने पर व्यक्ति और मरीज को ब्लड उपलब्ध करवाया जाता है बिना किसी जाति भेद के जो कि बहुत ही सराहनीय है आइए जानते हैं परमेश्वर सिंह राजपुरोहित के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारी हमारी इस खास पोस्ट में......

                   व्यक्तिगत परिचय
नाम - ब्रह्मपुत्र परमेश्वर राजपुरोहित
पिता - श्री रतनसिह जी राजपुरोहित
गांव - बासडा पुरोहितान, मकराना ( नागौर)
व्यवसाय - कपडे का

सोच - रक्त दान करे और सभी को करने के लिए प्रेरित करना । रक्त की कमी नहीं हो कभी किसी के लिये।
संस्था - ब्रह्मपुत्र सेना

 2009 से रक्तदान कर रहे है लगभग 14 बार रक्तदान कर चुके हैं। 2014 मे ब्रह्मपुत्र सेना संस्था बनाकर कार्य को गति दी । ब्रह्मपुत्र ब्लड बैंक ग्रुप के माध्यम से भारत भर मे हर ग्रुप का रक्त मात्र 30 मिनट मे उपलब्ध करवा रहे |

  बीकानेर ट्रामा सेंटर मेडिकल कालेज मे अन्तराष्ट्रीय रोड सेफ्टी बल्ड मोटिवेटर व हैल्प सहायता एनजीओ राष्ट्रीय अन्तराष्ट्रीय डकटर टीम का सम्मेलन हुआ जिसमें आपको सम्मानित किया गया | भारत की 10 टॉप बल्ड संस्थाओं मे चयनित राजपुरोहित समाज की ब्रह्मपुत्र बल्ड बैक भी अपना स्थान रखती है ।

 इनके काम और काम करने की सोच को सुगना फाउण्डेशन परिवार और समस्त राजपुरोहित का सलाम । हम आपके यशस्वी जीवन की कामना करते हैं आप इसी प्रकार परिवार समाज और देश का नाम रोशन करें ऐसी मंगल कामनाओं के साथ मिलते हैं फिर किसी अलग परिचय पहचान के साथ तब तक के लिए मुझे दीजिए इजाजत जुड़े रहिए राजपुरोहित समाज इंडिया के साथ........

परिचय संपादक - सत्यनारायण राजस्थानी सत्तु आसोप

अगर आप भी साहित्य और कला जगत में अपनी अलग पहचान रखते हैं यह समाज हित के लिए आपने कुछ अलग कार्य किया है तो हमें जरूर लिख भेजिए अपने बारे में हम उसे राजपुरोहित समाज इंडिया पर पब्लिक और स्थान देंगे आप हमें अपनी जानकारी हमारे व्हाट्सएप नंबर 92864 64911 कर दे सकते हैं जिसे हम जल्द ही प्रकाशित करेंगे। 

NEWS को Whatsapp फ़ेसबुकट्विटरInstagram 
                              पर शेयर करे। 
                           ●●●●●●●●●●●●●●
आप सभी के लिए एक विशेष जानकारी और सूचना

राजपुरोहित समाज इंडिया फेसबुक पेज/ ब्लॉग

आप किसी भी प्रकार की न्यूज़ है तो भेज सकते है , जो आप इस पेज पर देखना चाहते है ।
सवाई सिंह राजपुरोहित मीडिया प्रभारी सुगना फाउंडेशन - मेघलासिया व आरोग्यश्री समिति  09286464911

अब राजपुरोहित समाज इण्डिया को फॉलो करें
सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म  फ़ेसबुक,  ट्विटर,  Instagram , YouTube पर सभी के  लिंक   क्लिक करके फॉलो करें और जुड़ जाइए समाज के सबसे बड़े नेटवर्क के साथ
https://www.facebook.com/rajpurohitpage

विजित करे

Facebook Join us Page 

 स्पॉन्सर बाय(By):-  हेम्स एजुकेशन बोर्ड राजस्थान & सुगना फाउण्डेशन मेघलासियां 
http://www.hamsinstitute.com

http://www.facebook.com/maasugana

19.4.19

समाज को जागरूक करने के लिए समय-समय पर लिखते रहते अपनी रचनाएं... श्याम राजपुरोहित

  कुछ खास व्यक्ति से जिसने किया है कुछ अलग जे समय-समय पर समाज को जागरूक करने के लिए रचनाएं लिखते रहते हैं जी हां हम बात कर रहे हैं श्याम सिंह राजपुरोहित की
आइए जानते हैं इन के बारे में......

 नाम - श्यामसिंह राजगुरू राजपुरोहित
पिता - श्री सोहनसिंह जी राजपुरोहित

 गांव - गांव-मालकोसनी
तहसील बिलाड़ा जि.जोधपुर

 व्यवसाय - बोरून्दा(मेड़ता)में कली चूने के भट्टे का व्यसाय।
कवि/लेखक/गायक|
संस्था - ब्रहमपुत्र सेना में संगठन मन्त्री

 सन् 2005 से लेखन ।2006 में"खेतेश्वर अमृतवाणी "एंवम "खेतेश्वर भजनावली"का प्रकाशन हुआ।

 युट्युब पर अनेक भजन,लोकगीत,विवाह गीत,राजनैतिक पार्टी प्रचार गीत,फागण गीत,खेतेश्वर दाता के भजन और अन्य लोकगीत प्रसारित हो चुके हैं।
   कविताओं और लोक गीतों,भजनों का लेखन जारी हैं। महिने में तीन चार भजन,लोकगीत युट्युब पर प्रसारित हो जाते हैं।

 आप राजस्थान के लोकप्रिय गीतकार गजेंद्र अजमेरा को भी भजन लिख कर देते जिसे वो अपनी आवाज मे जनता के समाने प्रस्तुत करते हैं |

मेरे अनुसार इनका सबसे अच्छा और लोकप्रिय भजन जिसके कारण राजपुरोहित समाज मे अजमेरा लोकप्रिय हुआ हैं |
भजन राजपुरोहित कुलदेविया
लिंक सुनने के लिए
👇👇👇👇👇👇 

https://youtu.be/SHwLFyvwg88

परिचय संपादक - सत्यनारायण राजस्थानी सत्तु आसोप

अगर आप भी साहित्य और कला जगत में अपनी अलग पहचान रखते हैं यह समाज हित के लिए आपने कुछ अलग कार्य किया है तो हमें जरूर लिख भेजिए अपने बारे में हम उसे राजपुरोहित समाज इंडिया पर पब्लिक और स्थान देंगे आप हमें अपनी जानकारी हमारे व्हाट्सएप नंबर 92864 64911 कर दे सकते हैं जिसे हम जल्द ही प्रकाशित करेंगे। 

NEWS को Whatsapp फ़ेसबुकट्विटरInstagram 
                              पर शेयर करे। 
                           ●●●●●●●●●●●●●●
आप सभी के लिए एक विशेष जानकारी और सूचना

राजपुरोहित समाज इंडिया फेसबुक पेज/ ब्लॉग

आप किसी भी प्रकार की न्यूज़ है तो भेज सकते है , जो आप इस पेज पर देखना चाहते है ।
सवाई सिंह राजपुरोहित मीडिया प्रभारी सुगना फाउंडेशन - मेघलासिया व आरोग्यश्री समिति  09286464911

अब राजपुरोहित समाज इण्डिया को फॉलो करें
सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म  फ़ेसबुक,  ट्विटर,  Instagram , YouTube पर सभी के  लिंक   क्लिक करके फॉलो करें और जुड़ जाइए समाज के सबसे बड़े नेटवर्क के साथ
https://www.facebook.com/rajpurohitpage

विजित करे

Facebook Join us Page 

 स्पॉन्सर बाय(By):-  हेम्स एजुकेशन बोर्ड राजस्थान & सुगना फाउण्डेशन मेघलासियां 
http://www.hamsinstitute.com

http://www.facebook.com/maasugana

1.8.18

कवि ओर साहित्यकार रवि पुरोहित का जीवन परिचय एवं साहित्य क्षेत्र में उपलब्धिया


प्रिय मित्रों 
राजपुरोहित समाज की कला से जुड़ी हस्तियों के परिचय एवम उपलब्धियों की कड़ी मे आज हम कवि एवम साहित्यकार श्री रवि जी पुरोहित को लेकर आये है। 
साहित्य साधना के परम उपासक श्री रविजी की साहित्य क्षेत्र में एक विशिष्ट पहचान है ।

5 जून 1968 में जन्मे रवीजी मूल बीकानेर जिले के श्री डूंगरगढ़ के निवासी है और हाल बीकानेर में राजस्थान सरकार अधीनस्थ लेखा सेवा में कार्यरत है ।
आपने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्व विद्यालय अजमेर से 1989 में वाणिज्य स्नात्तक की डिग्री परीक्षा उतीर्ण की ,ततपश्चात 1991 में हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। 
फिर वर्ष 2010 में आपने महाराजा गंगासिंह विश्व विद्यालय बीकानेर से राजस्थानी भाषा मे एम. ए. की डिग्री उतीर्ण की ।।

शोध सर्वे - 
मरुभूमि शोध संस्थान श्री डूंगरगढ़ में वर्ष 1989 से 1991 तक आप मानस शोध में सहायक रहे है ।
'चुरू अंचल रा लोक देवतावां अर लोक मान्यतावां ' इस विषय पर आपके शोध कार्य चालू है ।
साक्षरता के क्षेत्र में सरकारी एवम गैर सरकारी प्रयास में दशा एवम दिशा के लिए शिक्षा समाज और चेतना में आपकी शैक्षणिक परियोजना की भूमिका रही है। 

सदस्यता -- 
साहित्य अकादमी नई दिल्ली के राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के वर्तमान में आप सदस्य है । राजस्थानी भाषा साहित्य एवम संस्कृति अकादमी बीकानेर की पांडुलिपि प्रकाशन सहयोग तदर्थ उप समिति का संयोजकीय दायित्व एवम सदस्यता रही वर्ष 2012 से 2014 तक ।
वर्ष 2006 से 2008 तक आप राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर की सरस्वती सभा के सदस्य रहे है। 
ASIA PACIFIC WHO*S WHO के आप पंजीबद्ध रचनाकार है ।
राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति श्रीडूंगरगढ़ के आप आजीवन सदस्य है और वर्तमान में इसके सयुंक्त मंत्री भी है ।
राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ , सार्वजनिक पुस्तकालय श्रीडूंगरगढ़ की आजीवन सदस्यता और प्रबन्ध समिति के पूर्व सदस्य भी है । 

लेखन -- 
प्रांतीय और राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में कहानी ,कविता , निबन्ध , व्यंग्य , आलोचना , लघुकथा , फीचर आलेख आदि का सन 1985 से लगातार प्रकाशन होता आ रहा है ।
आकाशवाणी के विभिन्न केंद्रों एवम दूरदर्शन तथा अन्य चैनलों पर आपकी विविध विधाओं की रचनाओं का प्रचुर प्रसारण होता रहता है। 
कई संपादित संकलनों में रचनायें संकलित है। 

प्रकाशन - 
चमगूंगो (1991) , हासियो तोड़ता सबद (1996) , राजस्थानी बाल कविता संगह 'तिरंगों' (2006) और उतरूँ उँडे काळजै''(2015) इत्यादि राजस्थानी कविता संग्रह प्रकाशित हो चुकी है ।
सेना के सूबेदार (2006) और 'आग अभी शेष है (2018) हिंदी कविता संग्रह का प्रकाशन। 
एक और घोंसला(1997)और धुले-धुले चेहरे (2015) हिंदी कहानी संग्रह का प्रकाशन तथा हिंदी व्यंग्य निबन्ध संग्रह "सपनों का सुख " का 2006 में प्रकाशन हो चुका है । 
काव्य संग्रह " उतरूँ उँडे काळजै " का हिंदी अंग्रेजी संस्कृत तथा पंजाबी में अनुवाद कर चुके है और गुजराती भाषा मे अनुवाद का कार्य जारी है ।
कुछ कविताओं का नेपाली उड़िया मराठी और बांग्ला भाषा मे भी अनुवाद हो चुका है। 

सम्पादन - 
'यादां रै आँगणीये ऊभा उणीयारा" (राजस्थानी रेखांचित संग्रह ) , आंखों में आकाश , राजस्थान शिक्षा विभाग के लिए बाल साहित्य संग्रह का 2012 में सम्पादन। 
उकळती ओकळ सूं उपज्या आखर , (श्री श्याम महर्षि री काव्य सिरजण समग्र ) ।
राजस्थली , लोक चेतना की राजस्थानी तिमाही का पिछले 25 वर्षों से प्रबन्ध प्रकाशन। 
जागती जोत (राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर की मुख पत्रिका) का एक वर्ष तक सम्पादन ।
"हस्तक्षेप" ( साहित्यिक फोल्डर के चार अंको का सम्पादन ) 
एक दर्जन से अधिक अभिनंदन ग्रन्थों एवम स्मारिकाओं का सम्पादन। 

भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ,राजस्थानी भाषा की एकेडमियों एवम कई प्रतिष्ठित एजेंसियों द्वारा आयोजित-प्रायोजित राष्ट्रीय , राज्य स्तरीय और आंचलिक समारोहों का आप संचालन कर चुके है ।
राजस्थान शिक्षाकर्मी का अनोपचारिक शिक्षा अनुदेशक आवासीय प्रशिक्षण शिविर का व्यवस्थापन । 

अनुवाद - 
जिओ मेरे साईंयां ,, (वीरसिंह की पंजाबी कृति ) का राजस्थानी अनुवाद ।
कैवती ही माँ , (युवा कवियित्री सुमन गौड़ की हिंदी कविताओं का राजस्थानी अनुवाद ) 
म्हनैं चांद चाइजै , ( साहित्य अकादमी दिल्ली द्वारा पुरस्कृत श्रीकांत वर्मा के चर्चित उपन्यास कृति) का राजस्थानी अनुवाद। 
कुछ तो बोल , (कवि श्याम महर्षि की राजस्थानी कृति ) का हिंदी अनुवाद। 

पुरस्कार और सम्मान - 
साहित्य अकादमी दिल्ली द्वारा जीवो म्हारा सांवरा (वीरसिंह की पंजाबी कृति) के लिए 'अनुवाद पुरस्कार 2016 ।
राजस्थान सरकार द्वारा उत्कृष्ट साहित्य लेखन के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार । 
राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर का " भगवान अटलानी युवा लेखन पुरस्कार । 
राजस्थानी भाषा साहित्य एवम संस्कृति अकादमी बीकानेर का " 
बावजी चतुरसिंह जी अनुवाद पुरस्कार ।

इसके अलावा आपको , मैथिलीचरण गुप्त युवा लेखन सम्मान, पीथळ पुरस्कार , महेंद्र जाजोदिया पुरस्कार , शब्दनिष्ठा सम्मान ,
दी यंग्स वेलफेयर सोसायटी रतनगढ़ द्वारा रामगोपाल गिरधारीलाल सर्राफ अलंकरण ।
सृजन सेवा संस्थान श्रीगंगानगर द्वारा साहित्यकार सम्मान ।
पंडित विद्याधर शास्त्री अवार्ड ।
त्रिलोक शर्मा स्मृति संस्थान श्रीडूंगरगढ़ द्वारा " संवाद सम्मान ।
इसके अलावा " साहित्य शिरोमणि सम्मान , ज्ञान श्री सम्मान , राजपुरोहित गौरव सम्मान । सहस्त्राब्दी हिंदी सेवी सम्मान । 
निम्बोळ का साहित्य साधक सम्मान। 
इनके अलावा भी विभिन्न संस्थाओं द्वारा आप को सम्मानित किया गया है। 

पत्रकारिता - दैनिक नवज्योति और दैनिक भास्कर के अलावा अन्य कई प्रतिष्ठित पत्रों के लिए मानव संवाद प्रेषण का कार्य । 

शोध- 
महाराजा गंगासिंह विश्व विद्यालय बीकानेर द्वारा " रवि पुरोहित रै काव्य मांय सामाजिक चेतना " विषय पर डॉ मदन सैनी के निर्देशन में और " सेना के सूबेदार काव्य में लोक चेतना " के विषय पर डॉ मेघराज शर्मा के निर्देशन में 2009 व 2010 में लघु शोध ।। 

साहित्य जगत में श्री रवि राजपुरोहित जी ने जो मुकाम स्थापित किये है वो वाकई राजपुरोहित समाज और राजस्थानी साहित्य के लिए गौरव करने योग्य है ।
Rajpurohit samaj india पेज / ग्रुप श्री रविजी का सह्रदय से आभार एवम सम्मान करता है ।

मित्रों आपको हमारी ये पहल और पोस्ट कैसी लगी हमे सुझाव जरूर दीजियेगा , अगले शनिवार हम समाज की एक और हस्ती से आपको रूबरू करवाएंगे ।😊😊 
जय श्री खेतेश्वर दाता री सा। 

30.7.18

किरण राजपुरोहित नितिला की उपलब्धियों एवम परिचय

प्रिय बन्धुओं ,,, 
राजपुरोहित समाज के साहित्य संगीत एवम खेल से जुड़ी हस्तियों की उपलब्धियों एवम परिचय की श्रंखला में आज की कड़ी में हम प्रसिध्द कवियित्री , साहित्यकार एवम चित्रकारा आदरणीया किरण राजपुरोहित नितिला जी को लेकर आये है ।
राजपुरोहित समाज की आप जैसी नारी शक्ति का साहित्य जगत में नाम होना अपने समाज की ही नहीं अपितु समस्त राजस्थान की बेटियों के लिए एक प्रेरणा है ।


नवम्बर 1974 को पाली जिले के वरकाणा गांव में जन्मी आप हाल शास्त्रीनगर जोधपुर में रह रही है ।
आपके पतिदेव श्री नरेन्द्रसिंह जी जोधपुर में डॉक्टर है ।
सितार और राजस्थानी साहित्य में बी ए की शिक्षा के बाद आपने राजनीति शास्त्र से एम.ए. की शिक्षा की प्राप्त की ।
आपका साहित्य ज्ञान बहुत ही गूढ है ,
आपके अब तक एक राजस्थानी कविता संग्रह "ज्यूँ सैणी तितली (2011) , एक हिंदी कविता संग्रह "झर-झर निर्झर " (2013) और एक राजस्थानी कहानी संग्रह "कांठळ" (2016) प्रकाशित हो चुके है ।

इसके अलावा नया ज्ञानोदय , परिवार पत्रिका , सेतु , मुक्ता , तत्सम ,अहल्या , हम साथ-साथ है एवम दीपज्योति जैसी कई पत्रिकाओं में आपकी लिखी कहानियां प्रकाशित होती रहती है ।

कादम्बनी , सरस्वती सुमन ,साहित्य सागर , द्विपलहरी ,मधुमती , समग्र दृष्टि , दीप ज्योति , साहित्य चन्द्रिका , मानसी , प्रयास एवम माणक जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं से आपकी कई रचनाओ का प्रकाशन हो चुका है । 
ई-पत्रिकायें जैसे अभिव्यक्ति , स्वर्गविभा , साहित्य कुंज आदि से कविता कहानी , लघु कथा तथा तेल चित्र प्रकाशित हुए है। 
समग्र दृष्टि , माणक , अहा!जिंदगी , मधुरिमा , शिष्ट विनोद से लघु कथाएं संस्मरणादि प्रकाशित। 
राष्ट्रीय साहित्य संकलनों में भी रचनाओ को स्थान मिलता रहता है । 
रेखाचित्र एवम तेलचित्र बनाने में भी आपकी रुचि है , 2007 हस्त शिल्प मेला जोधपुर एवम 2008 में तेल चित्रों की युगल प्रदर्शनी तथा जनवरी 2008 में जोधपुर में पहले पेंटिग सेमिनार का सफल आयोजन ।

आपके द्वारा उकेरे गए चित्रों का चयन विभिन्न पत्र पत्रिकाओं के मुख पृष्ठ के लिए किया जाता है। 
इसके अलावा आप दूरदर्शन के मरुधरा कार्यक्रम में साहित्य सिरजण पर बातचीत के लिये कई बार उपस्थित रह चुकी है ।

राजस्थानी भाषा साहित्य एवम संस्कृति अकादमी बीकानेर द्वारा आपको 'सांवर दईया पैली पोथी पुरस्कार'से सम्मानित किया जा चुका है । 
प्रज्ञा जोधपुर साहित्यिक संस्था द्वारा भी आपको सम्मानित किया जा चुका है । 
आपके कहानी संग्रह "कांठळ" के लिए आपको 'चम्पादेवी सबलावत स्मृति कहानी पुरस्कार ' भी प्राप्त हुआ है। 
जोधपुर दरबार श्री गजेसिंह जी द्वारा 'वीर दुर्गादास सम्मान ' से भी आपको सम्मानित किया जा चुका है । 
आप दुबई एवम लन्दन की यात्रा भी कर चुकी है ।
लन्दन यात्रा के दौरान आप एक महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आई कि लन्दन लाइब्रेरी में डॉ नरसिंह जी राजपुरोहित की किताब "अधूरा सुपणा" सहित राजपुरोहित समाज के कई साहित्यकारो की अलग अलग पुस्तकें उपलब्ध है। 

आप फोटोग्राफी में भी निपुण है , आपके द्वारा लिए गए चित्र अपने आप मे एक रचना होते है ।

Rajpurohit samaj india पेज एवम ग्रुप समाज की महान नारी शक्ति आदरणीया किरण राजपुरोहित का सह्रदय से आभार प्रकट करते हुए सम्मान करता है । 

प्रिय बन्धुओ आपसे निवेदन है कि अगर आप अपने मित्रों के बीच दिनभर फेसबुक वाट्सअप पर चुटकुले शेयर कर सकते है तो सप्ताह में एक बार आने वाली इस जानकारी को भी शेयर किया करें ताकि प्रत्येक समाज बन्धु हमारे समाज की प्रतिभाओ एवम हस्तियों से रूबरू हो सके ।
आपको हमारी ये पहल कैसी लगी हमें सुझाव जरूर दीजियेगा ।
अगले शनिवार हम फिर एक नई हस्ती को लेकर आएंगे ।
Rajpurohit samaj india पेज एवम ग्रुप समाज पर 
जय श्री खेतेश्वर दाता री सा ।।
लेखक 

29.7.18

पर्यावरण प्रेमी जीव प्रेमी और साइकलिस्ट नरपतसिंह राजपुरोहित की उपलब्धियों एवम उनके परिचय को

प्रिय मित्रों आज की कड़ी में हम एक ऐसी शख्शियत को लेकर आये है जिनके जैसे इस जगत में बहुत कम है या यूं कहें गिनती के लोग ही है । जी हां हम लेकर आये है पर्यावरण के प्रति महान सोच और जज्बा रखने वाले पर्यावरण प्रेमी जीव प्रेमी और साइकलिस्ट श्री नरपतसिंह जी राजपुरोहित लंगेरा की उपलब्धियों एवम उनके परिचय को।

13 फरवरी 1987 को नरपतसिंह जी का जन्म गांव लंगेरा कोजानियों की ढाणी जिला बाड़मेर में श्री करणसिंह जी के घर हुआ । बचपन से ही पर्यावरण के प्रति अत्यंत प्रेम रखने वाले नरपतसिंह जी का यह कार्य उस समय जुनून बन गया जब विद्यालय के शिक्षक महोदय ने कहा कि जो विद्यार्थी बरसात के मौसम में पौधों को लाकर स्कूल में रोपेगा और उनकी सेवा और निगरानी करेगा उसको मैं चॉकलेट दूंगा। 
उस दिन से आप पर्यावरण के प्रति लगातार सजग है और विभिन्न क्षेत्रों में जाकर पौधे लगाते है और लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाते है ।
मिठाई की दुकान पर 9000 रूपये प्रति महीना की नोकरी करने वाले नरपतसिंह जी 5000रुपये घर पर देते है और 4000 रुपये पर्यावरण के कार्यों में खर्च करते है। आपने अपनी बहन की शादी में उसको 251 पौधे उपहार स्वरूप देकर तथा सभी बारातियो को भी एक एक पौधा उपहार देकर पर्यावरण प्रेम का बहुत ही सुंदर सन्देश दिया। 

आप पिछले चार-पांच सालों में जोधपुर जैसलमेर ,बाड़मेर जयपुर एवम टोंक के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों एवम स्कूलों में लगभग साढ़े सताईस हजार से भी ज्यादा पौधों का पौधारोपण कर चुके है । आप ने पशु पक्षियों के लिए अब तक 30 पानी की कुंडियाँ , 1600 परिंडे विभिन्न क्षेत्रों में लगाये है ।
इस दौरान आपने 121 राजस्थान के राज्य पशु चिंकारा को बचाया , 3 मोर , 5 मोरनी , 1बाज ,4 खरगोश तथा 2 नीलगाय को भी बचाया ।
अबोल जीवों की हत्या करने वाले दो शिकारियों को भी पकड़वाया है। 
आपने "हरित भारत हर्षित भारत मिशन " के तहत कश्मीर से लेकर गुजरात के कच्छ तक 4000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा करके छः राज्यों में पर्यावरण एवम अबोल जीवों के प्रति प्रेम की जागरूकता बताई। 
इस यात्रा को पूर्ण कर आपने विभिन्न सरकारी कार्यालयों में पौधे बांटें ।
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां हम पर्यावरण के प्रति सोच भी नहीं पाते है वहीं श्री नरपतसिंह जी पर्यावरण के लिए अथक प्रयास करते हुए पर्यावरण के बिगड़ते हुए हालातों पर चिंता व्यक्त करते हुए दिखते है।

#rajpurohit_samaj_india पेज श्री नरपतसिंह जी लंगेरा के इस महान कार्य पर गर्व करते हुए हार्दिक अभिनंदन करता है तथा सभी बन्धुओ से निवेदन करता है कि आप भी नरपतसिंह जी के मिशन से जुड़ें और पर्यावरण के लिए आगे आएं ।
प्रिय बन्धुओ आपको हमारी ये पहल कैसी लगी हमे जरूर बताइयेगा । अगले शनिवार हम फिर एक समाज बन्धु से रूबरू होंगे
जय श्री खेतेश्वर दाता री सा।

लेखक 


Labels

"खेतेश्वर महिमा (3) ARKYSS (59) About Me (2) Acupressure (11) Ajit Rajpurohit (1) Akash Rajpurohit (5) Amar Singh Rajpurohit (9) Anita Rajpurohit (2) Anmol vachan (2) Babu Singh (8) Balwant RajGuru (3) Balwant Singh (4) Biram singh (7) Blood (15) Brahma Temple (36) Communiy (61) Dev Kishan Singh (3) Dr APJ Abdul Kalam (1) Dr M p Singh (102) Dr Shivalika Sharma (9) Facbook page (180) Gajendra Singh (2) Garima Singh (7) Gopal Singh (3) Gotras (4) Govind Singh (14) Hams Institute (40) Harish Singh (1) Hems Institute (8) JNVU (3) Jalam Singh (6) Jankari (93) Janmdin (22) Jay Singh (2) Jorawar Singh (1) Kishor Singh (44) MLA Rajpurohit (28) MLA Shankar Singh (11) Mohan Singh (1) Mukesh Dudawat (1) Narpat Singh (43) News (202) PM Narendra Modi (23) Pahal (67) Poonam Singh (5) Pravasi Sandesh (1) Priti Rajpurohit (2) R K Purohit (11) R p प्रमुख स्थल एव संस्थान (1) RJ Narendra (1) Rajpurohit News (557) Rajpurohit History (25) Rajpurohit News (1131) Rajpurohit Samaj (251) Rajpurohit Yuva Shakti (4) Ramesh Singh (3) S P Singh (69) SAVE GIRL CHILD (9) Sant Atmanand Ji Maharaj (7) Sant Khetaramji Maharaj (93) Sant Shri Aatmanand Ji Maharaj (28) Sant Shri Tulacharam Ji Maharaj (127) Santosh (6) Satender Singh (2) Sawai Singh Rajpurohit (49) Share kare (55) Shishupal Singh (5) Shri NirmalDas Ji Maharaj (44) Shyam singh (4) Suja Kanwar Rajpurohit (1) Surat (8) Suresh Rajpurohit Jugnu (5) Swachh Bharat (4) Vijay Singh (2) Vikram (Viksa) (9) WhatsApp (99) Yogendra Singh (7) YouTube (69) dd Rajasthan (1) durag singh (7) facebook (83) pathmeda (11) sawai singh (129) video (13) virus post (16) website (36) www.bhaskar.com (32) www.skbdtirth.org (3) अब लिखिए अपनी भाषा में (1) अमर शहीद श्री हरि सिंह (1) अरविन्द राजपुरोहित (2) अशोक सिंह (3) एक बड़ा चबूतरा (1) एस.पी.सिंह (20) ओम प्रकाश (4) कमेन्ट बाक्स (1) कविता (22) किशोर सिंह (13) कृष्ण जन्माष्टमी (5) गरीमा राजपुरोहित (4) गांव की जानकारी (9) गायत्री महायज्ञ (5) गुरु पूर्णिमा (9) गो माता (58) गोविन्द (2) गौरक्षा कमांडो फाेर्स (1) चातुर्मास (42) जन्मोत्सव (39) जयंती (4) जयंती विशेष (44) जानकारी (49) जीवन परिचय (23) जीवनरक्षक सोसाइटी (2) जीवराजसिंह (3) ज्ञान (5) डॉ.M.P सिंह राजपुरोहित (10) डॉ.भवरलाल जी (2) तीन दिवसीय नि:शुल्क एक्यूप्रेशर (2) दक्ष प्रताप (2) दहेज (2) दिनेश सिंह (4) देवकिशन राजपुरोहित (1) नरपत सिंह (21) न्यूज़ (165) परमेश्वर सिंह (12) परिचय (4) पूनम राजपुरोहित (1) प्रताप सिहं राजपुरोहित (2) प्रथम मुकुंद पर सवार प्रतिमा (1) प्रवीण सिंह (4) प्रेरणा शिविर (6) फोटो (14) बगसिँह बागरा (33) बलवंत सिहं (1) बाबा रामदेव जी (2) बालू सिंह (3) ब्रम्हाजी मंदिर (16) ब्रह्मपुत्र सेना (31) ब्रह्मास्त्र सेवादल (1) भैरोसिंह राजपुरोहित (3) रघुवीर सिंह (3) राजपुरोहित का परिचय (5) राजपुरोहित समाज (48) राजपुरोहित समाज और जाति (4) राजस्थान मिष्ठान भंडार (1) रामदेवजी (4) रासीसर गाँव (1) विजिटर डायरी (2) विडियो (9) विनम्र श्रधांजलि (83) विशेष (254) शत शत नमन (19) शुभकामनाएँ (94) शेयर/बँटना (306) श्री अमरा राम जी (2) श्री आत्मानन्दजी (12) श्री खेतेश्वर महाराज (132) श्री तुलछारामजी महाराज (192) श्री दत्तशरणनन्द जी (15) श्री ध्यानरामजी (62) श्री ध्यानारामजी (98) श्री निर्मलदासजी (23) श्री बालकदास जी (22) श्री मोहनपुरी जी महाराज (1) श्री शांतिनाथ जी महाराज (2) श्री शान्तिनाथजी महाराज (1) श्रीखेतेश्वर महाराज (29) श्रीखेतेश्वर युवा सेवा संघ (10) श्रीशक्तिनाथनाथजी महाराज (1) संत गुरु ज्ञान गंगा प्रतियोगिता (2) सन्देश (27) सवाई सिंह (107) सुगना फाऊंडेशन (367) सूचना (305) सूरज दीदी (1) हमारे मार्गदर्शक (1) हार्दिक शुभकामनायें (44) हैम्स ओसिया इन्स्टिट्यूट (13)

Search This Blog

आपका लोकप्रिय ब्लॉग अब फेसबुक पर अभी लाइक करे .



Like & Share

Share us

Contact Form

Name

Email *

Message *

ट्विटर पर फ़ॉलो करें!



Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

एक सुचना

एक सुचना