एक माता के पुत्र चार, चारो कि करणी न्यारी-2 ।
पहलो देश कि रक्षा मे,दुजोडो मा-बाप कि सेवा मे ,
तीजोडो भूखो मरे भिखारी फुट-पातो पे,
चोथोडो दिल्ली राज करे भ्रष्टाचारी खातो पे,
पहलो नौजवान है तो दूजूडो गिरधारी ,
तीजोडो भिखारी है तो चौथो भ्रष्टाचारी ।
एक माता के पुत्र चार, चारो कि करणी न्यारी-2 ।
पहलो बलिदान सोचे, दूजूडो परिवार री,
तीजोडो रोटी कि सोचे , चौथो भ्रष्टाचार के बारे मे ।
पहलो देश के हित मे ,दूजो परिवार के .
तीजो कर्मो के हित मे ,चौथो भ्रष्टाचार के विषय मे ।
पहले को उमग है पाक को सुलानी कि , दुजे को उमग है जिम्मेदारी निभाने कि,
तीजे को उमग अपना हाल बताने कि,चौथे को उमग है बदनाम कराने/हमे निशा दिखाने कि.
ईमानदार भारत को फिर से भ्रष्ट बनाने कि,
आजाद भारत को फिर से गुलाम बनाने कि,
सरकार बनाकर स्वीच बैक चलाने कि
प्यार तो सब करते है मगर उमग है मनमोहन को बलात्कार करवाने की,
मनमोहन सरकार ने ठान रखी है गौ हत्या करवाने की,
मायावती को पैसे देकर गौ कटर खुलवाने की,
ठान रखी है मनमोहन ने गौ वंश मिटाने की,
सोनिया का गुलाम बनकर देश को मिटाने की,
आजाद भारत को फिर से गुलाम बनाने की,
दिल्ली मे राज करके दुष्कर्म करवाने की ,
दामिनी को सडक पर लम्बी नीद सुलाने की,
राजनीति यह है देश को ग्वाने की,
आजाद भारत को फिर से गुलाम बनाने की......
आजाद भारत को फिर से गुलाम बनाने की......
मै मेरी वाणी को विराम देता हू भारत के समस्त भ्रष्टो को संस्कार देता हु
मै युवा साथियो को, मेरे समस्त समाजबन्धू को सलाम करता हु , जरुरत पडे तो जीवन दान देता हु आऍ हूऍ समाजबन्धुओ का सम्मान करता हु भारत के भ्रष्टो का अपमान करता हु .................
समाजसेवीयो के साथ समस्त कार्यकारणी का आभार करता हू इसी के साथ मेरी वाणी को विराम देता हू
*******जय हिन्द**********जय गौ माता*********
लेखक-बालूसिह एच राजपुरोहित
पहलो देश कि रक्षा मे,दुजोडो मा-बाप कि सेवा मे ,
तीजोडो भूखो मरे भिखारी फुट-पातो पे,
चोथोडो दिल्ली राज करे भ्रष्टाचारी खातो पे,
पहलो नौजवान है तो दूजूडो गिरधारी ,
तीजोडो भिखारी है तो चौथो भ्रष्टाचारी ।
एक माता के पुत्र चार, चारो कि करणी न्यारी-2 ।
पहलो बलिदान सोचे, दूजूडो परिवार री,
तीजोडो रोटी कि सोचे , चौथो भ्रष्टाचार के बारे मे ।
पहलो देश के हित मे ,दूजो परिवार के .
तीजो कर्मो के हित मे ,चौथो भ्रष्टाचार के विषय मे ।
पहले को उमग है पाक को सुलानी कि , दुजे को उमग है जिम्मेदारी निभाने कि,
तीजे को उमग अपना हाल बताने कि,चौथे को उमग है बदनाम कराने/हमे निशा दिखाने कि.
ईमानदार भारत को फिर से भ्रष्ट बनाने कि,
आजाद भारत को फिर से गुलाम बनाने कि,
सरकार बनाकर स्वीच बैक चलाने कि
प्यार तो सब करते है मगर उमग है मनमोहन को बलात्कार करवाने की,
मनमोहन सरकार ने ठान रखी है गौ हत्या करवाने की,
मायावती को पैसे देकर गौ कटर खुलवाने की,
ठान रखी है मनमोहन ने गौ वंश मिटाने की,
सोनिया का गुलाम बनकर देश को मिटाने की,
आजाद भारत को फिर से गुलाम बनाने की,
दिल्ली मे राज करके दुष्कर्म करवाने की ,
दामिनी को सडक पर लम्बी नीद सुलाने की,
राजनीति यह है देश को ग्वाने की,
आजाद भारत को फिर से गुलाम बनाने की......
आजाद भारत को फिर से गुलाम बनाने की......
मै मेरी वाणी को विराम देता हू भारत के समस्त भ्रष्टो को संस्कार देता हु
मै युवा साथियो को, मेरे समस्त समाजबन्धू को सलाम करता हु , जरुरत पडे तो जीवन दान देता हु आऍ हूऍ समाजबन्धुओ का सम्मान करता हु भारत के भ्रष्टो का अपमान करता हु .................
समाजसेवीयो के साथ समस्त कार्यकारणी का आभार करता हू इसी के साथ मेरी वाणी को विराम देता हू
*******जय हिन्द**********जय गौ माता*********
लेखक-बालूसिह एच राजपुरोहित
यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर(Join this site)अवश्य बने. साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ. यहां तक आने के लिये सधन्यवाद.... आपका सवाई सिंह राजपुरोहित
बहुत खूब सुन्दर कविता लिखी हेँ आपने!
ReplyDeleteसच में करमन गति न्यारी हेँ!
hkm mukesh ji jai data ri sa nd aabhar
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