खेतेश्वर मंदिर पंचधाम प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर रविवार को राजपुरोहित समाज की ओर से आकर्षक गेर नृत्य की प्रस्तुति दी गई। समाज के युवाओं ने पारंपरिक वेशभूषा सिर पर चुनरिया साफा, सफेद धोती-कुर्ता पहनकर गेर नृत्य किया। उनके बीच लय और ताल को देखकर दर्शक भी झूमते नजर आए।
दर्शन के लिए लगी कतार
नवनिर्मित मंदिर में अभिजीत मुहूर्त में खेतेश्वर महाराज की मूर्ति स्थापना करने के बाद से श्रद्धालुओं की दर्शन के लिए भीड़ उमडऩी शुरू हो गई। हर कोई नवस्थापित मूर्ति के दर्शन करने को लालायित था। मंदिर में भीड़ के कारण दर्शन के लिए लोगों की देर शाम तक कतार लगी रही।
फले चूंदड़ी का आयोजन
खेतेश्वर मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के तहत अंतिम दिन राजपुरोहित समाज बारह खेड़ा दस गांव की ओर से फले चूंदड़ी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके बाद महाप्रसादी में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण की।
इनका रहा सानिध्य
प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान आसोतरा गादीपति तुलसाराम महाराज के अलावा रविधाम गुजरात के गादीपति सत्यानंद महाराज, साकेत आश्रम सुमेरपुर के रामानंद सरस्वती, दंडी स्वामी देवानंद महाराज कालंद्री, गोल महंत रावत भारती, लेटा महंत रणछोड़ भारती, वालेरा महंत आसा भारती, लहर भारती कुटिया के राजभारती, देताकला के महंत बाबूगिरी महाराज समेत कई साधु-संतों का सान्निध्य रहा।
संत संस्कृति के निर्माता हैं : श्री तुलसाराम महाराज
श्री खेतेश्वर मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा महामहोत्सव की पूर्णाहुति, अंतिम दिन फले चूंदड़ी समेत हुए विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम, बड़ी संख्या में समाजबंधुओं और साधु-संतों ने की शिरकत
सायला. खेतेश्वर मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के दिन अंतिम दिन धर्मसभा का आयोजन किया गया, जिसमें साधु-संतों ने प्रवचन देते हुए श्रद्धालुओं को संस्कृति और धर्म की रक्षा करने का आह्वान किया। धर्म सभा को संबोधित करते हुए आसोतरा गादीपति तुलसाराम महाराज ने कहा कि संत समाज की संस्कृति के निर्माता है। संत समाज को मार्गदर्शन प्रदान कर मानव को उसके कर्तव्यों का बोध कराता है ताकि वह अपने मनुष्य जन्म के उद्देश्य को प्राप्त कर सके। रविधाम गुजरात के गादीपति सत्यानंद महाराज ने कहा कि धर्म के प्रति आस्था रखने से हमारे मन को परम शांति की अनुभूति होती है। धर्म के साथ साथ जीवदया के प्रति भी श्रद्धा का भाव रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पशु-पक्षियों की सेवा से जीवन में पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं अन्य साधु-संतों ने भी गोरक्षा, हिंदू संस्कृति के बारे में प्रवचन दिए। धर्मसभा के दौरान साधु-संतों के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
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दर्शन के लिए लगी कतार
नवनिर्मित मंदिर में अभिजीत मुहूर्त में खेतेश्वर महाराज की मूर्ति स्थापना करने के बाद से श्रद्धालुओं की दर्शन के लिए भीड़ उमडऩी शुरू हो गई। हर कोई नवस्थापित मूर्ति के दर्शन करने को लालायित था। मंदिर में भीड़ के कारण दर्शन के लिए लोगों की देर शाम तक कतार लगी रही।
फले चूंदड़ी का आयोजन
खेतेश्वर मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के तहत अंतिम दिन राजपुरोहित समाज बारह खेड़ा दस गांव की ओर से फले चूंदड़ी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके बाद महाप्रसादी में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण की।
इनका रहा सानिध्य
प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान आसोतरा गादीपति तुलसाराम महाराज के अलावा रविधाम गुजरात के गादीपति सत्यानंद महाराज, साकेत आश्रम सुमेरपुर के रामानंद सरस्वती, दंडी स्वामी देवानंद महाराज कालंद्री, गोल महंत रावत भारती, लेटा महंत रणछोड़ भारती, वालेरा महंत आसा भारती, लहर भारती कुटिया के राजभारती, देताकला के महंत बाबूगिरी महाराज समेत कई साधु-संतों का सान्निध्य रहा।
संत संस्कृति के निर्माता हैं : श्री तुलसाराम महाराज
सायला. खेतेश्वर मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के दिन अंतिम दिन धर्मसभा का आयोजन किया गया, जिसमें साधु-संतों ने प्रवचन देते हुए श्रद्धालुओं को संस्कृति और धर्म की रक्षा करने का आह्वान किया। धर्म सभा को संबोधित करते हुए आसोतरा गादीपति तुलसाराम महाराज ने कहा कि संत समाज की संस्कृति के निर्माता है। संत समाज को मार्गदर्शन प्रदान कर मानव को उसके कर्तव्यों का बोध कराता है ताकि वह अपने मनुष्य जन्म के उद्देश्य को प्राप्त कर सके। रविधाम गुजरात के गादीपति सत्यानंद महाराज ने कहा कि धर्म के प्रति आस्था रखने से हमारे मन को परम शांति की अनुभूति होती है। धर्म के साथ साथ जीवदया के प्रति भी श्रद्धा का भाव रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पशु-पक्षियों की सेवा से जीवन में पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं अन्य साधु-संतों ने भी गोरक्षा, हिंदू संस्कृति के बारे में प्रवचन दिए। धर्मसभा के दौरान साधु-संतों के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।
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आपका सवाई सिंह राजपुरोहित
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यहां तक आने के लिये सधन्यवाद.... आपका सवाई सिंह राजपुरोहित
बागोड़ा रोड पर राजपुरोहित समाज की ओर से नवनिर्मित ब्रह्मऋषि श्री खेतेश्वर महाराज मंचधाम की प्राण-प्रतिष्ठा महामहोत्सव की पूर्णाहुति रविवार को आसोतरा गादीपति तुलसाराम महाराज के सान्निध्य में गाजे-बाजे के साथ हुई। इस मौके मुख्य मंदिर में खेतेश्वर महाराज की मूर्ति और शिखर पर कलश स्थापना समेत विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम हुए जिसमें कस्बे सहित आस-पास के गांवों से हजारों की संख्या में राजपुरोहित समाज के लोगों ने शिरकत की।
ReplyDeleteप्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतिम दिन सवेरे से ही समाज की महिलाओं व पुरुषों का सज-धजकर आने का सिलसिला शुरु हो गया। इस दौरान विभिन्न चढ़ावों के लाभार्थी परिवार के सदस्य भी वरघोड़े के रूप में गाजे-बाजे के साथ मंदिर पहुंच रहे थे। करीब दस बजे तक कार्यक्रम स्थल पर हजारों की तादाद में समाजबंधु और श्रद्धालु जुट गए। श्रद्धालुओं के सैलाब के कारण न केवल कार्यक्रम स्थल खचाखच भर गया, बल्कि करीब एक किलोमीटर तक लोगों की भीड़ नजर आ रही थी। इसके बाद अभिजीत वेला में ब्राह्मणों के आचार्यत्व और साधु-संतों के सान्निध्य में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ धार्मिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई। लाभार्थी परिवार के सदस्यों की ओर से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ खेतेश्वर महाराज, गणेशजी व सरस्वती माता की मूर्तियों की स्थापना के साथ मंदिर के शिखर पर मुख्य कलश, दण्ड और ध्वजा चढ़ाई गई। इस दौरान पूरा पांडाल खेतेश्वर महाराज के जयकारों से गूंजता रहा। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान मुख्य मंदिर और कार्यक्रम स्थल पर हैलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाज बंधु उपस्थित थे।
सायला. कस्बे में नवनिर्मित खेतेश्वर मंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान मंचासीन संत महात्मा।
सायला. सायला कस्बे में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में मौजूद समाजबंधु।
Jai Kheteshwar.....
ReplyDeletehkm jai data ri sa
DeleteJai Kheteshwar.....
ReplyDeleteजय खेतेश्वर दाता री सा
ReplyDeletehkm bhim sa jai data ri sa
Deleteआप सभी का तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!
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