चाय बेचने वाले राजपुरोहित कि बैटी ने मेरिट मे दुसरा स्थान पाप्त किया
सायला| जिस होनहार बेटी को पिता ने आर्थिक तंगी के बावजूद पढ़ाने से इनकार नहीं किया, वो आज उसी बेटी ने अपनीं मेहनत से जिले की मेरिट में जगह बनाकर अपने पिता का नाम रोशन किया है। १२वीं बोर्ड कॉमर्स में सायला गांव में चाय की थड़ी चलाने वाले घेवाराम राजपुरोहित की बेटी भावना राजपुरोहित ने जिले की मेरिट में दूसरा स्थान हासिल किया है। इस पर पिता ने बेटी की कामयाबी पर खुशी जताते हुए कहा कि बेटी के पढ़ाई के प्रति जुनून एवं लगन को देखते हुए वह हमेशा बेटी को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करता था। दरअसल, सायला निवासी घेवाराम राजपुरोहित की बेटी भावना राजपुरोहित शुरू से ही होनहार विद्यार्थी रही है। उसने दसवीं में 82.60 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। दसवीं के बाद पिता ने आर्थिक तंगी के बावजूद अपनी बेटी की पढाई को जारी रखी तथा हमेशा उसे प्रोत्साहित करते रहे। वहीं भावना ने भी अपने पिता के विश्वास को पूरा करते हुए दिन रात मेहनत कर भावना ने 86प्रतिशत प्राप्त कर जिले की मेरिट में दूसरा स्थान प्राप्त किया। ‘मेरे पिता ने चाय की थड़ी चलाकर भी सायला की सरस्वती बाल विद्या मन्दिर उ.मा. विद्यालय में मुझे पढ़ाया। मेरी सफलता का श्रेय गुरू रघुनाथसिंह राजपुरोहित एव माता-पिता को देती हूं मैं पढ़ाई कर बैकिंग सेवाओं में जाना चाहती हूं। भावना का भाई भरत राजपुरोहित भी वर्ष 2009 में राउमावि जालोर में अध्ययनरत रहते हुए 12वीं कॉमर्स में 79.85 प्रतिशत अंकों के साथ आठवीं रैंक हासिल कि थी ।
सायला| जिस होनहार बेटी को पिता ने आर्थिक तंगी के बावजूद पढ़ाने से इनकार नहीं किया, वो आज उसी बेटी ने अपनीं मेहनत से जिले की मेरिट में जगह बनाकर अपने पिता का नाम रोशन किया है। १२वीं बोर्ड कॉमर्स में सायला गांव में चाय की थड़ी चलाने वाले घेवाराम राजपुरोहित की बेटी भावना राजपुरोहित ने जिले की मेरिट में दूसरा स्थान हासिल किया है। इस पर पिता ने बेटी की कामयाबी पर खुशी जताते हुए कहा कि बेटी के पढ़ाई के प्रति जुनून एवं लगन को देखते हुए वह हमेशा बेटी को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करता था। दरअसल, सायला निवासी घेवाराम राजपुरोहित की बेटी भावना राजपुरोहित शुरू से ही होनहार विद्यार्थी रही है। उसने दसवीं में 82.60 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। दसवीं के बाद पिता ने आर्थिक तंगी के बावजूद अपनी बेटी की पढाई को जारी रखी तथा हमेशा उसे प्रोत्साहित करते रहे। वहीं भावना ने भी अपने पिता के विश्वास को पूरा करते हुए दिन रात मेहनत कर भावना ने 86प्रतिशत प्राप्त कर जिले की मेरिट में दूसरा स्थान प्राप्त किया। ‘मेरे पिता ने चाय की थड़ी चलाकर भी सायला की सरस्वती बाल विद्या मन्दिर उ.मा. विद्यालय में मुझे पढ़ाया। मेरी सफलता का श्रेय गुरू रघुनाथसिंह राजपुरोहित एव माता-पिता को देती हूं मैं पढ़ाई कर बैकिंग सेवाओं में जाना चाहती हूं। भावना का भाई भरत राजपुरोहित भी वर्ष 2009 में राउमावि जालोर में अध्ययनरत रहते हुए 12वीं कॉमर्स में 79.85 प्रतिशत अंकों के साथ आठवीं रैंक हासिल कि थी ।
राजपुरोहित समाज का नाम बेटी ने गौरव किया हिमाचल में और समाज का परचम फेहराया।
प्रीती राजपुरोहित ने 93.2% पाकर पुरे हिमाचल 5वा स्थान प्राप्त किया।
राजस्थान बोर्ड 12th science मे नन्दलाल जी राजपुरोहित(गुन्देचा)आसोप,Lecturer(economic)के पुत्र Laxminarayanका राज्य मेरिट मे5वी rank आने पर हार्दिक सुभकामनाये । लक्षमीनारायण ने राजपुरोहित समाज का गौरव बढ़ाया । राजस्थान में 5 वीं rank।
आपका सवाई सिंह राजपुरोहित
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