न्यूज़ हेडलाइंस Post

सभी बंधुओं को जय श्री रघुनाथजी री सा, जय श्री खेतेश्वर दाता री सा.. अगर आप भी समाज से जुड़ी कोई न्यूज़ हम तक पहुंचाना चाहता है तो हमारे व्हाट्सएप नंबर पर हमसे संपर्क कर सकते हैं हमारा व्हाट्सएप नंबर है 9286464911 सवाई सिंह राजपुरोहित मीडिया प्रभारी सुगना फाउंडेशन मेघलासिया

Followers

यह ब्लॉग समर्पित है!






"संत श्री 1008 श्री खेतेश्वर महाराज" एवं " दुनिया भर में रहने वाले राजपुरोहित समाज को यह वेबसाइट समर्पित है" इसमें आपका स्वागत है और साथ ही इस वेबसाइट में राजपुरोहित समाज की धार्मिक, सांस्‍क्रतिक और सामाजिक न्‍यूज या प्रोग्राम की फोटो और विडियो को यहाँ प्रकाशित की जाएगी ! और मैने सभी राजपुरोहित समाज के लोगो को एकीकृत करने का ऐसा विचार किया है ताकि आप सभी को राजपुरोहित समाज के लोगो को खोजने में सुविधा हो सके!

आप भी इसमें शामिल हो सकते हैं तो फिर तैयार हो जाईये!

"हमारे किसी भी वेबसाइट पर आपका हमेशा स्वागत है!"

वेबसाइट व्यवस्थापक
सवाई सिंह राजपुरोहित-आगरा{मिडिया प्रभारी }
सुगना फाऊंडेशन-मेघलासिया जोधपुर & आरोग्यश्री मेला समिति
09286464911

मेरे साथ फेसबुक से जुडिए

7.1.17

श्री शान्तिनाथजी महाराज के बचपन की एक सत्य घटना

                        इसे जरूर पढ़े
श्री श्री 1008 पीरजी श्री शान्तिनाथजी महाराज के बचपन की एक सत्य घटना :-

इसे लिखते-लिखते मेरी आँखे नम हो रही थी, बड़ी मुश्किल से लिख पाया हूँ, जरूर पढें _

पीरजी श्री शान्तिनाथजी महाराज की अनसूनी सत्य कहानी जो बहुत कम लोग जानते होंगे, पीरजी महाराज के मन की बात, भागली वाले भूरारामजी मेघवाल की जुबानी, भूरारामजी, पीरजी बावसी के बचपन के मित्रों में से एक है ।

पीरजी श्री शान्तिनाथजी महाराज भगवान शिव के अवतार माने जाते है, उन्होंने भागली गाँव में जन्म लिया ये बड़े सौभाग्य की बात है, और उनके माता-पिता के अच्छे कर्मो का फल है, जालोर की धरती पर भगवान् को अवतार लेना ही था, लेकिन किस तरह अवतार लेना है, यह उन्होंने एक लीला रची, और गाँव भागली में जन्म लिया ।

इस दीवाली पर, दीवाली मिलन के लिए ( दीवाली रा रामा सामा करने ) भूरारामजी मेरे घर आये थे, बैठे - बैठे पुरानी बातें कर रहे थे, तो मैने उनको पीरजी महाराज के बचपन के बारे में पूछा, तो उन्होंने मुझे बताया की ओटसिंहजी (पीरजी महाराज के बचपन का नाम )और मैं, हम दोनों बचपन में अच्छे मित्र थे, (क्योंकि पीरजी महाराज ने कभी किसी से भेदभाव नही रखा) उनके बचपन में मित्र तो बहुत थे, लेकिन में भी उनके खास मित्रों से एक था, हम सभी साथ में खेलते कूदते और साथ-साथ खेतों में पशु चराने भी जाते थे ।

पीरजी श्री शान्तिनाथजी महाराज के माता-पिता द्वारा पूर्व जन्म में की हुई कमाई थी, जो उन्हें इस जन्म में ओटसिंह के रूप में मिली, और भगवान शिव ने उनके घर जन्म लिया और परचा दिया, पीरजी महाराज ने पहला परचा बालपण में ही दिया था, पीरजी बावसी छः महीने की अल्प आयु में आँखों से अंधे हो गए थे, यह परचा (समत्कार) उन्होंने इसलिए किया होगा, क्योंकि अगर वो आँखों से अंधे नही होते तो, उनके माता-पिता उनको सिरेमन्दिर जलन्धर नाथजी महाराज के चरणों में नही चढ़ाते, इसलिए उन्होंने ये परचा दिया होगा ।

पीरजी श्री शान्तिनाथजी महाराज 6 महीने की आयु में अंधे हो गए थे, तो उनके माता- पिता ने श्री जलन्धरनाथजी महाराज से प्रार्थना की, कि अगर हमारा बेटा ठीक हो गया तो, हम इसे सिरेमन्दिर आपके चरणों में समर्पित कर देंगे, और हुआ भी यूँ ही पीरजी बावसी बिलकुल ठीक हो गए, उनके आँखों की रोशनी वापस आ गई, बावसी को बराबर दिखने लगा, धीरे-धीरे हँसते-खेलते पीरजी बावसी बड़े हो रहे थे, देखते ही देखते 9 वर्ष के हो गए, बड़े होने पर उनका ज्यादा ध्यान भक्ति भाव में रहता था, और उस समय केशर नाथजी महाराज भी भागली में ही तपस्या करते थे, उनके पिताजी केशर नाथजी महाराज की सेवा में जाया करते थे, तो पीरजी बावसी भी साथ में जाया करते थे, और केशर नाथजी महाराज की सेवा करते थे ।

एक दिन शुभ समय और शुभ घडी देखकर उनके माता- पिता ने उनको केशर नाथजी महाराज के चरणों में समर्पित कर दिया, एक दो दिन वहाँ पर रहे, और फिर भागकर वापस घर आ गए, ऐसा दो-तीन बार हुआ, उनके पिताजी केशर नाथजी के पास लेकर जाते और वो भागकर फिर घर आ जाते, बोले मुझे बाबा नही बनना है, मै तो यही आपके पास ही रहूँगा, उनके पिताजी ने सोचा की बच्चा है अभी, बड़ा होने पर अपने आप जायेगा, कुछ वर्ष बीते पीरजी महाराज ओर बड़े हुए, पिताजी के काम - काज में हाथ बटाते, और हम साथ साथ खेतों में गायों को चराने जाते, हम सभी दोस्त मिलकर खेलते कूदते ये हमारी रोज की दिनचर्या थी, दिन कैसे निकले पता ही नही चला, देखते ही देखते पीरजी महाराज 15-16 वर्ष के हो गए थे ।

पोस्ट का मुख्य भाग :-

भूराराम जी ने आगे बताया कि एक दिन हम गायों को चराकर घर आ रहे थे, गुरु पूर्णिमा का दिन था, संयोग वंश उस दिन हम गायों को लेकर सिरेमंदिर, चित्-हरणी की तरफ गए हुए थे, शाम का समय था, हम लोग घर के लिए रवाना हुए, आधे रास्ते तक पहुँचे थे, कि अचानक पिरजी बावसी को दिखना बंद हो गया, उन्होंने मुझे आवाज दी और बोले अरे भूरा मुझे दिख नही रहा है, हम वहीं पर ही बैठ गए, मैने देखा उनकी आँखों को, आँखे ठीक थी लेकिन उन्हें दिख नही रहा था हम वही पर बैठ गए, थोड़ी देर बाद पीरजी बावसी सिरेमन्दिर की तरफ चले तो उन्हें दिखने लगा और वापस गाँव की तरफ मुड़े तो दिखना बंद जाता, पीरजी बावसी ने श्री जलन्धर नाथजी महाराज से प्रार्थना की, बहुत देर तक प्रार्थना करने के बाद फिर हम घर की ओर चले तो उनको बराबर दिखने लगा और हम घर आ गए ।

तब उन्होंने निश्चय किया कि कल मुझे सिरेमन्दिर जाना है, ये बात उन्होंने घर पर नही बताई, रात में ही उन्होंने सभा का सन्देश भिजवाया (गोम हाको करायो) कि कल सुबह रावतसिंह के घर सभा है, सभी गाँव वालो को आना है, सुबह होते ही सभी गाँव वाले रावतसिंह के घर आने लगे, रावतसिंह जी जलन्धरनाथजी के मंदिर (गांव की मडी ) में बैठे थे, रावतसिंह जी को मालूम ही नही कि मेरे घर सभा है, सभी लोग उनके घर की ओर जाने लगे तो उन्होंने गांव वालों को पूछा आप लोग कहा जा रहे हो, और आज सभा किसके घर पर है, गाँव वालो ने बोला की आपके घर पर ही तो सभा है, हम सब आपके घर पर ही तो जा रहे है, रावतसिंह जी घर आये तो पता चला की ये सभा तो ओटसिंह ने रखवाई है, फिर बहुत बड़ी सभा हुई, अमल गलिया, जीमण हुआ, और फिर पीरजी महाराज ने सभी से सिरेमन्दिर के लिए विदाई ली, फिर कई वर्षो बाद दीक्षा समारोह (पीरजी बावसी की कटम जात्रा करवाई तब ) में वापस अपने गाँव भागली पधारें थे ।

धन्य हो भागली, धन्य हो उनके माता पिता को और धन्य हुए हम सब, जो हमारे गाँव भागली में इतने महान सन्त ने जन्म लिया, हमारा गाँव उनके चरणों की धूल है, और हम उनके चरणों के दास है ।

Bhagli Sindhalan


No comments:

Post a Comment

यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर(Join this site)अवश्य बने. साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ. यहां तक आने के लिये सधन्यवाद.... आपका सवाई सिंह 9286464911

Labels

"खेतेश्वर महिमा (3) About Me (2) Acupressure (11) Ajit Rajpurohit (1) Akash Rajpurohit (5) Amar Singh Rajpurohit (9) Anita Rajpurohit (2) Anmol vachan (2) ARKYSS (59) Babu Singh (6) Balwant RajGuru (2) Balwant Singh (3) Biram singh (7) Blood (15) Brahma Temple (36) Communiy (60) dd Rajasthan (1) Dev Kishan Singh (3) Dr APJ Abdul Kalam (1) Dr M p Singh (101) Dr Shivalika Sharma (9) durag singh (7) Facbook page (177) facebook (83) Gajendra Singh (2) Garima Singh (7) Gopal Singh (3) Gotras (4) Govind Singh (14) Hams Institute (39) Harish Singh (1) Hems Institute (8) Jalam Singh (6) Jankari (92) Janmdin (22) Jay Singh (2) JNVU (3) Jorawar Singh (1) Kishor Singh (44) MLA Rajpurohit (28) MLA Shankar Singh (11) Mohan Singh (1) Mukesh Dudawat (1) Narpat Singh (43) News (192) Pahal (65) pathmeda (11) PM Narendra Modi (23) Poonam Singh (5) Pravasi Sandesh (1) Priti Rajpurohit (2) R K Purohit (11) R p प्रमुख स्थल एव संस्थान (1) Rajpurohit News (536) Rajpurohit History (23) Rajpurohit News (1116) Rajpurohit Samaj (238) Rajpurohit Yuva Shakti (4) Ramesh Singh (3) RJ Narendra (1) S P Singh (69) Sant Atmanand Ji Maharaj (7) Sant Khetaramji Maharaj (92) Sant Shri Aatmanand Ji Maharaj (26) Sant Shri Tulacharam Ji Maharaj (127) Santosh (6) Satender Singh (2) SAVE GIRL CHILD (9) sawai singh (127) Sawai Singh Rajpurohit (49) Share kare (54) Shishupal Singh (5) Shri NirmalDas Ji Maharaj (44) Shyam singh (4) Suja Kanwar Rajpurohit (1) Surat (8) Suresh Rajpurohit Jugnu (5) Swachh Bharat (4) video (13) Vijay Singh (2) Vikram (Viksa) (9) virus post (16) website (36) WhatsApp (96) www.bhaskar.com (32) www.skbdtirth.org (3) Yogendra Singh (7) YouTube (69) अब लिखिए अपनी भाषा में (1) अमर शहीद श्री हरि सिंह (1) अरविन्द राजपुरोहित (2) अशोक सिंह (3) एक बड़ा चबूतरा (1) एस.पी.सिंह (20) ओम प्रकाश (4) कमेन्ट बाक्स (1) कविता (22) किशोर सिंह (13) कृष्ण जन्माष्टमी (5) गरीमा राजपुरोहित (4) गायत्री महायज्ञ (5) गांव की जानकारी (8) गुरु पूर्णिमा (9) गो माता (57) गोविन्द (2) गौरक्षा कमांडो फाेर्स (1) चातुर्मास (42) जन्मोत्सव (39) जयंती (4) जयंती विशेष (44) जानकारी (47) जीवन परिचय (23) जीवनरक्षक सोसाइटी (2) जीवराजसिंह (3) ज्ञान (5) डॉ.M.P सिंह राजपुरोहित (10) डॉ.भवरलाल जी (2) तीन दिवसीय नि:शुल्क एक्यूप्रेशर (2) दक्ष प्रताप (2) दहेज (2) दिनेश सिंह (4) देवकिशन राजपुरोहित (1) नरपत सिंह (21) न्यूज़ (165) परमेश्वर सिंह (12) परिचय (4) पूनम राजपुरोहित (1) प्रताप सिहं राजपुरोहित (2) प्रथम मुकुंद पर सवार प्रतिमा (1) प्रवीण सिंह (4) प्रेरणा शिविर (6) फोटो (13) बगसिँह बागरा (33) बलवंत सिहं (1) बाबा रामदेव जी (2) बालू सिंह (3) ब्रम्हाजी मंदिर (16) ब्रह्मपुत्र सेना (31) ब्रह्मास्त्र सेवादल (1) भैरोसिंह राजपुरोहित (3) रघुवीर सिंह (3) राजपुरोहित का परिचय (5) राजपुरोहित समाज (47) राजपुरोहित समाज और जाति (4) राजस्थान मिष्ठान भंडार (1) रामदेवजी (4) रासीसर गाँव (1) विजिटर डायरी (2) विडियो (9) विनम्र श्रधांजलि (82) विशेष (253) शत शत नमन (18) शुभकामनाएँ (92) शेयर/बँटना (304) श्री अमरा राम जी (2) श्री आत्मानन्दजी (11) श्री खेतेश्वर महाराज (132) श्री तुलछारामजी महाराज (192) श्री दत्तशरणनन्द जी (15) श्री ध्यानरामजी (62) श्री ध्यानारामजी (98) श्री निर्मलदासजी (23) श्री बालकदास जी (21) श्री मोहनपुरी जी महाराज (1) श्री शांतिनाथ जी महाराज (2) श्री शान्तिनाथजी महाराज (1) श्रीखेतेश्वर महाराज (29) श्रीखेतेश्वर युवा सेवा संघ (10) श्रीशक्तिनाथनाथजी महाराज (1) संत गुरु ज्ञान गंगा प्रतियोगिता (2) सन्देश (27) सवाई सिंह (107) सुगना फाऊंडेशन (365) सूचना (302) सूरज दीदी (1) हमारे मार्गदर्शक (1) हार्दिक शुभकामनायें (43) हैम्स ओसिया इन्स्टिट्यूट (13)

Search This Blog

आपका लोकप्रिय ब्लॉग अब फेसबुक पर अभी लाइक करे .



Like & Share

Share us

Contact Form

Name

Email *

Message *

ट्विटर पर फ़ॉलो करें!



Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

एक सुचना

एक सुचना