तिंवरी के शैलेन्द्र सिंह (भरत) राजपुरोहित से खास बातचीत
जोधपुर के रहने वाले हैं शैलेन्द्र सिंह (भरत) राजपुरोहित ने बताया कि वे मूलरुप से जोघपुर के पास गांव तिंवरी के निवासी हैं। लेकिन उनका परिवार जोधपुर के गुरू के तालाब रोड स्थित राजेंद्र नगर में रह रहा है। उनके पिता स्व श्री जसवंत सिंह राजपुरोहित बिजनेस थे।
पिता का सपना था डॉक्टर बने बेटा
उनके पिता का सपना था कि वे डॉक्टर बने। इसी सपने को पूरा करने के लिए दसवीं तक ...... ने जोधपुर के .... स्कूल से पढ़ाई करने के बाद जोधपुर कोचिंग की।
बेटे ने साकार किया पिता का सपना: माँ
राजपुरोहित की माता जी श्रीमती खेमू कवर का कहना है कि अपने बेटे की उपलब्धि देख वे बहुत खुश हैं। जिस सपने को मेरे पति ने देखा था, उसे आज बेटे ने पूरा कर दिखाया। इससे ज्यादा खुशी मेरे जीवन में और कुछ नहीं हो सकती।
शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि उन्हें स्पोर्टस और पढ़ाई दोनों में बेहद रुचि है।
शैलेन्द्र सिंह के आदर्श हैं उनके पिताजी है
मैंने इस साल नीट में AIR 2207 ग्रेड प्राप्त की है मैं अपनी सफलता का श्रेय पूर्ण रूप से अपने परिवार को समर्पित करता हूं खासतौर से मेरे पिताजी स्वर्गीय जसवंतसिंह जी राजपुरोहित को जो भी सदैव मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत रहे हैं उन्होंने खुद पूरे परिवार की जिम्मेदारी संभालते हुए अपनी लॉ की पढ़ाई पूरी की थी उन्होंने हमेशा शिक्षक को जीवन में प्रथम स्थान दिया उनके शिक्षा के प्रति समर्पित स्वभाव ने मुझे शक्ति प्रदान की है मैं इस परीक्षा में उत्तीर्ण हो चुका हूं ।
रिपोर्टर- आप NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट) की तैयारी करने वाले युवाओं को क्या संदेश देना चाहते है? और आपकी दिनचर्या क्या थी?
शैलेन्द्र सिंह - मैंने अपना लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक साधारण दिनचर्या अपनाएं जिससे मैंने 3 घंटे की सेल्फ स्टडी के अलावा 5 घंटे की कोचिंग और रात को सोने से पहले 1 घंटे रिवीजन करता था 6 घंटे की नींद और खेलकूद में भी थोड़ा समय दिया करता था मेरे पढ़ाई के लिए यह नियम है कि इससे एक सफल की तरह देखूं जिस का रास्ता भले ही मुश्किलों से भरा हो लेकिन इसका गंतव्य उतना ही सुनहरा होता है प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए नियमित अध्ययन किया जाये तो कोई भी परीक्षा में सफलता हासिल करना कठिन नहीं है।
मैंने अब आगे IAS की तैयारी कर रहा हूं जो कि समाज की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है आज दुनिया में किसी भी चीज का मूल्य सबसे अधिक है तो वह है शिक्षा क्योंकि इसे खरीदा नहीं जा सकता यह हमारे समाज की एक ऐसा स्थान प्राप्त कर सकूं जिसके बारे में आज तक हम सिर्फ बातें करते आए हैं।
जोधपुर के रहने वाले हैं शैलेन्द्र सिंह (भरत) राजपुरोहित ने बताया कि वे मूलरुप से जोघपुर के पास गांव तिंवरी के निवासी हैं। लेकिन उनका परिवार जोधपुर के गुरू के तालाब रोड स्थित राजेंद्र नगर में रह रहा है। उनके पिता स्व श्री जसवंत सिंह राजपुरोहित बिजनेस थे।
पिता का सपना था डॉक्टर बने बेटा
उनके पिता का सपना था कि वे डॉक्टर बने। इसी सपने को पूरा करने के लिए दसवीं तक ...... ने जोधपुर के .... स्कूल से पढ़ाई करने के बाद जोधपुर कोचिंग की।
बेटे ने साकार किया पिता का सपना: माँ
राजपुरोहित की माता जी श्रीमती खेमू कवर का कहना है कि अपने बेटे की उपलब्धि देख वे बहुत खुश हैं। जिस सपने को मेरे पति ने देखा था, उसे आज बेटे ने पूरा कर दिखाया। इससे ज्यादा खुशी मेरे जीवन में और कुछ नहीं हो सकती।
शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि उन्हें स्पोर्टस और पढ़ाई दोनों में बेहद रुचि है।
शैलेन्द्र सिंह के आदर्श हैं उनके पिताजी है
मैंने इस साल नीट में AIR 2207 ग्रेड प्राप्त की है मैं अपनी सफलता का श्रेय पूर्ण रूप से अपने परिवार को समर्पित करता हूं खासतौर से मेरे पिताजी स्वर्गीय जसवंतसिंह जी राजपुरोहित को जो भी सदैव मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत रहे हैं उन्होंने खुद पूरे परिवार की जिम्मेदारी संभालते हुए अपनी लॉ की पढ़ाई पूरी की थी उन्होंने हमेशा शिक्षक को जीवन में प्रथम स्थान दिया उनके शिक्षा के प्रति समर्पित स्वभाव ने मुझे शक्ति प्रदान की है मैं इस परीक्षा में उत्तीर्ण हो चुका हूं ।
रिपोर्टर- आप NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट) की तैयारी करने वाले युवाओं को क्या संदेश देना चाहते है? और आपकी दिनचर्या क्या थी?
शैलेन्द्र सिंह - मैंने अपना लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक साधारण दिनचर्या अपनाएं जिससे मैंने 3 घंटे की सेल्फ स्टडी के अलावा 5 घंटे की कोचिंग और रात को सोने से पहले 1 घंटे रिवीजन करता था 6 घंटे की नींद और खेलकूद में भी थोड़ा समय दिया करता था मेरे पढ़ाई के लिए यह नियम है कि इससे एक सफल की तरह देखूं जिस का रास्ता भले ही मुश्किलों से भरा हो लेकिन इसका गंतव्य उतना ही सुनहरा होता है प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए नियमित अध्ययन किया जाये तो कोई भी परीक्षा में सफलता हासिल करना कठिन नहीं है।
मैंने अब आगे IAS की तैयारी कर रहा हूं जो कि समाज की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है आज दुनिया में किसी भी चीज का मूल्य सबसे अधिक है तो वह है शिक्षा क्योंकि इसे खरीदा नहीं जा सकता यह हमारे समाज की एक ऐसा स्थान प्राप्त कर सकूं जिसके बारे में आज तक हम सिर्फ बातें करते आए हैं।
सुगना फाउंडेशन परिवार आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता है आप अपने सपनों को प्राप्त करें और समाज परिवार और कुटुम का नाम रोशन करें ऐसी कामना करता है सवाई सिंह राजपुरोहित मीडिया प्रभारी सुगना फाउंडेशन
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