श्री खेतश्वर दाता का स्वामीभक्त घोड़ा मुकुंद
श्री गुरुमहाराज खेतेश्वर दाता के स्वामीभक्त घोड़े मुकुंद की समाधि पर जाना हुआ । गुरुमहाराज के क़िस्से जहाँ जहाँ हे वहाँ मुकुंद का उल्लेख ओर साथ होना पाया हे। मारवाड़ी नस्ल का घोड़ा मुकुंद खेतारामजी बापजी का प्रिय साथी था जिसने ब्रह्मधाम आसोतरा के निर्माण में गुरुमहाराज के साथ-साथ राजपुरोहित बाहुल्य गाँव-गाँव यात्रा की।
यहाँ तक की राजस्थान से बाहर भी गुरु महाराज के साथ मुकुंद का आना बताया जाता हे। यक़ीनन मुकुंद कोई देव ही होगा जो एसे तेजस्वी पुरुष के साथी बने। मारवाड़ी उतम नस्ल का घोड़ा मुकुंद अच्छी क़द-काठी व चाल का था।
गुरुमहाराज मुकुंद को हमेशा अपने पास रखते थे ओर दोनो के बीच अत्यंत प्रेम था।
ब्रह्मधाम की प्रतिष्ठा होते ही एक दिन पश्चात श्री खेतेश्वर गुरुमहाराज ब्रह्मलीन हो गये। अपने स्वामी के शोक में उस स्वामी भक्त मुकुंद ने अन -जल त्याग दिया । एक तिनका तक नी खाया। धन्य हो एसे स्वामी भक्त घोड़े मुकुंद आपका नाम अमर हे ब्रह्मधाम आसोतरा ओर सभी गुरुभक्त आपके ऋणी रहेंगे। कूँछः दिनो बाद मुकुंद भी छूट गया( घोड़े के देवलोक होने को छूटना बोलते हे ) ओर परमहंस होकर अपने स्वामी के पास चला गया। में धन्य हुआ हु जो मुकुंद की समाधि को स्पर्श कर नमन किए।....... कानू सिंह राजपुरोहित पील्वा
यह स्थान ब्रह्मधाम आसोतरा बालोतरा जिला बाड़मेर में आया हुआ है जहां विश्व का दूसरा ब्रह्मा मंदिर बना हुआ है ब्रह्मधाम आसोतरा आप भी समय निकाल कर इस मंदिर के दर्शन अवश्य कीजिएगा साथिया पहुंचेगा वैकुंठ धाम जहां पर पूज्य गुरु महाराज संत श्री खेतेश्वर महाराज का समाधि स्थल है उसी के पास में मुकुट घोड़े की समाधि स्थल है...... सुगना फाउंडेशन मीडिया प्रभारी सवाई सिंह राजपुरोहित
श्री गुरुमहाराज खेतेश्वर दाता के स्वामीभक्त घोड़े मुकुंद की समाधि पर जाना हुआ । गुरुमहाराज के क़िस्से जहाँ जहाँ हे वहाँ मुकुंद का उल्लेख ओर साथ होना पाया हे। मारवाड़ी नस्ल का घोड़ा मुकुंद खेतारामजी बापजी का प्रिय साथी था जिसने ब्रह्मधाम आसोतरा के निर्माण में गुरुमहाराज के साथ-साथ राजपुरोहित बाहुल्य गाँव-गाँव यात्रा की।
यहाँ तक की राजस्थान से बाहर भी गुरु महाराज के साथ मुकुंद का आना बताया जाता हे। यक़ीनन मुकुंद कोई देव ही होगा जो एसे तेजस्वी पुरुष के साथी बने। मारवाड़ी उतम नस्ल का घोड़ा मुकुंद अच्छी क़द-काठी व चाल का था।
गुरुमहाराज मुकुंद को हमेशा अपने पास रखते थे ओर दोनो के बीच अत्यंत प्रेम था।
ब्रह्मधाम की प्रतिष्ठा होते ही एक दिन पश्चात श्री खेतेश्वर गुरुमहाराज ब्रह्मलीन हो गये। अपने स्वामी के शोक में उस स्वामी भक्त मुकुंद ने अन -जल त्याग दिया । एक तिनका तक नी खाया। धन्य हो एसे स्वामी भक्त घोड़े मुकुंद आपका नाम अमर हे ब्रह्मधाम आसोतरा ओर सभी गुरुभक्त आपके ऋणी रहेंगे। कूँछः दिनो बाद मुकुंद भी छूट गया( घोड़े के देवलोक होने को छूटना बोलते हे ) ओर परमहंस होकर अपने स्वामी के पास चला गया। में धन्य हुआ हु जो मुकुंद की समाधि को स्पर्श कर नमन किए।....... कानू सिंह राजपुरोहित पील्वा
यह स्थान ब्रह्मधाम आसोतरा बालोतरा जिला बाड़मेर में आया हुआ है जहां विश्व का दूसरा ब्रह्मा मंदिर बना हुआ है ब्रह्मधाम आसोतरा आप भी समय निकाल कर इस मंदिर के दर्शन अवश्य कीजिएगा साथिया पहुंचेगा वैकुंठ धाम जहां पर पूज्य गुरु महाराज संत श्री खेतेश्वर महाराज का समाधि स्थल है उसी के पास में मुकुट घोड़े की समाधि स्थल है...... सुगना फाउंडेशन मीडिया प्रभारी सवाई सिंह राजपुरोहित
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