राजपुरोहित समाज में शादियां तो होती ही रहती है लेकिन कुछ शादियां अपने आप में सुर्खियां बन जाती है फिर चाहे वह शादी का कार्ड हो या फिर शादी में होने वाले खर्चे लेकिन इस बार जो शादी चर्चा का विषय बनी है वह है ब्रह्मधाम के नियमों अनुसार शादी संपन्न करने की वजह से सुर्खियों में बनी हुई है आइए जानें पूरी न्यूज़
22 नवम्बर को बावड़ी कल्ला के किशनसिंह पुत्र श्री उम्मेदसिंह एवम रूपावास के खुशालसिंह पुत्र श्री रतनसिंह की बारात जालोर जिले की आहोर तहसील के गांव कुंडली में रतनसिंह जी जीवराजसिंह जी सुपुत्र श्री भोपालसिंह जी के यहां गई ।
ये शादी पूर्णतः नशामुक्त रही , तथा दहेज के रूप में या रकम के रूप में किसी भी तरह की वस्तु या धनराशि नही ली गयी ।
दूल्हे किशनसिंह के पिताजी श्री उम्मेदसिंह जी एवम दूल्हे खुशालसिंह के पिताजी रतनसिंह के द्वारा शगुन के रूप में सिर्फ 11 रुपये लिए गए ।
ज्ञात हो कि गत वर्ष राजपुरोहित समाज मे नशामुक्ति एवम दहेज रहित शादी के लिये ब्रह्मधाम आसोतरा द्वारा नियम बनाये गए थे, जिनको तीनों परिवारों ने पूरी निष्ठा से निभाया ।
इसमे कुंडली ग्राम वासी एव बावड़ी कल्ला एवम दूसरी बारात रूपावास से आये बारातीयो ने भी नियम को बखूबी निभाया ।
किशनसिंह रामदेवरा में इतिहास व्याख्याता के पद पर कार्यरत है एवम इतिहास एवम संस्कृत विषय मे jrf है ।
देवभाषा संस्कृत के प्रचार के लिए किशनसिंह ने अपनी शादी की पत्रिका भी संस्कृत भाषा मे छपवाई जो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं एवम सोशल मीडिया पर काफी चर्चित हुई ।
नव दंपति को सुगना फाउंडेशन परिवार की ओर से शुभकामनाएं उनके दांपत्य जीवन की......
News by_ नरपतसिंह राजपुरोहित ह्रदय
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