सोसीयल मिडिया पर डाॅ. राजपुरोहित का अनूठा प्रयोग
कोरोना : राजस्थानी चेतावणी भजनो से जगाई लोगों में जागरूकता
जोधपुर कोरोना महामारी को लेकर आमजन में जागरूकता जगाने के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर विभिन्न सकारात्मक कार्य किये जा रहे हैं । इसी कड़ी में राजस्थानी भाषा के युवा कवि डॉ.गजेसिंह राजपुरोहित ने विगत कई दिनों से राजस्थानी चेतावणी भजनों के मार्फत आमजन को जागरूक करने का अनूठा प्रयोग कर सराहनीय कार्य किया है । डाॅ. राजपुरोहित द्वारा सोसीयल मीडिया पर डाली गई इस प्रकार की सकारात्मक और प्रेरणादायक पोस्ट को सैकड़ों लोगों ने सराहा । ' जीवण सारु जुद्ध नीं , जागरूकता री जरुत है । ' इसी भाव से ओतप्रोत राजस्थानी चेतावणी भजनों के एक - एक मिनट के विडियो बनाकर मातृभाषा में संक्षिप्त कोटेसन के साथ इन्होंने बहुत ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किये कि उसे देखने - सुनने वाला प्रत्येक व्यक्ति कोरोना के दुष्प्रभाव को सहजता से समझ सकता है ।
डॉ . राजपुरोहित ने कोरोना महामारी को अपनी मातृभाषा में - कळजुग रो काळ, मरण रो मारग, काया रो दुसमण, मौत रो मुसाफिर, डाकी सो डकरेल, मिनखमार बीमारी अर औगणगारी महामारी नाम से संबोधित करते हुए लाॅकडाउन के अन्तर्गत अपने घर में सावधानी से रहने की सीख दी । सोसीयल मीडिया पर पोस्ट किए गए चेतावणी भजनों में ख्यातनाम गायक रामचंद्र गोयल, प्रहलाद सिंह टिपानिया, प्रहलाद राम जैसलमेर तथा भैरूलाल भडाणा द्वारा गाये गए भजनों को सम्मिलित किया । इनके प्रमुख भजनों में - हेली म्हारी निरभै ( घर ) में रहीजै ए , हेली म्हारी बाहर भटकै कांई, थारै सब सुख है घट ( घर ) मांई , हुसियार रहणा रै नगर में काळ ( कोरोना ) आवैला , म्हाने अबकै बचाय लै म्हारी माय बटाऊड़ो ( कोरोना ) आयो लैवा नै, जाग मुसाफिर जाग मरण थारो हो रियो रै , जतन बिन बांवरा रै मिरगा ( कोरोना ) नै खेत बिगाड़ा, चेत रे नर चेत थांरो चिड़िया ( कोरोना ) चुग जाई खेत , सौदागर अब क्यूं भूल्यौ जाय रै, कांई गुण गावा थारो ( कोरोना ) कांई जस गावा , कठै ( चीन ) हुती नै कठै ( भारत ) आन पड़ी म्हारी हेली, कुण शहर में सूता कुण जागै है, कोरोना को रोग आयो भारत के बाजारा में तथा कहां से आया कहां जाओगे ? खबर करो अपने तन की " विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं ।
आमलोगों को कोरोना के कहर से सचेत करते हुए डॉ. गजेसिंह राजपुरोहित ने लाॅकडाउन ( ताळाबंदी ) को ' जीवण रो जतन ' बताकर इसके समुचित पालन करने की सकारात्मक प्रेरणा भी दी । सोसीयल मीडिया पर इस प्रकार की इनकी अनूठी पोस्टों को लोगोंने खूब सराहा ।
आपको बता दें डाॅ. गजेसिंह राजपुरोहित वर्तमान में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के राजस्थानी विभाग में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पद पर सेवारत है ।
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