रक्तदान_महादान नर सेवा नारायण सेवा
रक्तमित्र रघुवीर राजपुरोहित ने कहा मनुष्य जन्म बार बार नही मिलेगा तेरा मेरा करते एक दिन चले जाना है,जो भी कमाया यही रह जाना है कर ले कुछ अच्छे कर्म,साथ यही तेरे जाना है रोने से तो आंसू भी पराये हो जाते हैं, लेकिन मुस्कुराने से पराये भी अपने हो जाते हैं मुझे वो रिश्ते पसंद है जिनमें " मैं " नहीं " हम " हो इंसानियत दिल में होती है, हैसियत में नही,उपरवाला कर्म देखता है, वसीयत नही..
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