जोधपुर स्वामी भक्त गुमानसिंह राजपुरोहित का 209वां शौर्य दिवस शुक्रवार को मेहरानगढ़ तलहटी स्थित शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि के साथ मनाया गया। महाराजा मानसिंह के शासनकाल में मीर खां पठान के आत्मघाती हमलावर दल से वीरतापूर्वक लड़ते हुए गुमानसिंह राजपुरोहित शहीद हुए थे। उनके शौर्य दिवस पर प्रतिवर्ष मेहरानगढ़ तलहटी स्थित शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की जाती है। इस दौरान राजपुरोहित समाज के कई वरिष्ठजन उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि तिंवरी के ठिकानेदार राजपुरोहित सेवड़ रण सिरमौड़ अनवी अखेराजोत वीर गुमान सिंह वीर दौलत सिंह के पुत्र थे। इन की राज्य सेवाएं मारवाड़ के महाराजा विजय सिंह से लेकर महाराजा मान सिंह के समय तक रही।
यह अपने वंश के वीरोचित गुणों के कारण मारवाड़ के महाराजाओं के अति विशिष्ट एवं विश्वास पात्र सरदारों में शुमार रहे। वि.सं. 1872 आसोज सुदी अष्टमी को नवाब मीर खां पठान की सेना मेहरानगढ़ किले पर पहुंची थी। इस दौरान तिंवरी के वीर गुमान सिंह भी गोली लगने से घायल हो गए, फिर भी अपनी वीरता व साहस का परिचय देते हुए अपने कमर पर बंधी कटार निकालकर दुश्मनों पर अकेले ही टूट पड़े और मुख्य हमलावर को मौत के घाट उतार बदला लिया। थक हारकर दुश्मनों को पीछे हटना पड़ा। इस दौरान वीरता पूर्वक युद्ध करते हुए। किले की रक्षार्थ वीरगति को प्राप्त हो गए। उनकी वीरता और स्वामीभक्तिको देख महाराजा मानसिंह भावविभोर हो गए तथा उनका दाह संस्कार गढ़ की तलहटी पर स्थित रासोलाई नाडी पर करवाया। जहां बना स्मारक आज भी गुमान सिंह के शौर्य, स्वामी भक्तितथा वीरता का यशोगान करता है।
News bY श्री महेंद्र सिंह जी राजपुरोहित तिंवरी
शुरूवीर राजपुरोहित श्री गुमानसिंह जी अखेराजोत का आज 209वाँ शौर्य दिवस पर शुरूवीर को शत् शत् नमनः। जिन्होंने देश मारवाड़ स्वामीभक्ति दिखाते हुऐ बलिदान दिया। ऐसे वीर युगों मैं पैदा होते है जो अपनी मातृभूमि के लियें बलिदान देते है। वीरभोग्या वसुंधरा। भारत माता की जय ठाकुर श्री बिरम सिंह राजपुरोहित संरक्षक सुगना फाऊंडेशन
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