चिकित्सा प्रशासन मौन क्यों है?
(आखिर क्यों नहीं होते ऐसे प्राइवेट हिस्पिटलो पर कारवाई, अगर जांच किया जाए तो कितने प्राइवेट अस्पताल बिना लाइसेंस के हो जाएंगे बंद)
05. अक्टूबर शाम की एक रानीवाड़ा शहर के लोगों को झकझोर कर रख दिया, फिर एक सनसनी मामला सामने आया, शहर के निजी भास्कर हॉस्पिटल के डाक्टर द्वारा गलत इलाज कराने से इलाज करवाने आई महिला की मौत परिजनों पर टूटा दुख का पहाड़।
आपकों बताते हैं कि इन निजी हॉस्पिटलों द्वारा संचालित करीब दर्जनों भीनमाल रानीवाड़ा क्षेत्र में करीब दो माह के भीतर चार लोगो ने अपनी जान गवाई और कई अनगिनत बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा चुका है। बता दें की जालौर जिले में सैकड़ों की तादाद में चल रहें हॉस्पिटल और नर्सिंग होम को चलाने का कोन है- जिम्मेदार? क्यों नहीं होती ऐसे झोलाछाप डॉक्टर और अस्पतालों पर जांच, शहर में धड़ल्ले से चल रहें जारी अवेध नर्सिंग होम, पर क्यों हो रहे जान से खिलवाड़ के साथ- साथ जनता का लूटा जा रहा है पैसा, आखिर क्यों नहीं होते ऐसे प्राइवेट अस्पतालों पर जांच ? इसका जिम्मेवार कोन ?
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