जय गुरुदेव
जैसा कि आप को विदित है कि साक्षात शिवावतार, शिव के उपासक, ब्रह्मज्ञानी, परशुरामावतार, ज्योतिपुंज, युगपुरुष, कुलश्रेष्ठ एवं श्री श्री परम पूज्य खेतारामजी के परम शिष्य श्री श्री 1008 ब्रह्मर्षि सुखदेवजी महाराज गोलोकधाम वास हो गया है, ब्रह्म इच्छा अटल है, जिसके आगे हम सभी नतमस्तक है।
उनके पिता का नाम कस्तुरजी तथा माता का नाम सोनी बाई था। महाराज के निधन पर रायथल समेत आसपास के गांवो से हजारो की संख्या में भक्तगण अंतिम दर्शन करने के लिए मंदिर परिसर पर पहुंचे।
निकटवर्ती ओडवाडा रायथल के बीच स्थित परशुराम मंदिर के गादीपति में श्री सुखदेव जी महाराज की बैकुंठी शनिवार को निकाली गई शुक्रवार को अहमदाबाद के एक अस्पताल में उनका देहांत हो गया था उनके अंतिम विदाई के दौरान राजपुरोहित समाज के ओडवाडा रायथल सहित आसपास के गांव से बड़ी संख्या में समाज बंधु शामिल हुए। महंत की अंतिम विदाई मंदिर परिसर में रवाना होकर परिसर के बाहर तक ले जाई गई तथा मंदिर परिसर के पिछले स्थित कुटिया पूज्य श्री का ब्रह्म संस्कार उनकी तपोभूमि परशुरामधाम रायथल में दिनांक 30 मार्च शनिवार सुबह 8 बजे पूरे विधि विधान से विदाई दी गई।
श्री निरमलदास जी महाराज श्री बालक दास जी महाराज सहित कई संत और समाज बंधु उपस्थित रहे जिन्होंने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की सुगना फाउंडेशन परिवार भी सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता है
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