विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हर साल 14 जून को 'रक्तदान दिवस' मनाया जाता है। इस खास मौके पर हम बात करते हैं राजपुरोहित समाज के एक अहम संगठन जोकि सामाजिक सेवाओं के साथ मानवीय सेवाओं के लिए भी समर्पित है जो कि आज पूरे भारतवर्ष में रक्तदान की कमी को दूर करने का एक संकल्प लेकर चल रहा है जी हां हम बात कर रहे हैं ब्रह्मपुत्र सेना की आज की विशेष पोस्ट मे...
जैसा की आप सभी को जानकारी हैं। कि राजपुरोहित समाज का एक संगठन ब्रह्मपुत्र सेना द्वारा जरूरतमंद समाज बंधुओं को अविरत ब्लड उपलब्ध करवाया जा रहा हैं। जोकि बहुत ही सराहनीय कार्य हैं।
कई बार समय पर रक्त नहीं मिलने पर लोगों की जान चली जाती है। पिछले कुछ वर्षों में रक्तदान को लेकर जागरूकता आयी है। आज कहानी आम लोगों की जिन्होंने अपने अनूठे प्रयास से सैकड़ों लोगों की जान बचायी है। खासतौर से ऐसे वक्त में जब परिजन मरीज की जान बचाने बदहवास इधर से उधर भागते है।
राजस्थान के बाड़मेर जिले के बालोतरा निकटवर्ती गाँव असाडा में पैदा हुए आम लोगों जैसे शख्स किशोर सिंह राजपुरोहित। जिनके द्वारा स्थापित "ब्रह्मपुत्र सेना ब्लड" नाम के फेसबुक व वाट्सएप ग्रुप बनाये हैं, जो कि जरूरतमंदों को ब्लड मुहैया कराता है। इस ग्रुप में अनगिनत सदस्य है। जो हर समय रक्तदान करने के लिए तत्यपर रहते हैं।
ग्रुप के सदस्य कहो या रीढ़ की हड्डी परमेश्वर सिंह और युधिस्ठर सिंह, रघुवीर सिंह राजपुरोहित से पता चला कि रक्तदान का सिलसिला कोई 3 -4 साल पहले से प्रारम्भ हुआ। आज तक प्रति दिन अनुमानित 1 - 2 से ज्यादा लोगों का इमर्जेंसी केस में रक्त देकर जीवन बचाया जाता है।
इस संस्थान के वरिष्ठ सदस्य श्री श्याम सिंह राजपुरोहित मानते है कि इस तरह के ग्रुप खासतौर से नाजुक वक्त में बेहद काम आते है। यहां जरूरत पड़ने वाले मरीज का नाम, ब्लड ग्रुप और अस्पताल वाट्सएप में भेजा जाता है। इसके बाद ग्रुप के सदस्य आते हैं और अस्पताल में ब्लड का डोनेशन कर वापस चले जाते हैं इससे पहले मरीज के परिवारीजनों को रक्तदान करने के लिए जागरूक भी किया जाता है जब लगता है कि परिवार से ब्लड डोनेट करने के लिए कोई योग्य नही है तो संस्था के सदस्य मानवता का परिचय देता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि ज्यादातार सदस्य युवा है और अपने नौकरी पेशे से जुड़े है लेकिन अपनी निजी जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपने सीमित संसाधनों में समाज के लिए कुछ कर दिखाने का जज्बा भी रखते हैं। इस ग्रुप में अभी 84 सदस्य है जिसमें सक्रिय सदस्य परमेश्वर सिंह और युधिस्ठर सिंह, रघुवीर सिंह, मनोहर सिंह,मांगीलाल सिंह, राम सिंह, किशोर सिंह अमर सिंह, दिनेश सिंह, सवाई सिंह, नरपतसिंह आदि जैसे युवा हमेशा सक्रिय रहते हैं।
अब आते हैं एक सवाल पर कि क्या रक्तदान करने से रक्तदाता को भी कोई लाभ होता है ?
हमारा ज़वाब है - जी हाँ !
रक्तदान द्वारा किसी को नवजीवन देकर जो आत्मिक आनन्द मिलता है उसका न तो कोई मूल्य आंका जा सकता है न ही उसे शब्दों में व्यक्त किया जा सकता है।
डॉक्टरों का यह मानना है कि रक्तदान शरीर द्वारा रक्त बनाने की क्रिया को भी तीव्र कर देता है। रक्त के कणों का जीवन सिर्फ 90 से 120 दिन तक का होता है। प्रतिदिन हमारे शरीर में पुराने रक्त का क्षय होता रहता है और नया रक्त बनता जाता है इसका हमें कोई अनुभव नहीं होता।
आप भी रक्तदान करें, जिससे रक्त की हमेशा उपलब्धता बनी रहे। कोई सुहागिन विधवा न बने, बूढ़े मॉ-बाप बेसहारा न हों, खिलता यौवन असमय ही काल का गाल न बने। आज किसी को आपके रक्त की आवश्यकता है, हो सकता है कल आपको किसी के रक्त की आवश्यकता हो।
अतः बहादुर होकर स्वैच्छिक रक्त दान करें। स्वेच्छा से रक्त देने वाला मनुष्य, मानव मात्र सहायता के लिये रक्त देता है, न की धन के लालच से। इस स्वैच्छिक दान विकल्प नहीं है।
आइये एक कदम....जिंदगी की बढ़ाते हुए और रक्तदान को महादान बनाने के लिए एक मुहिम की पहल की शुरुआत को अपने सभी मित्रों को इस व्हाट्सएप्प और फेसबूक के ज़रिए आह्वान भी करता हूँ के आप अपने अपने मित्रों को इस पावन कार्य के लिए प्रेरित करें और इंसानियत की कहानी को आगे बढ़ाएं।
जैसा की आप सभी को जानकारी हैं। कि राजपुरोहित समाज का एक संगठन ब्रह्मपुत्र सेना द्वारा जरूरतमंद समाज बंधुओं को अविरत ब्लड उपलब्ध करवाया जा रहा हैं। जोकि बहुत ही सराहनीय कार्य हैं।
कई बार समय पर रक्त नहीं मिलने पर लोगों की जान चली जाती है। पिछले कुछ वर्षों में रक्तदान को लेकर जागरूकता आयी है। आज कहानी आम लोगों की जिन्होंने अपने अनूठे प्रयास से सैकड़ों लोगों की जान बचायी है। खासतौर से ऐसे वक्त में जब परिजन मरीज की जान बचाने बदहवास इधर से उधर भागते है।
राजस्थान के बाड़मेर जिले के बालोतरा निकटवर्ती गाँव असाडा में पैदा हुए आम लोगों जैसे शख्स किशोर सिंह राजपुरोहित। जिनके द्वारा स्थापित "ब्रह्मपुत्र सेना ब्लड" नाम के फेसबुक व वाट्सएप ग्रुप बनाये हैं, जो कि जरूरतमंदों को ब्लड मुहैया कराता है। इस ग्रुप में अनगिनत सदस्य है। जो हर समय रक्तदान करने के लिए तत्यपर रहते हैं।
ग्रुप के सदस्य कहो या रीढ़ की हड्डी परमेश्वर सिंह और युधिस्ठर सिंह, रघुवीर सिंह राजपुरोहित से पता चला कि रक्तदान का सिलसिला कोई 3 -4 साल पहले से प्रारम्भ हुआ। आज तक प्रति दिन अनुमानित 1 - 2 से ज्यादा लोगों का इमर्जेंसी केस में रक्त देकर जीवन बचाया जाता है।
इस संस्थान के वरिष्ठ सदस्य श्री श्याम सिंह राजपुरोहित मानते है कि इस तरह के ग्रुप खासतौर से नाजुक वक्त में बेहद काम आते है। यहां जरूरत पड़ने वाले मरीज का नाम, ब्लड ग्रुप और अस्पताल वाट्सएप में भेजा जाता है। इसके बाद ग्रुप के सदस्य आते हैं और अस्पताल में ब्लड का डोनेशन कर वापस चले जाते हैं इससे पहले मरीज के परिवारीजनों को रक्तदान करने के लिए जागरूक भी किया जाता है जब लगता है कि परिवार से ब्लड डोनेट करने के लिए कोई योग्य नही है तो संस्था के सदस्य मानवता का परिचय देता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि ज्यादातार सदस्य युवा है और अपने नौकरी पेशे से जुड़े है लेकिन अपनी निजी जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपने सीमित संसाधनों में समाज के लिए कुछ कर दिखाने का जज्बा भी रखते हैं। इस ग्रुप में अभी 84 सदस्य है जिसमें सक्रिय सदस्य परमेश्वर सिंह और युधिस्ठर सिंह, रघुवीर सिंह, मनोहर सिंह,मांगीलाल सिंह, राम सिंह, किशोर सिंह अमर सिंह, दिनेश सिंह, सवाई सिंह, नरपतसिंह आदि जैसे युवा हमेशा सक्रिय रहते हैं।
अब आते हैं एक सवाल पर कि क्या रक्तदान करने से रक्तदाता को भी कोई लाभ होता है ?
हमारा ज़वाब है - जी हाँ !
रक्तदान द्वारा किसी को नवजीवन देकर जो आत्मिक आनन्द मिलता है उसका न तो कोई मूल्य आंका जा सकता है न ही उसे शब्दों में व्यक्त किया जा सकता है।
डॉक्टरों का यह मानना है कि रक्तदान शरीर द्वारा रक्त बनाने की क्रिया को भी तीव्र कर देता है। रक्त के कणों का जीवन सिर्फ 90 से 120 दिन तक का होता है। प्रतिदिन हमारे शरीर में पुराने रक्त का क्षय होता रहता है और नया रक्त बनता जाता है इसका हमें कोई अनुभव नहीं होता।
आप भी रक्तदान करें, जिससे रक्त की हमेशा उपलब्धता बनी रहे। कोई सुहागिन विधवा न बने, बूढ़े मॉ-बाप बेसहारा न हों, खिलता यौवन असमय ही काल का गाल न बने। आज किसी को आपके रक्त की आवश्यकता है, हो सकता है कल आपको किसी के रक्त की आवश्यकता हो।
अतः बहादुर होकर स्वैच्छिक रक्त दान करें। स्वेच्छा से रक्त देने वाला मनुष्य, मानव मात्र सहायता के लिये रक्त देता है, न की धन के लालच से। इस स्वैच्छिक दान विकल्प नहीं है।
आइये एक कदम....जिंदगी की बढ़ाते हुए और रक्तदान को महादान बनाने के लिए एक मुहिम की पहल की शुरुआत को अपने सभी मित्रों को इस व्हाट्सएप्प और फेसबूक के ज़रिए आह्वान भी करता हूँ के आप अपने अपने मित्रों को इस पावन कार्य के लिए प्रेरित करें और इंसानियत की कहानी को आगे बढ़ाएं।
विश्व रक्तदान दिवस की आप सभी रक्त दाताओ को सुगना फाउण्डेशन मेघलासियां परिवार की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं एवं अभिनन्दन करता हूँ पीड़ित मानव सेवा का आपका यह जज्बा बरकरार रहे और सभी का जीवन स्वस्थ्य व दीर्घायू हो ऐसी मंगल कामना करता हूं ....... अपका सुगना फाउंडेशन मीडिया प्रभारी ✍🏻 सवाई सिंह राजपुरोहित
https://www.facebook.com/rajpurohitpage
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सवाई सिंह राजपुरोहित (मीडिया प्रभारी)
सुगना फाउंडेशन - मेघलासिया व आरोग्यश्री समिति
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HAMS Education Board of Rajasthan और
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