गोऋशि स्वामी दत्तषरणानंद महाराज ने अकाल की भयंकर स्थिति में गोसेवकों से तन-मन-धन से आगे आने की अपील की!
श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा लोक पुण्यार्थ न्यास द्वारा बाड़मेर-जैसलमेर के अकाल पीड़ित गोवष्ां हेतु 40 से अधिक गांवों में चारा षिविरों व पानी के टैंकरों की व्यवस्था जारी!
सांचोर,18 जून।
श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा रजत जयंती समारोह के अर्न्तगत श्री वेदलक्षणा गोमहिमा सत्संग सप्ताह के जून माह की सप्त दिवसीय भागवत कथा समापन समारोह में हजारों भक्त-भाविकों ने भाग लिया। समापन अवसर की ज्येश्ठ पूर्णिमा के अवसर पर परम श्रद्धेय गोऋशि स्वामी दत्तषरणानंद महाराज ने अपने प्रवचन में वर्तमान अकाल की स्थिति में पूरे प्रदेष के गोवंष पर आसन्न गंभीर खतरे पर चिन्ता जताते हुए गोसेवा-गोरक्षा हेतु सभी सनातन धर्मावलम्बियों को पूरजोर से तन-मन-धन से आगे आने की अपील की।
सत्संग सप्ताह के समापन समारोह में गोसेवक आलोक सिंहल ने वर्तमान समय में बाड़मेर-जैसलमेर के अकालग्रस्त क्षेत्रों में चारे एवं पानी की कमी से ग्रस्त गोवंष की गंभीर स्थिति पर मंच से प्रकाष डाला। उन्होंने कहा कि वहां अब तक लाखों की संख्या में गोवंष भूख-प्यास से काल-कल्वित हो चुका है तथा हजारों गोवंष मृत्यु की कगार पर है। उल्लेखनीय है कि बाड़मेर-जैसलमेर के अकाल पीड़ित गोवष्ां हेतु श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा लोक पुण्यार्थ न्यास द्वारा 40 से अधिक गांवों में चारा षिविरों व पानी के टैंकरों की व्यवस्था की जा रही है।
पूर्णिमा के कार्यक्रमों का संचालन डॉ. उदाराम वैश्णव तथा डूंगराराम पुरोहित ने किया। इस अवसर पर सियावल्लभदास, महंत नन्दरामदास, बलदेवदास, विठ्ठलकृश्ण, गणेषदास, छोगाराम, करणाराम, केषाभाई जोषी, बाबुभाई जोषी उपस्थित सहित संत एवं वरिश्ठ गोभक्त उपस्थित रहे। सात दिनों में भारतवर्श भर से पहुंचकर हजारों गोसेवकों ने गोदर्षन,गोसेवा करते हुए गोमहिमा कथा का श्रवण किया। षुद्ध पंचगव्य निर्मित अल्पाहार एवं महाप्रसादी का आयोजन सातों दिन चलता रहा है। कथा के समय पानी एवं छाछ आदि का वितरण होता रहा। गोसाहित्य एवं धार्मिक सामग्रीयों के स्टॉल लगाये गये।
गाय अक्षय समृद्धि देने वाली तथा गोसेवा से लोक-परलोक में कल्याण! - कथाव्यास डॉ. ष्यामसुन्दर पाराषर
श्री वेदलक्षणा गोमहिमा सत्संग सप्ताह के जून माह की सप्त दिवसीय भागवत कथा समापन समारोह में व्यासपीठ से कथाव्यास डॉ. ष्यामसुन्दर पाराषर ने कहा कि ‘‘गोसेवक,गोभक्त एवं गोपालक को सभी देवताओं का अलग-अलग पूजन, अर्चनादि करने की आवष्यकता नहीं रह जाती है क्योंकि सभी देवी-देवता गोमाता में निवास करते हैं। उन्होंने कहा कि गोमाता की प्रसन्नता में ही समस्त ईष्वरीय षक्तियों को प्रसन्नता मिलती है। पवित्र भाव से चारा-पानी,छांया की सेवा करते हुए पूरे मनोवेग से गोमाता के सुख की चिन्ता करते हुए जीवन जीने वाले के सभी पाप नश्ट हो जाते है। गाय अक्षय समृद्धि देने वाली देवों की देव है तथा गोसेवा से लोक-परलोक दोनों में कल्याण संभव है।’’
गोमाता को समर्पित होकर जीवन को षांति,सुख एवं समृद्धिमय बनावें! - गोऋशि स्वामी दत्तषरणानंद महाराज
श्री वेदलक्षणा गोमहिमा सत्संग सप्ताह कथा समापन में ज्येश्ठ पूर्णिमा के अवसर पर परम श्रद्धेय गोऋशि स्वामी दत्तषरणानंद महाराज ने प्रवचन देते हुए घर-घर एवं खेत-खेत गोपालन करने तथा प्रत्येक व्यक्ति के लिए स्वंय अपने हाथों से प्रत्यक्ष गोसेवा करने को सर्वश्रेश्ठ सेवा बताया। उन्होंने कहा कि मारवाड सहित पूरे राजस्थान में अकाल की भयंकर स्थिति है। बाडमेर-जैसलमेर सहित सर्वत्र प्रत्यक्ष खडे होकर गोमाता को घास-चारा तथा पानी की आपूर्ति करने की गंभीर आवष्यकता है।
अतः इस परिस्थिति में हम सब गोमाता के लिये समर्पित होकर अपने जीवन को षांति,सुख एवं समृद्धिमय बना सकते है।
News by Poonam Singh Rajpurohit Gau Sevak
प्रस्तुतिः- कामधेनु गो-अधिकार न्यूज एंड फीचर्स सर्विस!
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