आज से 2 साल पहले ब्रह्मधाम आसोतरा राजपुरोहित समाज की राजधानी से समाज के लिए कुछ फैसले किए गए थे आज ही के दिन यानी कि महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर देखिए यह विशेष पोस्ट हमारी जो कि श्रीमान किशोर सिंह राजपुरोहित द्वारा लिखी गई है।
आज ही के दिन दो वर्ष पूर्व ब्रह्मधाम से समाज हित में जो महत्वपुर्ण निर्णय लिया गया था वो हरेक समाज बन्धु के सर आंखो पे था और हम राजपुरोहित समाज के लिये वो दिन एक नया सवेरा था क्युं की आज के भौतीक जीवन की भागमभाग और महंगे होते सामाजिक खर्चों से समाज का हरेक कोई मध्यम और गरीब दुखी था, कुछ सामाजिक रितियां जो हमारे लिये ढाल का काम करती थी वो कालान्तर में केवल दिखावा और फिजूल खर्चों की कुरितीयां मात्र बन गयी थी जिसका औचित्य अर्थहीन रह गया था उसके जाल में पूरा समाज फंसा हूआ था,
ईस घङी में हमारे आराध्य संत श्री तूलछाराम जी महाराज के सानिध्य में दहेजप्रथा, नशामुक्ती और न्यात जैसी मजबूरी को समाजहित को मध्यनजर रखते हुऐ सीरे से खारीज कर दिया जो हमारे समाज के लिये एक वरदान से कम नही हे ,
अतः गुरू आदेश का पालन हमारा कृत्व्य और सौभाग्य हे।
तीन वो महत्वपूर्ण मुधे जो प्रतिबन्ध किये गये थे जिसमे --
1 --एक (न्यात) जो पुर्णरूप से भूतकाल में समा चूकी हे ,यह समाज की पहली उपल्बधी हे ।
2--दुसरा प्रतिबंध नशा - जो भी लगभग मरणाशन में हे पुर्ण रूप से प्रतिबंधित नही हो पाया क्युं की वो हमारी मजबूरी बन चूकी हे वो एक आदत जो ठहरी , फिर भी इससे पार पाना बहूत ही जरूरी हे ।
3- तीसरा दहेज - दहेज लगभग समाप्ती के कगार पर हे लेकिन फीर भी ना जाने कूछ लोग दहेज का दिखावा करके क्या साबीत करना चाहते हे , हमको यह समझना होगा की जो बात प्रतीबंधित हे फीर भी हम उस रीती को फोलो कर रहे हे तो ईसमे हमारी वाहवाही नहीं तोहीन होती हे क्युं दिखाने से हमारी ओकायत पता चल जाती हे की बस ईतना ही हमारे पास देने को था जो दिखा दिया ईसलिये कहा गया हे बंद मुठी लाख की खूली तो खाक की ।
अगर हम समाज के नियम फोलो नहीं कर रहे हे तो समाज के हम सबसे बङे अपराधी हे , क्युं की ऐसा करके हम सुखी समाज के ताने बाने में असुरी व्ययधान डाल रहे हे जो समाज और आने वाली पीढी हमे कभी माफ नही करेगी !
हम और हमारा समाज सुखी तब ही हो पायेंगे जब हम कुरीती पर नही समाज की जरूरत की रीती पर अग्रसर होंगे । काफी कुछ बदलाव के बावजूद भी सामाजिक विकास में अभी भी रुकावट आ रही है उसका कारण अब सिर्फ मृत्युभोज बना हुआ है जो की पूर्ण रूप से बन्ध नही हुआ है इस पर संज्ञान लेना भी जरूरी है। प्रतिव्यक्ति के मृत्युभोज का खर्च जब शिक्षा में लगेगा उस दिन समाज का सर्वांगीण विकास संभव होगा अतः समाज एवं ब्रह्मधाम से निवेदन रहेगा की इस पर विचार जरूर करे
गुरू महाराज का आशिर्वाद हम पर तभी ही सार्थक होगा जब हम गुरू महाराज के आदेश की अनुपालना करेंगे ।
🚩जय गुरूदेव 👏👏 जय श्री रघुनाथ जी 🙏🙏
✍️ लिखने वाले श्री किशोरसिंह राजपुरोहित असाडा
आप सभी से एक बार और विनती की इस पोस्ट फेसबुक ,Whatsapp,ट्वीटर आदि में शेयर करे .... 🤝🏻👏🏻
आखिल भारतीय राजपुरोहित समाज के सभी बंधुओ को
जय श्री रघुनाथजी री सा
आप सभी से निवेदन है की आप राजपुरोहित समाज इंडिया फेसबुक पेज से जुड़े और पढ़ते & देखते रहिये समाज से जुडी प्रत्येक न्यूज़ हम आपके लिए ले कर आते हैं समाज से जुडी हुई हर वो खबर जो प्रत्येक राजपुरोहित बंधू को पता होनी चाहिए की क्या हो रहा हमारे समाज में तो लाइक करे आज ही फेसबुक पेज ,ट्वीटर और सब्सक्राइब करे युट्यूब चैनल।
लाइक करे फेसबुक पेज
ट्वीटर पर फॉलो करे ।
सब्सक्राइब करे यूटयूब चैनल।
जुड़े रहिए राजपुरोहित इंडिया के साथ......
अगर आप भी समाज से जुड़ी कोई न्यूज़ हम तक पहुंचाना चाहता है तो हमारे व्हाट्सएप नंबर पर हमसे संपर्क कर सकते हैं हमारा व्हाट्सएप नंबर है 92864 64911 सवाई सिंह राजपुरोहित मीडिया प्रभारी सुगना फाउंडेशन
No comments:
Post a Comment
यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर(Join this site)अवश्य बने. साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ. यहां तक आने के लिये सधन्यवाद.... आपका सवाई सिंह 9286464911