श्री ब्रह्मर्षि खेतेश्वर जन्म स्थली महातीर्थ धाम बिजरोल खेड़ा मे पूज्य श्री ब्रह्मलीन स्वामी श्री1008श्री आत्मानंद सरस्वती जी महाराज का 98वां जन्मोत्सव मनाया।
श्री शिक्षा सारथी अलंकरण से विभूषित परम् पूज्य श्री ब्रह्मलीन स्वामी श्री श्री 1008 श्री आत्मानंद सरस्वती जी महाराज का 98 वां जन्मोत्सव श्री खेतेश्वर जन्म भूमी मन्दिर परिसर में शारीरिक दूरी तथा सरकारी नियमों की पालना करते हुए मनाया गया । परम पूज्य श्री दीनदयालजी महाराज जी के सानिध्य में हुए इस कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन व वैदिक मंत्रों के साथ हुआ । पुष्पांजलि द्वारा परम् पूज्य श्री आत्मानंद सरस्वती जी महाराज व उनके कार्यों का स्मरण किया गया । इस अवसर पर ब्रह्मर्षि खेतेश्वर वेद विज्ञान गुरुकुल बिजरोल खेड़ा, के प्रधानाध्यापक श्री त्रिकमाराम जी राजपुरोहित ने समाज बन्धुओं को संबोधित करते हुए कहा कि पूज्य श्री आत्मानंद सरस्वती जी महाराज ने अपना संपूर्ण जीवन समाज को शिक्षित करने हेतु समर्पित कर दिया , तथा उन्होंने समाज के विद्यार्थियों के लिए विभिन्न स्थानों पर छात्रावासों का निर्माण करवाया और संचालित किया ।
समाज कल्याण के मार्ग पर अग्रसर होते हुए उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया साथ ही उन्होंने बताया कि किस तरह हमारे समाज के सन्त गण समाज को ऊर्जावान बनाने का भरसक प्रयास कर रहें हैं अतः हमें भी इनका पूर्ण मनोयोग से आप हम सब को मिल कर सहयोग करना चाहिए । ऋषियों और सन्तों के मार्गदर्शन से हम सन्मार्ग की ओर प्रेरित होकर उत्कृष्ट कार्य संपादित करेंगे । साथ ही साथ उन्होंने कहा कि श्री आत्मानंद जी महाराज जी के इस पुनीत कार्य को श्री गुरू देव जी का परम् आर्शीवाद लेकर इस श्री शिक्षा रुपी महान् कार्य को करने में जुडें है, पूज्य वेदान्ताचार्य डॉ ध्यानाराम जी महाराज जी और परम् पूज्य श्री दीनदयाल जी महाराज जी ने श्री गुरु देव जी की पावन सत् प्रेरणा लेकर कर के कर रहे है , उनका भरपूर सहयोग करना चाहिए । और परम् पूज्य श्री दीनदयालजी महाराज जी का सानिध्य हमें हर पल प्राप्त हो रहां है श्री बिजरोल खेड़ा में,और,गुरुकुल के आचार्य पं. श्री मोतीलाल जी शर्मा ने कहा कि श्री आत्मानंद जी महाराज ने कठिन परिश्रम से जिस कार्य को संपादित किया है उस कार्य को अब आप हम सब को मिलकर आगे बढ़ाना चाहिए । पूज्य श्री आत्मानंद जी महाराज ने जिस प्रकार कण-कण सहेजते हुए असंभव कार्य अपने परिश्रम व त्याग तपस्या के बल पर कर दिखाए उस कार्य को परम वैभव पर पहुंचाने के लिए हमें हमारे सामर्थ्य के अनुसार यथासंभव तन,मन,धन से योगदान देकर इसे और सफल बनाना होगा आचार्य श्री मोतीलाल जी शर्मा ने श्री आत्मानंद जी महाराज के जीवन प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए उनके चरित्र से प्रेरणा लेने का आग्रह किया । उन्होंने कहा कि परम् पूज्य श्री आत्मानंद जी महाराज जी के पूनीत कार्य में सभी को सहयोगी बनकर अपने समाज के विकास में अपनी आहुति सुनिश्चित करनी होगी । इस अवसर पर श्री बिजरोल खेड़ा,मंदिर ट्रस्ट के मैनेजर श्री गणपतसिंह जी राजपुरोहित गाव खिरोड़ी , प्रधान पुजारी जी श्री तेजाराम जी राजपुरोहित गाव कोड़का आदि समाज बन्धु व मंदिर के कर्मचारी मौजूद रहे ।।कार्यक्रम के दौरान आचार्य श्री श्रवण सिंह जी राजपुरोहित ने वैदिक मंत्रोच्चार किया और विश्वशान्ति प्रार्थना के साथ इस कार्यक्रम को विधिवत संपन्न किया गया।
jai ho
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