विक्रम सिंह राजपुरोहित की कलम से...
एक बारगी राजनीति के ध्रुव तारे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी की बाड़मेर के कनना गांव पधारे थे!
वहां वे राजपुरोहितो की किसी सभा के सम्मिलित हुए....वहाँ अमळ की मनुहार चल रही थी तब अटल जी ने कहा कि आप शौर्य के लिए जाने जाते है...कृपया कर इस नशे का त्याग करे।
पर इस ऐतिहासिक सलाह के बाद भी यह बदस्तूर जारी रहा और फिर आसोतरा के आदेश के बाद ज़रूर इसमें पाबंदी तो लगी है पर युवा पीढ़ी इसमे आज भी संलग्न है.. मैं देखता हूँ कि आज के नवयुवा गांजा फूंकते रहते है व अफीम का तो चोकलेट की तरह सेवन करते है!
विक्रम सिंह राजपुरोहित बताते हैं कि मैं जिस पीढी में जन्मा हूं जब स्कूल,कॉलेज जाता था तब गांव के उम्र में बड़े किसी भी आदमी के सामने ऐसी नशा करने की प्रवर्ति तक नही थी। एक पीढ़ी का उम्र का लिहाज था। अब आज के झींगुर जिनका पेंट भी चलते वक्त नीचे पड़ता है वे आराम से सिगरेट पीते है सिगरेट तो छोड़ दीजिए उसमे गांजा पीना भी आम बात है .. शराब भी पी लेते है ओर अफीम कौन खाए अब अफीम का दूध चाटते है. स्मेक भी पीते है
कुल मिलाके आज की पीढ़ी में ज़्यादातर का तो सत्यानाश हो चुका है
इस फोटो में ठा.सा. अमल की मनुहार कर रहे है |
1986 में अटल जी पार्टी संगठन के चुनाव में कनाना पधारे थे , तब कनाना ठा. सा. नरपत करण जी जो बालोतरा पंचायत समिति से प्रधान थे । ठा. नरपत करण जी ने पार्टी सहयोग के लिए कनाना ग्राम से 21,000 रु भेंट किए थे । उस समय बहुत बड़ी राशि भेंट होने पर अटलजी ने नरपत करण जी का आभार जताया था । तब उन्हीं कोटडी़ में बैठक थी तब ठा.सा. नरपत करण जी ने परंपरानुसार अमल की मनुहार की थी तब उन्होंने ये बात कही थी । इस फोटो में ठा.सा. अमल की मनुहार कर रहे है
कनाना कोटडी़ में भोजन करते हुए |
जीवन मे वैसे भी बहुत समस्याए है...यह उड़ती समस्या लेकर क्यो अपने परिवार के लिए समस्या खड़ी कर रही है यह युवा पीढ़ी!
Bahut bahut dhanyvad Anita ji
ReplyDeleteचिंतनीय!!
ReplyDeleteअपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
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