इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि यह केवल भाषणों तक सीमित नहीं रहा। यहाँ वक्ताओं और छात्रों के बीच सीधा क्रॉस-क्वेश्चनिंग हुआ और भोजन के दौरान भी खुले संवाद में विचारों का अनौपचारिक आदान-प्रदान चलता रहा। छात्रों ने चुनौतियों को संबोधित करने के लिए ठोस रणनीति बनाने का संकल्प लिया।
सत्र को विशिष्ट मार्गदर्शन प्राप्त हुआ: डॉ. जगदीश सिंह जी, रूपावास (असिस्टेंट प्रोफेसर, DU) ने छात्र जीवन को प्रबंधित करने पर अपने अनुभव साझा किए; एडवोकेट गौरव राज सिंह जी, जूड़िया ने समाज में बालिका शिक्षा के महत्व पर ज़ोर दिया; पूरण सिंह जी, बागरा (सीनियर मेंटर, Vision IAS) ने आधुनिकता और संस्कृति के बीच संतुलन पर बात की, वहीं संजय सिंह जी, देसलसर (सीनियर मैनेजर) ने राजपुरोहित समाज की सांस्कृतिक समृद्धि पर प्रकाश डाला।पूरे कार्यक्रम का प्रभावशाली संचालन विपुल सिंह जी, डंडली (IIMC, दिल्ली) द्वारा किया गया!
इस सफल कार्यक्रम का प्रबंधन विशेष रूप से RSFI की JNU कोर टीम के वरिष्ठ छात्रों द्वारा किया गया, जिनमें तरुण सिंह जी, धरमधारी; धीरज सिंह जी, तालकिया, मोती सिंह जी, मिथोड़ा, कुलदीप सिंह जी, कल्याणपुरा पुरोहितान, जगदीश सिंह जी, बालासर और विपुल सिंह जी, सिरोड़ी, RSP रियाँ बड़ी, रिद्धि जी सांचौर। प्रवीण जी लुम्बावास शामिल थे। । यह आयोजन स्पष्ट करता है कि राजपुरोहित समाज का भविष्य, सक्षम, संकल्पित और संवादप्रिय युवा नेतृत्व के हाथों में सुरक्षित है। यह मिलन समाज में एक नई शुरुआत का प्रतीक बन गया है।







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