ब्रह्मधाम गादीपति संत श्री तुलसाराम जी महाराज के परम शिष्य डॉ वेदांतचार्य डाॅ ध्यानाराम जी महाराज के जन्मदिन के मौके पर कवि और भाई श्री नरपत सिंह राजपुरोहित द्वारा मारवाड़ी भाषा में लिखी यह रचना आप सभी के सामने प्रस्तुत करता हूं।
जलमभौम गढ बावड़ी , आंगण आया आप ।
बाळपणे मह बापसी ,, मन सुं जपियो जाप ।।
बारह बरस बाळपणो ,,,,, होयो हरि सूं हैत ।
आया धाम आसोतरा , मनड़ो ग्यो जद चेत ।।
तरवर तुलसाराम जी ,,,, सराय चेलो खास ।
गुरुवर ध्यानाराम जी , बण ग्या साचा दास ।।
वेद पढिया वरदान सूं , (श्री) खेतेश्वर आसीस ।
काशी ने कर जोड़ ने ,,, आप नवायो शीश ।।
ज्ञान ले गुणवान होय , अर बण्या वेदांत ।
गुरुवर ध्यानाराम जी ,, होया साचा संत ।।
संस्कारो री सीख ले , घुमिया सकल समाज ।
राजपुरोहित कुळ मांय ,,,, पूरो करसी काज ।।
गुरुदेव वेदान्ताचार्य डॉ. ध्यानाराम जी महाराज रै जनमदिन री मोकळी शुभकामनावां अर बधायां ।
ऑल कॉपीराइट @ कवि और लेखक नरपत सिंह राजपुरोहित #हृदय ❤✍🙏😊
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