संघर्षशील व्यक्ति के लिए आशा की किरण एवम तपती रेत में ओस की बूंद की तरह थे जो खुद का अस्तित्व मिटाकर कर भी औरों के हक के लिए हमेशा संघर्षरत रहते थे।
दिलीप सिंह राजपुरोहित ने बताया सौभाग्य से मुझे भी श्री गेबसिंहजी जैसे सच्चे एवं निस्वार्थ इंसान का सानिध्य प्राप्त हुआ तथा सेवा का थोड़ा बहुत भी जज्बा मुझे तुच्छ प्राणी में अगर है तो उसकी वजह श्री गैबसिंहजी जैसे महापुरुष ही है वास्तव में इंद्राणा ही नही सिवांची मालानी राजपुरोहित समाज ने एक सच्चा एवं निर्भीक इंसान को खोया है जिसकी क्षतिपूर्ति आज के समय में दुष्कर है।
भगवान दिवंगत आत्मा को श्री चरणों में स्थान प्रदान कर मोक्षगति दे एवम शोकाकुल परिवार को संबल प्रदान करें
टीम सुगना फाउंडेशन और राजपुरोहित समाज इंडिया की ओर से सादर श्रद्धांजलि शत-शत नमन
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